Jun १२, २०१९ १३:०८ Asia/Kolkata

इस कार्यक्रम में सुन्दर प्रांत कूहकिलोए व बूयैर अहमद के एक नगर “सी सख़्त” से आपको परिचित करायेंगे।

कृपया सदा की भांति आज भी हमारे साथ रहें ताकि आपको इस नगर से परिचित करा सकें।

जब हम सुन्दर प्रांत कूहकिलोए व बुएर अहमद पहुंचते हैं तो देना पर्वत के आंचल में सी सख्त नगर को देखते हैं जो ईरान में भ्रमण करने वालों के निकट प्रकृति के स्वर्ग के नाम से प्रसिद्ध है।

प्राचीन किताबों में वर्णित बातों के दृष्टिगत इस नगर का नाम सी सख्त रखने की वजह कड़ाके की ठंड है। कहते हैं कि एक बार बहुत ही कड़ाके की ठंड पड़ रही थी और बहुत अधिक बर्फ गिरी थी जिसके कारण रास्ता भी बंद हो गया था। इस समस्या का समाधान करने के लिए तीस पहलवान मर्द “बीजन तू” नामक मोड़ पर जाते हैं किन्तु चूंकि कड़ाके की ठंड पड़ रही थी और बर्फ बहुत अधिक थी इसलिए वहां जाने वाले तीसों पहलवान पुरुषों की मृत्यु हो जाती है। इसके बाद इस क्षेत्र को “सी सख्त” के नाम से पुकारने लगते हैं और धीरे- धीरे इसका नाम ही “सी सख्त” पड़ गया। यानी वह जगह जहां कड़ाके की ठंड के कारण तीस पहलवान पुरूषों की मृत्यु हो गयी। सी सख्त नगर देना ज़िले का केन्द्रीय नगर है और वह यासूज नगर के 35 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में स्थित है। सुन्दर पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से इस क्षेत्र की जलवायु ठंडी है और पतझड़ के आधे मौसम से लेकर पूरी ठंडक समाप्त होने तक यहां तक कि ठंडक समाप्त होने के बाद भी यह क्षेत्र बर्फ से ढ़का रहता है। इसी कारण इस क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में पानी होता है और इस क्षेत्र के पर्वतीय भागों से सदैव सोते और पानी की नालियां बहती- रहती हैं और यह पानी पूरे क्षेत्र में पहुंचता है और सी सख्त नगर की जलवायु संतुलित है।

सी सख्त में बहुत पर्यटन क्षेत्र हैं जैसे कोहे गुल चश्मे मीशी और दश्तक। चश्मये मीशी क्षेत्र का सबसे अधिक पानी वाला सोता है जो चश्मये बुशू के नाम से भी प्रसिद्ध है। यह सुन्दर सोता बीजन नामक मोड़ पर और सी सख्त नगर के पूर्वोत्तर में स्थित है। इस सोते से नगर के पेयजल की आपूर्ति होती है और इसके अलावा इस सोते के पानी से आस- पास की ज़मीनों की भी सिंचाई होती है।

बीजन मोड़ ईरान के प्रसिद्ध मोड़ों में से एक है और वहां से वाहनों की आवाजाही सीमित नहीं है। अगर आप बसंतु ऋतु की स्वच्छ हवा में सांस लेना और बर्फ से ढ़के क्षेत्रों के लुभावने व आकर्षक दृश्यों को देखना चाहते हैं तो बसंत ऋतु के मध्य में बीजन मोड़ की सैर करें। यहां यह बात उल्लेखनीय है कि बीजन मोड़ 3200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और वह ट्यूलिप के सुन्दर पुष्पों से ढ़का रहता है। इतनी ऊंचाई पर यह मोड़ देखने में एक विशालकाय बोर्ड की भांति प्रतीत होता है और हर देखने वाला इसे देखकर हतप्रभ रह जाता है।

चश्मे मीशी नाम का जो सोता है उसके अलावा भी इस क्षेत्र में दूसरे बहुत सारे सोते हैं। जैसे चश्मये तूफ नाम का एक सोता है जो सी सख्त नगर से लगा हुआ है और वह देना पर्वत की चोटी पर चढ़ाई के मार्ग में स्थित है और इस सोते का शीतल जल पूरे साल बहता- रहता है।  

इस क्षेत्र में तागी नाम का एक दूसरा सोता भी है जो अपने शीतल जल से पर्वतारोहियों की प्यास को बुझाता है और उसके जल से क्षेत्र में अंगूर, सेब और आखरोट के बाग़ों की सिंचाई भी होती है। इस क्षेत्र के बाग़ विभिन्न प्रकार के फलों से भरे पड़े हैं जो सी सख्त नगर की बहुत अधिक बरकत के सूचक हैं। दश्तक क्षेत्र में बलूत के सुन्दर जंगलों को देखा जा सकता है। दश्तक सी सख्त नगर के पश्चिम और देना पर्वत के आंचल में स्थित है।

कोहे गुल क्षेत्र की झीलों की गणना भी क्षेत्र के पर्यटन स्थलों में की जाती है। समूचे ईरान में ये झीलें स्वर्ग के नाम से मशहूर हैं और इन्हें देखने के लिए प्रतिवर्ष बहुत अधिक सैलानी आते हैं। ये झीलें कोहे गुल के हरे- भरे क्षेत्र के ऊपर स्थित हैं और बर्फबारी के मौसम में ये झीलें पानी से भरी होती हैं जबकि दूसरे मौसमों में सूख जाती हैं। इन झीलों को देखने के लिए सी सख्त नगर के आठ किलोमीटर उत्तर में चलना और देना पर्वत की ऊंचाइयों पर पढ़ना होगा। इन झीलों को देखने से एसा प्रतीत होता है जैसे आसमान के सामने स्वच्छ दर्पण रख दिया गया है जिसमें बर्फ से भरी चोटियों को बहुत अच्छी तरह देखा जा सकता है। बसंतु ऋतु में कोहे गुल में जो रंग- बिरंगे पुष्प खिलते हैं उन सबको एक साथ एक स्थान पर देखा जा सकता है।

“सी सख्त” सोतों, टीलों और सुन्दर मैदानों से भरा पड़ा है। इस क्षेत्र की जो चीज़ें देखने योग्य हैं उनमें से एक “आबशार नारी” नाम का झरना है जो इस नगर का सबसे मशहूर झरना है और वह देना के संरक्षित क्षेत्र में स्थित है।

देना का संरक्षित क्षेत्र हरी- भरी वनस्पतियों और विभिन्न प्रकार के जानवरों से भरा पड़ा है और वह ईरान के बेजोड़ पर्यटन क्षेत्रों में से एक है। इस क्षेत्र में नेवला और गिलहरी जैसे जानवरों को भी देखा जा सकता है। यही नहीं इस क्षेत्र में एक विशेष प्रकार की गिलहरी रहती है जिसकी गणना विश्व की सुन्दरतम गिलहरियों में होती है और यह गिलहरी बलूत के जंगलों को जीवित रखने में बहुत प्रभावी भूमिका रखती है। इसी प्रकार इस क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के दुर्लभ पक्षी भी पाये जाते हैं। इस संरक्षित क्षेत्र के अलावा “सी सख्त” के उत्तर पश्चिम में एक सुन्दर जंगल मौजूद है जिसमें बलूत जैसे पेड़, हरी- भरी वनस्पतियां और विभिन्न प्रकार के पुष्प भी पाये जाते हैं।

सी सख्त नगर में बहुत अधिक एतिहासिक अवशेषों की खोज हुई है। पुरातन वेत्ताओं के अनुसार तल्ले इस्पीद नामक प्राचीन टीले से ईसा पूर्व सहस्त्राब्दी यानी ईलामियों से लेकर हखामनिशियों और सासानियों के काल तक यहां तक कि सफवी और काज़ारी दौर तक कि वस्तुएं मिली हैं जैसे सुन्दर प्याले और विभिन्न प्रकार के बर्तन। इसी प्रकार “तल्ले क़लात” नाम का एक बड़ा स्थान है जिस पर पत्थर बिछे हैं और यह जगह सी सख्त नगर के अंदर है और इसका संबंध ईरान में इस्लाम आने के बाद के काल से है यानी सलजूकी काल से लेकर काजारी काल तक। इन दोनों टीलों का पंजीकरण ईरान के राष्ट्रीय धरोहर की सूची में किया गया है।

तिल्ले इस्पीद का जो शिलालेख है वह फार्स प्रांत के रुस्तम क्षेत्र के एक गांव में मिला। इस शिलालेख की लंबाई 52 सेन्टीमीटर और चौड़ाई 46 सेन्टीमीटर है।

इसी प्रकार “पातावेह” नाम का एक एतिहासिक पुल है जो क्षेत्र के दर्शनीय क्षेत्रों में से एक है। बेशार नदी में ऊफान के कारण इस पुल का कुछ भाग नष्ट हो गया है। यह सासानी काल के राजाओं व शासकों के गुजरने का सबसे प्राचीन पुल है और उसे पत्थरों से सुसज्जित किया गया है और उसके नीचे बने बड़े- बड़े ताकों से पानी निकलता है। इस पुल की एक विशेषता यह है कि इस पर लगे पत्थरों को बहुत ही सुन्दर ढंग से उकेर कर लगाया गया है परंतु सबसे मज़बूत पुल का संबंध सफवी काल से है जिसका बहुत अच्छी तरह पुनर्निर्माण किया गया है।

निश्चित रूप से “सी सख्त” नगर की यात्रा विशेषकर पर्वतारोहियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए यादगार यात्रा होगी। आशा है कि आप निकट से आकर ईरानी के मनोरम दृश्यों को देखकर आनंदित होंगे।