Jan ०१, २०१९ ११:३५ Asia/Kolkata

क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-701

 

طسم (1) تِلْكَ آيَاتُ الْكِتَابِ الْمُبِينِ (2) نَتْلُو عَلَيْكَ مِن نَّبَإِ مُوسَىٰ وَفِرْعَوْنَ بِالْحَقِّ لِقَوْمٍ يُؤْمِنُونَ (3)

 

ता सीन मीम (28:1) ये स्पष्ट करने वाली किताब की आयतें हैं। (28:2) (हे पैग़म्बर!) हम ईमान लाने वालों (की सूचना के लिए) मूसा और फ़िरऔन के जीवन के कुछ भाग की सटीक तिलावत आपके समक्ष करते हैं। (28:3)

 

إِنَّ فِرْعَوْنَ عَلَا فِي الْأَرْضِ وَجَعَلَ أَهْلَهَا شِيَعًا يَسْتَضْعِفُ طَائِفَةً مِّنْهُمْ يُذَبِّحُ أَبْنَاءَهُمْ وَيَسْتَحْيِي نِسَاءَهُمْ إِنَّهُ كَانَ مِنَ الْمُفْسِدِينَ (4)

 

निश्चतय ही फ़िरऔन ने (मिस्र की) धरती में उद्दंडता की और वहां के लोगों को विभिन्न गुटों में बांट दिया। उनमें से एक गुट को कमज़ोर कर रखा था। वह उस (गुट के लोगों) के बेटों की हत्या करता और उनकी महिलाओं को जीवित रहने देता। निश्चय ही वह बुराई फैलाने वालों में से था। (28:4)

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