Jan ०१, २०१९ १३:२७ Asia/Kolkata

क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-707

 

قَالَتْ إِحْدَاهُمَا يَا أَبَتِ اسْتَأْجِرْهُ إِنَّ خَيْرَ مَنِ اسْتَأْجَرْتَ الْقَوِيُّ الْأَمِينُ (26)

 

उन दोनों लड़कियों में से एक ने (शुऐब से) कहा, हे पिता! इन्हें मज़दूरी पर रख लीजिए कि निश्चित रूप से सबसे अच्छा व्यक्ति जिसे आप नौकरी पर रखें, वही है जो सशक्त और अमानतदार हो। (28:26)

 

قَالَ إِنِّي أُرِيدُ أَنْ أُنْكِحَكَ إِحْدَى ابْنَتَيَّ هَاتَيْنِ عَلَى أَنْ تَأْجُرَنِي ثَمَانِيَ حِجَجٍ فَإِنْ أَتْمَمْتَ عَشْرًا فَمِنْ عِنْدِكَ وَمَا أُرِيدُ أَنْ أَشُقَّ عَلَيْكَ سَتَجِدُنِي إِنْ شَاءَ اللَّهُ مِنَ الصَّالِحِينَ (27) قَالَ ذَلِكَ بَيْنِي وَبَيْنَكَ أَيَّمَا الْأَجَلَيْنِ قَضَيْتُ فَلَا عُدْوَانَ عَلَيَّ وَاللَّهُ عَلَى مَا نَقُولُ وَكِيلٌ (28)

 

शुऐब ने (मूसा से) कहा, "मैं चाहता हूँ कि अपनी इन दोनों बेटियों में से एक का विवाह तुम्हारे साथ इस शर्त पर कर दूँ कि तुम आठ वर्ष तक मेरे यहाँ नौकरी करो। और यदि तुम दस वर्ष पूरे कर दो तो यह तुम्हारी ओर से होगा और मैं तुम्हें कठिनाई में डालना नहीं चाहता। यदि ईश्वर ने चाहा तो तुम मुझे भले लोगों में से पाओगे। (28:27) मूसा ने कहा, यह मेरे और आपके बीच तै हो गया। इन दोनों अवधियों में से जो भी मैं पूरी कर दूँ तो मुझ पर कोई अत्याचार नहीं होगा। और जो कुछ हम कह रहे है, उस पर ईश्वर (गवाह और) रक्षक है। (28:28)

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