Oct १६, २०१९ १७:२४ Asia/Kolkata

जबसे अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प व्हाइट हाउस पहुंचे हैं, कोई हफ़्ता ऐसा नहीं बीता है कि उन्होंने अपने ट्वीट्स और अपने फ़ैसलों से हंगामा खड़ा न किया हो।

ट्रम्प अपने व्यक्तित्व, व्यवहार और अनैतिक हरकतों के कारण हमेशा ही ख़बरों में रहते हैं। अमरीकी राष्ट्रपति ने अपमानजनक और नस्लभेदी टिप्पणियों और महिला विरोधी बयानों से सोशल मीडिया पर अपना ख़ूब मज़ाक़ बनवाया है। ओहायो में डेटन की मेयर नन व्हेली के ख़िलाफ़ ट्रम्प की अपमानजनक टिप्पणी के बाद, उन्हें अज्ञात लोगों की ओर से धमकियां मिलना शुरू हो गई थीं। इस धमकियों के बाद वे 24 घंटे अपने साथ सुरक्षा गार्ड्स रखने के लिए मजबूर हो गई थीं।

डेटन में हुई घातक फ़ायरिंग में 9 लोगों की मौत के बाद, डेटन की मेयर ट्रम्प और सांसद शेरड ब्राउन के साथ अस्पताल में इस हमले के पीड़ितों और उनके परिजनों से मुलाक़ात के लिए अस्पताल गई थीं। उसके कुछ ही देर बाद ट्रम्प टेक्सास के एल पासो शहर गए। इसी दौरान व्हेली और ब्राउन ने एक प्रेस कांफ़्रेंस करके अमरीकी राष्ट्रपति से आग्रह किया कि उस प्रस्ताव को कि जिसमें हथियार बेचने वालों का बायोडाटा चेक करने का प्रावधान है, उसे वे पारित कर दें। व्हेली ने पत्रकारों से बात करते हुए यह भी कहा कि फ़ायरिंग के पीड़ितों और उनके परिजनों को डेटन की ट्रम्प की यात्रा से बहुत ख़ुशी हासिल हुई है। लेकिन इसके बावजूद, अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने ट्वीट करके कहा, अस्पताल में जो कुछ भी हुआ है, व्हेली और ब्राउन ने उसे बुरी तरह से पेश किया है। मेरे एल पासो जाने के बाद उनकी प्रेस कांफ़्रेंस एक धोखा थी और उसका उस मुलाक़ात से कोई लेना देना नहीं था, जो हमने वहां उन महान लोगों से की। डेटन की मेयर ने भी ट्रम्प की अपमानजनक टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दिखाई और अमरीकी राष्ट्रपति को ग़ुंडा और डरपोक बताया।

ओहायो के शहर डेटन में फ़ायरिंग की एक घटना में 9 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 20 अन्य घायल हुए थे। हमलावर को पुलिस ने मार गिराया था। फ़ायरिंग की इस घटना के 24 घंटों के अंदर ही टेक्सास के एल पासो शहर के एक शॉपिंग माल में फ़ायरिंग हुई, जिसमें 20 से अधिक लोग मारे गए।

नस्लवादी गुटों के समर्थन में ट्रम्प की नस्लभेदी टिप्पणियों और नीतियों के कारण अमरीकी समाज में खाई उत्पन्न हो गई है और नस्लीय एवं धार्मिक तनाव बढ़ गया है। सीएनएन ने अपनी एक रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि ट्रम्प के ट्वीट संदेश से ओरेगन के पोर्टलैंड में बाएं बाज़ू के कट्टरपंथी गुटों और दाएं बाज़ू के कट्टरपंथी गुटों के बीच टकराव बढ़ गया है। पोर्टलैंड से रिपोर्ट देते हुए सीएनएन के रिपोर्टर ने कहा, पोर्टलैंड की पुलिस ने आपस में टकराने वाले दो गुटों को एक दूसरे से अलग किया है और हिंसा फैलने से रोक दी है। यहां दाएं बाज़ू के कट्टरपंथी गुट मौजूद हैं। इस जगह भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। राष्ट्रपति ट्रम्प के ट्वीट से माहौल तनावपूर्ण हो गया है। ट्रम्प ने फासीवादी गुटों के विरोधी गुटों को आतंकवादी गुटों की सूची में डालने की बात कही है।

 

सीएनएन के रिपोर्टर ने आगे बताया, पोर्टलैंड को जाने वाली सड़कों और एक मुख्य पुल को बंद कर दिया गया है। इस पुल को बंद करके पुलिस दोनों गुटों को एक दूसरे से दूर रखने का प्रयास कर रही है। दोनों गुट नदी के दोनों किनारे पर डटे हुए हैं। पुलिस की भरपूर कोशिश है कि उन्हें एक दूसरे से दूर रखे। अभी तक शहर में होने वाले धरने प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे हैं, लेकिन पुलिस का कहना है कि आज के प्रदर्शन में हिंसा भी देखने में आई है।

पोर्टलैंड के मेयर टेड वीलेर ने ट्रम्प द्वारा फासीवादी गुटों के विरोधी गुटों को आतंकवादी बताए जाने को एक ख़तरनाक क़दम बताया है। सीएनएन की रिपोर्ट में वीलेर की बाइट चलाई गई, जिसमें उन्हें कहते हुए देखा जा सकता है, मेरा ध्यान मौजूदा घटनाक्रमों पर है। वाशिंगटन से प्रसारित होने वाले बयान पर मैंने कोई ध्यान नहीं दिया है। निश्चित रूप से यह बयान मदद नहीं करेगा। रिपोर्टर ने आगे बताया, यहां मौजूद गुटों के सदस्य हिंसक माने जाते हैं। ऐसी संभावना है कि पोर्टलैंड की 2017 की घटनाओं को दोहराया जाए। उस समय हिंसक प्रदर्शन हुए थे। दाएं बाज़ू के गुटों ने इनकी शुरूआत की थी। समय बीतने के साथ साथ पोर्टलैंड में दोनों गुटों के बीच टकराव की चिंता बढ़ती जा रही है।

अमरीका में 2020 में राष्ट्रपति चुनाव के लिए नस्लवादी ट्वीट्स को ट्रम्प अपने चुनाव प्रचार का एक मुख्य मुद्दा बना रहे हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी के एक प्रत्याशी जे एन्सली ने सीएनएन से बात करते हुए कहा, ट्रम्प झूठे नस्लवादी हैं। हम देख रहे हैं कि व्हाइट हाउस से भय का माहौल पैदा किया जा रहा है। मेरा मानना है कि हमें इसका मुक़ाबला करना चाहिए। हमें श्वेतों के नस्लीय भेदभाव को व्हाइट हाउस से निकाल फेंकना चाहिए। मेरा यह दृढ़ विश्वास है। मेरे ख़याल में यह पहला क़दम होगा। उसके बाद हमें इस बुराई से लड़ना चाहिए। फ़ेडरल सरकार को हथियारों से पैदा होने वाली हिंसा से हमारी सुरक्षा करनी चाहिए। हम देश में नस्लवाद के ख़तरे का आभास कर रहे हैं। एफ़बीआई के प्रमुख ने इसे अमरीका में घरेलू आतंकवाद से पैदा होने वाला सबसे बड़ा ख़तरा बताया है। हमें पहले इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए, उसके बाद हथियारों से पैदा होने वाली हिंसा पर क़ानून बनाने का प्रयास करना चाहिए।

 

अमरीका में ट्रम्प से नफ़रत और डर में प्रतिदिन वृद्धि हो रही है। फ़ॉक्स न्यूज़ के सर्वे के मुताबिक़, राष्ट्रपति ट्रम्प से नाराज़ लोगों की संख्या 56 प्रतिशत हो गई है, जो 2017 में रिकार्ड प्रतिशत से केवल एक प्रतिशत ही दूर है। हाल ही में होने वाले एक दूसरे सर्वे के मुताबिक़, 2020 के चुनाव में ट्रम्प अपने 4 डेमोक्रेटिक प्रतिस्पर्धियों से हार जायेंगे। अगर ट्रम्प का मुक़ाबला जो बाइडन से होता है तो 50 प्रतिशत वोटर बाइडन को वोट देंगे, जबकि केवल 39 प्रतिशत लोग ही ट्रम्प का समर्थन करेंगे। सर्वे के परिणाम बताते हैं कि सेंडर्ज़, वारेन और हेरिस के मुक़ाबले में भी ट्रम्प को केवल 39 प्रतिशत वोट मिलेंगे और वे चुनाव हार जायेंगे। वाशिंगटन ब्लेड वेबसाइट के मुताबिक़, हर रोज़ सुबह में जब हम उठते हैं तो देखते हैं कि ट्रम्प नामक डरावना सपना अभी जारी है। इस डरावने सपने एक दिन ख़त्म हो ही जाते हैं, इसलिए हमें आशा रखनी चाहिए कि यह डरावना सपना भी एक दिन ख़त्म हो जाएगा।

इस रिपोर्ट में लेखक ने आगे लिखा, एक लेखक के रूप में मेरे लिए काफ़ी कठिन है कि बार बार दोहराए जाने वाले किसी विषय पर कुछ लिखूं। ट्रम्प एक नस्लवादी सुअर हैं जो लिंग भेद को भी मानते हैं। उसके अलावा वह ख़ुद या उनके परिवार का कोई सदस्य या कोई अधिकारी ऐसा काम कर देता है कि जिससे इंसान विचलित हो जाता है। पिछले हफ़्ते ही उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल पर एक नई साज़िश की शुरूआत की। वह यह कि बच्चों का शोषण करने के आरोपी पूंजीपति जेफ़री एपिस्टीन की मौत का ज़िम्मेदार क्लिंटन दिंपति है। वह इससे भी ज़्यादा क्या गिर सकते हैं।

लेखक ने आगे लिखा, मेरा मानना है कि इस डरावने सपने से मुक्ति पाने के लिए केवल एक ही रास्ता है और वह यह कि अपने वोट का इस्तेमाल करके उन्हें व्हाइट हाइस से बाहर कर दें। उनमें थोड़ी सी भी इंसानियत नहीं है। वह एल पासो और डेटन में हुई फ़ायरिंग के स्थलों का दौरा करने गए ताकि मरने वालों के परिजनों और घायलों से हमदर्दी जता सकें। लेकिन वह वहां अपने ही मुद्दे उठाते हैं। वह अपनी और मेलानिया की वह तस्वीर पोस्ट करते हैं, जिसमें वह एक अनाथ बच्चे को गोद में लिए हुए हैं। लेकिन इस तस्वीर में उनके होंटो पर एक मुस्कान है और उनकी उंगली पुष्टि के रूप में उठी हुई है। दुनिया में कहां इस तरह की त्रासदी पर मुस्कराया जाता है? अगर इंसान में थोड़ी सी भी इंसानियत बची है तो वह ऐसे मौक़े पर दुखी होगा। जो लोग चाहते हैं कि ट्रम्प नामक डरावने सपने का ख़ात्मा करें, उनके पास एक ही विकल्प है और वह यह कि 2020 के चुनाव में ट्रम्प के ख़िलाफ़ वोट डालें। यह मौक़ा 15 महीने बाद आएगा, जिसमें सफलता के लिए पूर्ण प्रतिबद्धता की ज़रूरत है।