क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-740
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-740
وَمِنْ آَيَاتِهِ مَنَامُكُمْ بِاللَّيْلِ وَالنَّهَارِ وَابْتِغَاؤُكُمْ مِنْ فَضْلِهِ إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآَيَاتٍ لِقَوْمٍ يَسْمَعُونَ (23
और उसकी निशानियों में से तुम्हारा रात और दिन का सोना और उसकी कृपा से तुम्हारा (रोज़ी को) तलाश करना भी है। निश्चय ही इसमें उन लोगों के लिए निशानियाँ है जो सुनते हैं। (30:23)
وَمِنْ آَيَاتِهِ يُرِيكُمُ الْبَرْقَ خَوْفًا وَطَمَعًا وَيُنَزِّلُ مِنَ السَّمَاءِ مَاءً فَيُحْيِي بِهِ الْأَرْضَ بَعْدَ مَوْتِهَا إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآَيَاتٍ لِقَوْمٍ يَعْقِلُونَ (24)
और उसकी (शक्ति की) निशानियों में से यह भी है कि वह तुम्हें बिजली की चमक दिखाता है जो भय और आशा का कारण है। और वह आकाश से पानी बरसाता है। फिर उसके द्वारा धरती को उसके निर्जीव हो जाने के पश्चात जीवन प्रदान करता है। निःसंदेह इसमें उन लोगों के लिए निशानियाँ है जो बुद्धि से काम लेते हैं। (30:24)
وَمِنْ آَيَاتِهِ أَنْ تَقُومَ السَّمَاءُ وَالْأَرْضُ بِأَمْرِهِ ثُمَّ إِذَا دَعَاكُمْ دَعْوَةً مِنَ الْأَرْضِ إِذَا أَنْتُمْ تَخْرُجُونَ (25)
और उसकी निशानियों में से यह भी है कि आकाश और धरती उसके आदेश से क़ायम है। फिर जब वह तुम्हें एक बार पुकार कर धरती में से बुलाएगा, तो तुम सहसा ही (क़ब्रों से) निकल पड़ोगे। (30:25)
وَلَهُ مَنْ فِي السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ كُلٌّ لَهُ قَانِتُونَ (26)
और आकाशों और धरती में जो कोई भी है, उसी का है। (सृष्टि की व्यवस्था में) हर एक उसी का आज्ञाकारी है। (30:26)