क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-752
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-752
وَوَصَّيْنَا الْإِنْسَانَ بِوَالِدَيْهِ حَمَلَتْهُ أُمُّهُ وَهْنًا عَلَى وَهْنٍ وَفِصَالُهُ فِي عَامَيْنِ أَنِ اشْكُرْ لِي وَلِوَالِدَيْكَ إِلَيَّ الْمَصِيرُ (14)
और हमने मनुष्य को उसके अपने माँ-बाप के मामले में सिफ़ारिश की है। उसकी माँ ने उसे पेट में रखा जबकि वह दुर्बल होती जा रही थी और (दूध पिलाने व) दूध छुड़ाने (का समय) दो वर्ष में है। (हमने उसे सिफ़ारिश की कि) मेरे (भी) कृतज्ञ रहो और अपने माँ-बाप के भी कि (अंततः सभी को) लौटना मेरी ही ओर है।(31:14)
وَإِنْ جَاهَدَاكَ عَلى أَنْ تُشْرِكَ بِي مَا لَيْسَ لَكَ بِهِ عِلْمٌ فَلَا تُطِعْهُمَا وَصَاحِبْهُمَا فِي الدُّنْيَا مَعْرُوفًا وَاتَّبِعْ سَبِيلَ مَنْ أَنَابَ إِلَيَّ ثُمَّ إِلَيَّ مَرْجِعُكُمْ فَأُنَبِّئُكُمْ بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُونَ (15)
और यदि वे दोनों इस बात की कोशिश करें कि तुम, उस चीज़ को, जिसका तुम्हें ज्ञान नहीं है मेरा समकक्ष ठहरा दो तो उनका अनुसरण न करो और दुनिया में उनके साथ अच्छा व्यवहार रखो और उसके मार्ग का अनुसरण करो जो मेरी ओर लौटे। फिर तुम सबकी वापसी मेरी ही ओर है तब जो कुछ तुम करते रहे हो उसके बारे में मैं तुम्हें बताऊंगा। (31:15)
يَا بُنَيَّ إِنَّهَا إِنْ تَكُ مِثْقَالَ حَبَّةٍ مِنْ خَرْدَلٍ فَتَكُنْ فِي صَخْرَةٍ أَوْ فِي السَّمَاوَاتِ أَوْ فِي الْأَرْضِ يَأْتِ بِهَا اللَّهُ إِنَّ اللَّهَ لَطِيفٌ خَبِيرٌ (16)
हे मेरे बेटे! निश्चित रूप से यदि (तुम्हारा कर्म) राई के दाने के बराबर हो, फिर वह किसी चट्टान के बीच हो, या आकाशों में हो या धरती में (छिपा) हो, ईश्वर उसे (प्रलय में हिसाब किताब के लिए) उपस्थित कर देगा। निश्चय ही ईश्वर अत्यन्त सूक्ष्मदर्शी व जानकार है। (31:16)