फ़ार्स खाड़ी के ईरानी द्वीप- 14
फ़ार्स की खाड़ी में 65 से अधिक छोटे-बड़े द्वीप हैं।
इनमें से हरएक की अपनी अलग विशेषता है। इन्हीं द्वीपों में से एक का नाम "लावान" है जो फ़ार्स की खाड़ी में 28 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। लावान द्वीप प्रशासनिक दृष्टि से ईरान के "हुरमुज़गान" प्रांत का भाग है। लावान द्वीप की लंबाई लगभग साढे पांच किलोमीटर है। इसकी चौड़ाई लगभग आठ किलोमीटर है। लावान द्वीप का कुल क्षेत्रफल 78 वर्ग किलोमीटर है। इसको "क़िश्म" व "कीश" द्वीपों के बाद फ़ार्स की खाड़ी का तीसार सबसे बड़ा द्वीप बताया जाता है। यह द्वीप प्राचीन काल से मोती के सीपों का केन्द्र रहा है। यही कारण है कि इसे फ़ार्स की खाड़ी के गुप्त मोती का नाम दिया गया है।
लावान द्वीप पर लगभग दो हज़ार लोग जीवन व्यतीत करते हैं। इन लोगों में अधिकांश अरब मूल के लोग हैं जो अरबी और फ़ार्सी भाषाओं में बात करते हैं। प्राचीनकाल से ही इस द्वीप के कुछ लोग मोती के सीपों का शिकार करते आए हैं। ऐसे लोगों की संख्या आज भी बहुत ही कम है। वर्तमान समय में इस द्वीप पर रहने वालों का मुख्य व्यवसाय मछली पकड़ना है। हालांकि हालिया कुछ वर्षों के दौरान स्थानीय लोगों का झुकाव अधिक्तर तेल कंपनियों में काम करने की ओर हुआ है। गर्मियों में यहां का तापमान लगभग 50 डिग्री सेंटीग्रेड हो जाता है। इस द्वीप पर आदर्ता बहुत अधिक है।
लावान द्वीप पर विशेष जाति के हिरन पाए जाते हैं जिनका वैज्ञानिक नाम Gazella bennettii गज़ेलाबेनेटी है। यहां पर इस प्रजाति जाति के लगभग 150 हिरन वास करते हैं। लावान पर बड़ी संख्या में जंगली भेड़े पाई जाती हैं। इस द्वीप पर प्रतिवर्ष मार्च से अगस्त के बीच समुद्री कछुओं की कई ज्रजातियां अंडे देने के लिए पहुंचते हैं।
लावान द्वीप के निकट जल में तेल के बहुत बड़े भण्डार पाए जाते हैं। वर्तमान समय में यह द्वीप तेल के उद्योग से विशेष होता जा रहा है। इसमें लावान रिफाइनरी है। लावान का विशेष आर्थिक स्थानीय संघ, इसके विकास का काम करता है। यह संघ ईरान की राष्ट्रीय तेल कंपनी के अन्तर्गत काम करता है। लावान द्वीप का विकास तीन विषयों के अन्तर्गत किया जा रहा है। ऊर्जा, वाटरशेड मनेजमेंट और मत्सयपालन। इस द्वीप पर तेल उत्पादों के निर्यात के लिए एक बंदरगाह और जेटी भी है।
लावान द्वीप के लगभग 45 प्रतिशत भाग पर वनस्पति पाई जाती है। यहां की ज़मीन कृषि के लिए उपयुक्त तो है किंतु लावान पर मीठे पानी की कमी के कारण यहां पर खेतीबाड़ी बहुत ही सीमित है। यहां पर सामान्यतः ग़ल्ला और खजूर की पैदावार होती है। इसकी खेती में भूमिगत जल से सिचांई की जाती है। हांलाकि राष्ट्रीय तेल कंपनी इस बात की कोशिश कर रही है कि यहां पर मीठा पानी उपलब्ध कराकर गर्मी के मौसम के फलों को पैदा किया जाए।
फार्स की खाड़ी में स्थित द्वीपों में से एक अन्य द्वीप है, "शीदूर"। यह स्वयं में अद्वितीय द्वीप हैं। यह फ़ार्स की खाड़ी में स्थित द्वीपों में से सबसे छोटा द्वीप है। कहते हैं कि यदि कोई इस द्वीप के सबसे ऊंचे भाग पर खड़ा होकर अपने इर्दगिर्द देखे तो वह द्वीप के चारों ओर के पानी को बड़ी सरलता से देख सकता है। शीदूर का क्षेत्रफल 98 हेक्टयर है। यह लावान द्वीप से लगभग 1400 मीटर पूर्व में स्थित है। यह द्वीप भी प्रशासनिक दृष्टि से हुरमुज़गान प्रांत में आता है। शीदूर द्वीप के केन्द्रीय बिंदु से तट तक की दूरी लगभग 9 दश्मलव 4 किलोमीटर है।
शीदूर द्वीप पर बड़ी संख्या में काले ज़हरीले सांप पाए जाते हैं। यह काले सांप छोटे होते हैं और सामान्यत द्वीप पर रेत के नीचे होते हैं। शायद यही वजह है कि इसे सापों का द्वीप भी कहा जाता है। इस द्वीप के निर्जन होने का मूल कारण भी यही है कि यहां पर ज़हरीले सांप होते हैं। विमान से यह असमांतर भुजाओं वाला द्वीप दिखाई देता है। शीदूर द्वीप को फ़ार्स की खाड़ी में स्थित द्वीपों में प्रवाल या मूंगा द्वीप के नाम से जाना जाता है। यहां पर एशिया में मूंगे की बेहतरीन चट्टान मौजूद है।
यहां पर पाए जाने वाले विभिन्न मूंगों में दो प्रकार के मूंगे अधिक मश्हूर हैं। इस द्वीप पर मूंगों के पाए जाने का कारण फ़ार्स की खाड़ी की इकोलाजिक परिस्थितियों से यहां का अनुकूल होना है। अब तक फ़ार्स की खाड़ी में 70 प्रकार के मूंगों की खोज की जा चुकी है। इन सत्तर प्रकार के मूंगों में से 45 प्रकार के मूंगे ईरान के समुद्री जलक्षेत्र में मौजूद हैं। फ़ार्स की खाड़ी में जो मूंगे पाए जाते हैं उनमें सबसे अधिक एक्रोपोरा (Acropora ) मूंगा पाया जाता है।
बताते हैं कि शीदूर द्वीप, ज़ाग्रुस पर्वत श्रंखला के तलहटी के क्षेत्रों के ऊबड़-खाबड़ क्षेत्रों से अस्तित्व में आया है। इस द्वीप पर तीन प्रकार के तट पाए जाते हैं। चट्टान वाले, पथरीले और रेतीले। द्वीप के रेतीले तट पतले हैं जो इसके पूर्वोत्तरी क्षेत्र में जाकर कुछ चौड़े हो जाते हैं। आगे चलकर यही रेत के नोकीली चट्टानों के रूप में दिखाई देते हैं। द्वीप के पश्चिमी और दक्षिण पश्चिमी भाग में चट्टानों वाले तट दिखाई देते हैं। इसके चट्टान वाले तटीय क्षेत्र कहीं-कहीं पर दो मीटर ऊंची दीवार के रूप में स्थित हैं। आगे जाकर यही चट्टानी किनारे, पथरीले मैदान के रूप में दिखाई देते हैं। शीदूर द्वीप के उत्तरी और दक्षिणी क्षेत्र में रेतीली चट्टाने दिखाई देती हैं जिसका मध्य भाग एसा है जैसे वहां पर थोड़ा गढ़ा सा हो।
इस द्वीप के कुछ स्थानों पर वनस्पतियां और हरियाली इतनी अधिक और घनी है कि वहां से गुज़रना बहुत कठिन ही नहीं बल्कि असंभव सा लगता है। यहां पर अधिकतर झाड़ियां पाई जाती हैं। इस द्वीप के पश्चिमोत्तरी क्षेत्र में बड़ी संख्या में Salvadora Persica के पेड़ पाए जाते हैं। क्षेत्र में नाना प्रकार की वनस्पतियों को भी देखा जा सकता है।
शीदूर द्वीप के क्षेत्रफल के कम होने के बावजूद यहां पर एक प्रकार की विशेष अबाबील अंडे देने के लिए आती हैं। इसके अतिरिक्त समुद्री कछुए भी इस स्थान पर अंडे देने के लिए आते हैं। कहते हैं कि नाना प्रकार के पक्षियों, समुद्री कछुओं और इको सिस्टम वाले मूंगों पर शोध के लिए यह बहुत ही उपयुक्त स्थल है। वर्तमान समय में द्वीप पर तरह-तरहे के पक्षियों के अतिरिक्त समुद्री कछुए, रेत में रहने वाले गिरगिट, विशेष प्रकार के सांप और विलुप्त होते केकड़ों को देखा जा सकता है।
शीदूर द्वीप पर दूर-दूर से जो पक्षी पलायन करके आते हैं उसका मुख्य कारण इसका निर्जन और शांत होना है। शोध से पता चलता है कि इस द्वीप पर हज़ारों की संख्या में Sterna Peperessa नाम की सफ़ेद रंग की अबाबीलें वास करती हैं। इस द्वीप पर पूर्ण रूप से शांति के कारण ही भांति-भांति के पक्षी दूर-दूर से यहां अंडे देने के लिए पहुंचते हैं। ईरान में पहली बार हरे रंग के बगुले को यहां पर ही देखा गया है। विभिन्न प्रकार की अबाबीलें और तटीय बगुले यहीं रहकर अंडे-बच्चे देते हैं।
शीदूर द्वीप पर जहां मूंगे पाए जाते हैं वहीं पर फ़ार्स की खाड़ी में मोती के सीपों का यह सबसे उपयुक्त स्थल है। पक्षियों के अन्तर्राष्ट्रीय संघ ने शीदूर द्वीप को मध्यपूर्व में पक्षियों का सबसे महत्वपूर्ण स्थल अर्थात Importan bird area का नाम दिया है। इसको पर्यावरण विभाग की ओर से संचालित किया जाता है। शीदूर द्वीप के उस भाग में जहां पर मूंगे बहुतायत में पाए जाते हैं उसे रामसर कन्वेंशन में अन्तर्राष्ट्रीय तालाब के रूप में पंजीकृत किया गया है।