Nov ०८, २०१९ १५:०३ Asia/Kolkata

डोनल्ड ट्रंप ने जब से अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में वाइट हाउस में प्रवेश किया है तब से वह ऐसे बयान देते- रहते हैं, ट्वीट करते- रहते हैं और फैसला लेते- रहते हैं जो चर्चा का विषय बनते रहते हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का व्यक्तित्व और उनकी अप्रत्याशित कहनी और कथनी और इसी प्रकार ग़ैर डिप्लोमैटिक व राजनीतिक बयान इस बात के कारण बने हैं कि वह हमेशा ख़बरों में रहें। यमनी सेना ने अभी पिछले महीने 14 सितंबर को सऊदी अरब की तेल कंपनी अरामको की दो रिफाइनरियों बक़ीक़ और ख़ुरैस पर जो हमला किया था उसके संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेशमंत्री माइक पोम्पियो ने किसी प्रकार के प्रमाण के बिना निराधार दावा किया था कि इस हमले के पीछे ईरान का हाथ है और यह वह विषय था जिसकी अमेरिकी संचार माध्यमों ने समीक्षा व विश्लेषण किया था।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्वीट में कहा था कि वह सैनिक हमला करने के लिए तैयार हैं किन्तु वह इस बात की प्रतीक्षा में हैं कि सऊदी अरब इस बात की पुष्टि करे कि ये हमले किसने किए थे। इसी प्रकार अमेरिकी विदेशमंत्री माइक पोम्पियो ने भी किसी प्रकार का प्रमाण पेश किये बिना अपने ट्वीट में दावा किया था कि इन हमलों के पीछे इस्लामी गणतंत्र ईरान का हाथ है। 14 सितंबर को होने वाले हमले के तुरंत बाद अमेरिकी विदेशमंत्री माइक पोम्पियो ने सऊदी अरब और संयुक्त अरब इमारत की यात्रा की। एक अमेरिकी सिनेटर और वर्ष 2020 में होने राष्ट्रपति पद के चुनावी उम्मीदवार बर्नी सेन्डर्ज़ ने मध्यपूर्व में एक नया युद्ध आरंभ करने के बारे में ट्रंप को चेतावनी दी और कहा है कि केवल सऊदी अरब की तानाशाही सरकार के कहने पर नया युद्ध आरंभ नहीं किया जा सकता। अमेरिका की खुफिया एजेन्सी सीआईए के पूर्व प्रमुख जान ब्रेनन ने कहा है कि ट्रंप ने ईरान के साथ होने वाले परमाणु समझौते से निकल कर और तेहरान के खिलाफ कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाकर संकट को गति प्रदान कर दी है। उन्होंने बल देकर कहा कि इस समय ट्रंप की दायित्वहीनता के कारण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमें एक बड़ी चुनौती का सामना है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने एक ओर ईरान को सैनिक हमले की धमकी दी है और साथ ही वह ईरान से वार्ता भी करना चाहते हैं।

समाचार पत्र वाशिंग्टन पोस्ट ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के विरोधाभासी क्रिया- कलापों के बारे में लिखा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप एक ओर ईरान को मध्यपूर्व का सबसे बड़ा खतरा बताते हैं और उस पर सबसे कड़ा आर्थिक प्रतिबंध भी लगा रहा है और दूसरी ओर ईरानी नेताओं के साथ वार्ता की मेज़ पर भी बैठने के लिए उत्सुक भी हैं। उन्होंने वाइट हाउस में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि वह किसी से युद्ध नहीं चाहते और उसके बाद एक घंटा पूरा होने से पहले ही उन्होंने कहा कि वह सोचते हैं कि ईरान के खिलाफ एक सैनिक कार्यवाही, सऊदी अरब की तेल कंपनी आरामको पर हमले का उचित जवाब हो सकती है। वाशिंग्टन पोस्ट के रिपोर्टर ने आगे लिखा कि सिर चकरा देने वाले विरोधाभास का ट्रंप के अनुसार एक स्पष्ट तर्क है परंतु यह भी स्पष्ट है कि विदेश नीति में फैसला लेने में ट्रंप दृढ़ नहीं हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप दो चीज़ों के बीच फंसे हुए हैं। एक ओर अमेरिका के युद्धोन्मादी रिपब्लिकन्स और सऊदी अरब और इस्राईल जैसे उनके घटक हैं जो वाइट हाउस के ईरान से मुकाबले पर बल दे रहे हैं और दूसरी ओर ट्रंप ईरान से एक अच्छा समझौता भी करना चाहते हैं। अमेरिकी सेनेटर बेन कारडिन इस बारे में कहते हैं कि इसे डिप्लोमेसी नहीं कहते हैं और ईरान और अमेरिका की ओर से ग़लत अनुमान से खतरे में वृद्धि हो जाती है।

ब्लूमबर्ग ने ईरान के संबंध में ट्रंप की धमकियों व चेतावनियों की एक अन्य पहलु से विश्लेषण किया है। ब्लूमबर्ग वेबसाइट ने अपने विश्लेषण में लिखा कि ट्रंप ने कुछ समय पहले चेतावनी दी थी और कहा था कि अगर ईरान कुछ करेगा तो उसके लिए बहुत बुरा होगा। ब्लूमबर्ग आगे लिखती है" अब सऊदी अरब की तेल कंपनी आरामको पर हमले की बड़ी घटना घटी है किन्तु इसके बावजूद प्रतीत यह हो रहा है कि यह वाइट हाउस की सरकार है जो समस्याओं में घिर गयी है।

ब्लूमबर्ग ने सऊदी अरब की तेल कंपनी आरामको पर होने वाले हालिया हमले की ओर संकेत किया और इस संबंध में ईरान का हाथ होने के बारे में जो निराधार आरोप लगाये और दावे किये गये उसके बारे में लिखा है कि ट्रंप सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह कहा है कि इस हमले के पीछे ईरान का हाथ है उसके बाद से अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अमेरिका उस देश के विरुद्ध सैनिक हमला करेगा जिसे इस समय भी कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का सामना है।

ब्लूमबर्ग आगे लिखती हैः अगर अमेरिका के अंदर फार्स की खाड़ी में नया युद्ध आरंभ करने के पक्ष में वोट भी दे दिया जाये तब भी ईरान उससे कहीं बड़ा है जिस पर हमला किया जाये। साथ ही ईरान ने दर्शा दिया है कि अगर अमेरिका तनाव को अधिक करने का निर्णय करता है तो ईरान जवाब देने की क्षमता रखता है। अरब जगत के विख्यात लेखक और समाचार पत्र रायुलयौम के प्रधानसंपादक अब्दुल बारी अतवान लिखते हैं" ट्रंप ने परमाणु समझौते से निकल कर और ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों को कड़ा करके स्थिति को तनावग्रस्त व जटिल बना दिया है और इस प्रकार के हमले के लिए वह ज़िम्मेदार हैं और जिस ईरान ने जिमी कार्टर को गिरा दिया वह ट्रंप को भी अगले चुनाव में गिरा देगा। मध्यपूर्व के संबंध में ट्रंप की विभिन्न कार्यवाहियों और बयानों के संबंध में यह प्रतिक्रियाएं व विश्लेषण इस बात के सूचक हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप राजनीतिक और संचार माध्यमों के हल्कों में किस सीमा तक अविश्वसनीय हो चुके हैं। यहां तक कि अमेरिका के कुछ राजनेता और संचार माध्यम ट्रंप को अमेरिका और विश्व के लिए ख़तरा भी मानते हैं।

 

राबर्ट राइश समाचार पत्र गार्डियन में लिखते हैं” ट्रंप गम्भीर रूप से अस्थिरता के कारण हैं और विश्व ख़तरे में है। समाचार पत्र गार्डियन ने अमेरिकी राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने हेतु इस देश के राजनीतिक समाज के प्रयासों की ओर संकेत किया और लिखा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने जो ग़लत दावा किया कि अलाबया के निकट तूफान पहुंच रहा है उसमें हर चीज़ से अधिक कष्ट देने वाली बात इस कार्य को अंजाम देने में उनका तुच्छ कारण था। इसमें उनके मूर्खतापूर्ण प्रयास से भी कष्ट पहुंचा कि उन्होंने अमेरिकी मौसम विभाग को झूठ बोलने पर बाध्य किया। समाचार पत्र गार्डियन लिखता है” हमारे एसे भी राष्ट्रपति थे जिन्होंने महिला कर्मी के साथ अपने शारीरिक संबंधों को छिपाने का प्रयास किया या ग़ैर कानूनी रूप से उन्होंने वाटरगेट होटल में जाने का प्रयास किया किन्तु हमारे पास कभी ऐसा कोई राष्ट्रपति नहीं रहा है जो मौसम विभाग की गलत भविष्यवाणी को सही दिखाने के लिए इस सीमा तक गया हो। यह सही नहीं है।“

राबर्ट राइश समाचार पत्र गार्डियन में ध्यान योग्य दूसरे बिन्दुओं की ओर भी संकेत करते और लिखते हैं” ट्रंप ने अपनी डेनमार्क यात्रा को केवल इसलिए निरस्त कर दिया कि वह ग्रीनलैंड द्वीप को बेचने के लिए तैयार नहीं हुआ। अमेरिकी राष्ट्रपति ने बारमबार इस देश के वरिष्ठ अधिकारियों से कहा है कि अमेरिका आने वाले तूफानों को रोकने के लिए परमाणु बम के प्रयोग की समीक्षा करें। वह सोचते हैं कि जो वीडियो और कम्प्यूटर गेम्स हैं वे अमेरिका में फायरिंग के कारण हैं और समझते हैं कि जलवायु परिवर्तन महत्वपूर्ण मामला नहीं है।

राबर्ट राइश आगे लिखते हैं” ट्रंप कहते हैं कि व्यापारिक युद्ध अच्छे हैं और उनमें विजयी होना बहुत सरल है। वह बल देकर कहते हैं कि यह चीन है जो उनकी टैरिफ को अदा करता है न कि अमेरिकी उपभोक्ता। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस देश की कंपनियों को आदेश दिया है कि वे चीन के साथ व्यापार को बंद करें। ट्रंप ने सेन्ट्रल बैंक के प्रमुख को दुश्मन कहा है और एक कमेडियन ने जो यह दावा किया है कि यौन शोषण के आरोपी क्लिटन्स, जेफरी एप्सटाइन की आत्म हत्या के ज़िम्मेदार हैं तो इस बात को ट्रंप ने अपने ट्वीटर पर प्रकाशित कर दिया है। अमेरिका और विश्व के लिए ट्रंप के ख़तरा होने के बारे में राबर्ट राइश लिखते हैं मैं सोचता हूं कि हमें इस वास्तविकता का सामना करना चाहिये कि कोई अपनी ग़लती को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। एक अन्य समस्या मनमानी करने की है। हमें केवल उन लोगों का सामना नहीं है जो सीमा से अधिक मानमानी करने वाले और आत्ममुग्ध हैं बल्कि अमेरिका का वर्तमान राष्ट्रपति गम्भीर रूप से शांति व सुरक्षा के लिए ख़तरा है और वह प्रतिदिन पहले से अधिक बदतर भी हो रहा है और वाइट हाउस में इस प्रकार के व्यक्ति की उपस्थिति बहुत ख़तरनाक है। अब क्या करना चाहिये? उसे 14 महीनों के बाद लोगों की राय से वाइट हाउस से बाहर किया जा सकता है किन्तु वह 14 सेकेंड में दुनिया को तबाह कर सकता है। राबर्ट राइश अंत में लिखते हैं” दुआ कीजिये कि अगले 14 महीनों में हम जीवित बच जायें और उसके बाद इस आदमी को उसके कार्यालय से बाहर करने के लिए आप जो कुछ कर सकते हैं कीजियेगा।