ईरान भ्रमण- 12
जब आप यासूज शहर के प्रवेश द्वार पर पहुंचते हैं तो वहां एक बोर्ड पर लिखा हुआ हैः झरनों के शहर यासूज में आपका स्वागत है।
यह वाक्य पढ़कर पर्यटक ख़्यालों में खो जाता है। उसे लगता है कि वह सपनों के शहर में आ गया है। यह शहर अपनी विशेष प्रकृति की वजह से विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। यासूज ईरान का दक्षिण-पश्चिमी शहर है जो के हगीलूये व बुवैर अहमद प्रांत का केन्द्र है। इस शहर के ज़्यादातर निवासी लुर जाति के हैं। लुर जाति ईरान के पठार में बसने वाली पुरानी जातियों में से एक है। लुर जाति प्राचीन समय से इस शहर में रह रही है। यासूज शहर के बसने से पहले यहां पर तल्ले ख़ुसरो नामक एक प्राचीन शहर था जो लगभग 2000 साल पुराना था लेकिन इस समय अब कुछ टीलों और एक गांव के अलावा इस प्राचीन शहर के कुछ आसार नज़र नहीं आते। यासूज शहर बश्शार नामक नदी के किनारे बसा है। यह नदी कई प्रांतों से गुज़रते हुए फ़ार्स की खाड़ी में गिरती है। यासूज शहर ठंडे इलाक़े में स्थित है। इसकी जलवायु संतुलित व ठंड की ओर उन्मुख है। इस शहर में बर्फ़ और बारिश बहुत होती है और चोटियों पर साल में लंबे समय तक बर्फ़ जमी होने की वजह से यह शहर पानी के पर्याप्त स्रोत से समृद्ध है। यासूज को यासीज भी कहते हैं जिसका अर्थ है चमेली के फूलों के उगने की जगह। झरने, छोटी-बड़ी नदियां और सुदंर दर्रे यासूज शहर के प्राकृतिक आकर्षण हैं।
यासूज का मशहूर प्राकृतिक आकर्षण यासूज झरना है। यह झरना शहर के केन्द्र से उत्तर में थोड़ी दूर पर स्थित है। वास्तव में ज़ाग्रोस पर्वत के सीने से जोश मारता हुआ सोते का पानी, यासूज शहर के उत्तर में 10 मीटर ऊंचा झरना बन कर गिरता है। झरने का सुंदर दृष्य, पानी से भरी घुमावदार नहरें, फलों के बाग़, फूलों व हरियाली से भरी चरागाहें, पर्यटकों को इस शहर के भ्रमण के लिए प्रेरित करती हैं। यासूज झरने के पास में बहुत ही सुंदर मनोरंजन स्थल बना है। यह मनोरंजन स्थल बलूत, चेनार, अख़रोट और सेब के पेड़ के जंगल के किनारे स्थित है जिससे इलाक़े के सौंदर्य में चार चांद लग गए हैं। इस पिकनिक या मनोरंजन स्थल के आस पास पर्यटकों और यात्रियों के आराम के लिए मंडप और चबूतरे बने हुए हैं। इस मनोरंजन स्थल का कोना कोना इलाक़े की स्थानीय संस्कृति व कला की झलक पेश करता है।
यासूज से दश्तरूम नामक गांव और घुमावदार रास्तों से 26 किलोमीटर की दूरी तय करके तंबे तामुरादी नामक झरनों के समूह पे पहुंचते हैं। ईरान के सबसे सुंदर झरनों में तामुरादी झरने भी हैं। वास्तव में इस दर्रे में 4 झरने पर्यटकों को अपनी ओर सम्मोहित करते हैं। ये झरने 8 से 15 मीटर की ऊंचाई से गिरते हैं। अलबत्ता इस इलाक़े में इससे अधिक ऊंचाई यहां तक 50 मीटर की ऊंचाई से गिरने वाला झरने भी है, लेकिन उन तक पहुंच बहुत कठिन व जोखिम भरी है। आम तौर पर उसे पर्यटक सिर्फ़ सड़क के किनारे से देखते हैं। झरनों के अलावा इस इलाक़े के आकर्षणों में पानी से भरी गुफाएं भी हैं। इन गुफाओं में अबाबीलें आती जाती नज़र आती हैं। क्योंकि अबाबील इन गुफाओं के भीतर घोंसला बनाती हैं। इन गुफाओं के किनारे छोटे-छोटे पानी के हौज़ भी हैं जिनसे प्राकृतिक सौंदर्य निखरा नज़र आता है।
यह सुंदर दर्रा ज़रआवर और सावर्ज़ पहाड़ों से घिरा हुआ है। इस दर्रे में गिलहरी और भालू रहते हैं। इस दर्रे के प्रवेश द्वार पर हख़ामनेशी शासन काल के अवशेष मौजूद हैं। तामुरादी दर्रे के प्रवेश द्वार पर एक मक़बरा है जिसे चट्टान को बहुत उकेर कर बनाया गया है। यह हख़ामनेशी शासन काल के कुलीन वर्ग के किसी सज्जन व्यक्ति का मक़बरा है। सुंदर प्रकृति के पास इस ऐतिहासिक स्थल का दर्शन एक यादगार अनुभव है। इतिहास में है कि वीर ईरानी जनरल आरयू बर्ज़न हख़ामनेशी शासन काल में तामुरादी दर्रे तक अपनी फ़ौज लेकर आए थे और उन्होंने सिकन्दर के हमले के ख़िलाफ़ प्रतिरोध किया था।
यासूज में झरनों के साथ साथ कई पार्क भी हैं। जैसे यासूज फ़ॉरेस्ट पार्क और बश्शार नदी के तट पर बना पार्क। यासूज फ़ॉरेस्ट पार्क शहर के पूर्वोत्तर में लगभग 1000 हेक्टर के क्षेत्रफल पर फैला हुआ है। यह पार्क दक्षिणी ईरान का सबसे बड़ा फ़ॉरेस्ट पार्क है। यह पार्क ढलुवा ज़मीन पर है इसलिए इस पार्क से शहर का बहुत ही सुंदर नज़ारा देखने में आता है। इस पार्क में ज़्यादातर ईरानी बलूत के पेड़ हैं और वनस्पतियों में जंगली बादाम, बाजरा और पहाड़ी पिस्ते तथा कुछ दुर्लभ पेड़ भरे पड़े हैं। जंगल का ऊपरी भाग भी विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटियों से भरा हुआ है।

यासूज का एक और मनोरजंन स्थल बश्शार नदी के तट पर बना पार्क है। यह पार्क शहर के प्रवेश द्वार पर पड़ता है। बश्शार नदी हमेशा पानी से भरी रहती है। इस नदी के किनारे पार्क की मौजूदगी इतनी सुंदर लगती है कि इस पार्क में बिताए हुए क्षण पर्यटक कभी भूल नहीं सकता। बश्शार नदी यासूज शहर के निवासियों के लिए जीवन रेखा के समान है।
यासूज से एक किलोमीटर बाहर इस्फ़हान के मार्ग पर एक दर्रा है जिसका नाम है मेहरयान दर्रा। इस दर्रे में इमाम हसन अलैहिस्सलाम के वंश से एक इमामज़ादे इमामज़ादे हसन का मक़बरा है। देश के विभिन्न क्षेत्रों से पर्यटक इस मक़बरे के दर्शन को जाते हैं। पोपलर, बलूत, अफ़रा, चेनार, सनूबर, जंगली अंगूर और जंगली पिस्ते के पेड़ इस इलाक़े की ख़ास पहचान हैं। शीत ऋतु में मेहरयान दर्रे स्कीइंग करने वालों से भरा रहता है। जाड़े के मौसम में इमाम ज़ादा हसन के मक़बरे के सामने स्थित चट्टान बर्फ़ से ढक जाती है और शीत ऋतु की समाप्ति पर इस चट्टान पर जमी बर्फ़ जब टूटती है तो उसकी आवाज़ कई किलोमीटर दूर तक सुनायी देती है। इसके बाद इस चट्टान से बर्फ़ नीचे गिरती है जिससे पूरे शहर के लोगों को बहार के आगमन की सूचना मिलती है। मेहरयान नदी का स्वच्छ पानी यासूज की बश्शार नदी और मशहूर कारून नदी में गिरता है।

यासूज का एक और दर्शनीय स्थल शैख़ सिर्के या शैख़ सदूक़ नामक गांव है। यह गांव अकैन्थस नामक कांटेदार पौधे, रीवंद चीनी और मशरूम जैसी वनस्पतियों तथा अख़रोट, सेब एवं आड़ू के पेड़ों से भरा हुआ है। शैख़ सिर्के का मक़बरा एक टीले पर है जिसके चारों ओर जंगली नाश्पाती के पेड़ उगे हुए हैं। इस गांव में सदाबहार पानी का सोता बहता है जिससे इस गांव के सौंदर्य में चार चांद लग गए हैं।

यासूज के निकट ही एक बहुत की सुंदर दर्रा या घाटी है जिसका नाम आलमून दर्रा है। यह यासूज शहर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आलमून में बहुत से सोते हैं। इसी तरह यह दर्रा अनेक नदियों का उद्गम स्थल भी है। यह स्थल ईरान में स्वच्छ पानी, अछूती प्रकृति, और आनंददायक मौसम के लिए मशहूर है। इस दर्रे में बूलत के जंगल और लाल और पीले रंग के ट्यूलिप के फूल उगते हैं जो घंटियों की तरह लटके हुए नज़र आते हैं।
यासूज के आकर्षण अभी और भी हैं। शीत ऋतु के खेल में रूचि रखने वाले यासूज से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित काकान को अच्छी तरह जानते हैं। ठंडी जलवायु, जाड़े के मौसम में भारी बर्फ़बारी और ऊंचे ऊंचे पहाड़ों की वजह से यासूज को स्कीइंग करने वालों का स्वर्ग कहा जाता है। अगर आपको स्कीइंग न भी आती हो आप ज़ाग्रोस पर्वत के आंचल और दना चोटी पर बैठ कर स्कीइंग का नज़ारा कर सकते हैं। यहां से आप सूरज की रौशनी की वजह से चमकती हुयी बर्फ़ का आनंद उठा सकते हैं।

देना चोटी के पास में एक सुंदर गांव भी है जिसका नाम मज़दक दारता है। यह गांव ट्राउट मछली के पालन की वजह से बहुत मशहूर है। ग्रीष्म ऋतु के शुरु में इस गांव के बीचो बीच धान बोने का दृष्य देखने योग्य है।
यासूज सिर्फ़ प्राकृतिक आकर्षण तक सीमित नहीं है बल्कि यहां पुरातात्विक अहमियत की चीज़ें भी मौजूद हैं। लेमा नामक प्राचीन क़ब्रस्तान, ईलामी शासन काल की संस्कृति को समझने का अच्छा माध्यम है। लेमा क़ब्रस्तान प्राचीन ईरान के इतिहास व संस्कृति में रूचि रखने वालों को अपनी ओर खींचता है।

चाली शाहीन नामक एक छोटे से मैदान में कि जिसके सामने बश्शर नदी बहती है, प्राचीन लेमा क़ब्रस्तान स्थित है। ईलामी शासन काल में इस क़ब्रस्तान में मुर्दे दफ़्न होते थे। आम तौर पर गर्मी के मौसम में फ़ार्स और ख़ूज़िस्तान से लोग यहां पलायन करते थे।
लेमा क़ब्रस्तान में खुदाई से बहुत सी चीज़े बरामद हुयी हैं। क़ब्रस्तान में 60 क़ब्रों की खुदाई के दौरान ख़रपुश्त बरामद हुए। ख़रपुश्त क़ब्र के ऊपर मिट्टी और ईंट से बनाए जाने वाले छोटे कमरे को कहते हैं। इसी तरह इस क़ब्रस्तान में खुदाई के दौरान सुरक्षित खोपड़ियां भी निकली हैं। इस क़ब्रस्तान से मिट्टी के बर्तन, अंगूठी, दस्तबंद और बालियां भी बरामद हुयी हैं। इसी तरह अक़ीक़, मरमर और सोने की वस्तुएं भी बरामद हुयी हैं। यासूज के म्यूज़ियम में इस क़ब्रस्तान से बरामद हुयीं ज़्यादतर चीज़ें रखी हुयी हैं।

यासूज के म्यूज़ियम में तीन दौर की चीज़ें रखी हुयी हैं। इतिहास पूर्व अर्थात नियोलिथिक दौर, ऐतिहासिक दौर और इस्लामी दौर की चीज़ें इस म्यूज़ियम में मौजूद हैं। वैसे इस म्यूज़ियम में मौजूद ज़्यादातर चीज़ें नियोलिथिक दौर की हैं। ऐतिहासिक दौर की चीज़ों में ज़्यादातर सासानी शासन काल के सिक्के हैं। इस म्यूज़ियम की आकर्षक चीज़ों में सासानी राजा शापूर प्रथम का पत्थर पर उकेरा हुआ चित्र है। इसके अलावा इस्लामी दौर में सफ़वी और क़ाजारी शासन काल के सिक्के और चीनी तथा क़ीमती पत्थर के बर्तन हैं।
कुल मिलाकर यह कि यासूज शहर अपनी इन्हीं विशेषताओं व आकर्षणों की वजह से हर साल बड़ी संख्या में देशी विदेशी पर्यटकों की मेज़बानी करता है। बहार के मौसम में यासूज की सुंदर प्रकृति का नज़ारा ऐसा अनुभव है जिसे भुलाया नहीं जा सकता। इसके अलावा शीत ऋतु में विशेष पर्यटक इस इलाक़े का भ्रमण करते हैं जैसे स्कीइंग में रूचि रखने वाले। चार मौसमों वाले इस शहर का साल के किसी भी महीने में भ्रमण करके इसकी प्रकृति का आनंद लिया जा सकता है।