Jan ०१, २०१९ १४:३२ Asia/Kolkata

क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-716

 

وَقِيلَ ادْعُوا شُرَكَاءَكُمْ فَدَعَوْهُمْ فَلَمْ يَسْتَجِيبُوا لَهُمْ وَرَأَوُا الْعَذَابَ لَوْ أَنَّهُمْ كَانُوا يَهْتَدُونَ (64)

 

और उनसे कहा जाएगा अपने साझीदारों को बुलाओ (जिन्हें तुम ईश्वर का समकक्ष समझते थे) तो वे उन्हें बुलाएंगे किन्तु वे उनका कोई उत्तर न देंगे। और दंड देखेंगे। (वे कामना करेंगे कि) काश वे मार्गदर्शित हो जाते! (28:64)

 

وَيَوْمَ يُنَادِيهِمْ فَيَقُولُ مَاذَا أَجَبْتُمُ الْمُرْسَلِينَ (65) فَعَمِيَتْ عَلَيْهِمُ الْأَنْبَاءُ يَوْمَئِذٍ فَهُمْ لَا يَتَسَاءَلُونَ (66) فَأَمَّا مَنْ تَابَ وَآَمَنَ وَعَمِلَ صَالِحًا فَعَسَى أَنْ يَكُونَ مِنَ الْمُفْلِحِينَ (67)

 

और याद करो उस दिन को जिस दिन ईश्वर उन्हें पुकारेगा और कहेगा तुमने रसूलों को क्या उत्तर दिया था? (28:65) तो उस दिन उनसे ख़बरें छिपी होंगी और वे आपस में भी पूछताछ न कर पाएंगे। (28:66) अलबत्ता जिसने तौबा की होगी और ईमान ले आया होगा और अच्छे कर्म किए होंगे तो आशा है कि वह कल्याण पाने वालों में से होगा। (28:67)

 

وَرَبُّكَ يَخْلُقُ مَا يَشَاءُ وَيَخْتَارُ مَا كَانَ لَهُمُ الْخِيَرَةُ سُبْحَانَ اللَّهِ وَتَعَالَى عَمَّا يُشْرِكُونَ (68) وَرَبُّكَ يَعْلَمُ مَا تُكِنُّ صُدُورُهُمْ وَمَا يُعْلِنُونَ (69)

 

और तुम्हारा पालनहार जिस चीज़ की चाहता है रचना कर देता है और (जो चाहता है) ग्रहण करता है। (ईश्वर के मुक़ाबले में) उन्हें कोई अधिकार प्राप्त नहीं है। ईश्वर उनके द्वारा किसी को उसका समकक्ष ठहराए जाने से कहीं महान और उच्च है। (28:68) और तुम्हारा पालनहार जो कुछ उनके सीने छिपाते है और जो कुछ वे लोग व्यक्त करते हैं, उन सबसे अवगत है। (28:69)

 

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