ईरान भ्रमण- 38
हम आज कल आप को कीश की सैर करा रहे हैं जो आज भी जारी रहेगी।
फार्स की खाड़ी के बेहद खूबसूरत द्वीप कीश के बारे में कुछ बातें तो हम आप को बता ही चुके हैं लेकिन ज़ाहिर सी बात है फार्स की खाड़ी के खूबसूरत द्वीपों के बारे में चर्चा इतनी संक्षिप्त तो नहीं हो सकती कि एक ही मुलाक़ात में सब खत्म हो जाए। पिछली मुलाक़ात में हमने कीश द्वीप की प्राकृतिक खूबसूरती की एक झलक आप को दिखायी थी आज स्वाद बदलने के लिए इस द्वीप की एक एतिहासिक खूबसूरती से आप को परिचत करा रहे हैं।
कीश में एक नगर है जिसे " हरीरा" नगर कहा जाता है। यह नगर 800 साल पुराना है यही वजह है कि यह प्राचीन अवशेषों और तिहास में रूचि रखने वालों के लिए हमेशा आकर्षण का केन्द्र रहा है।कीश द्वीप के उत्तरी तट पर आज भी इस प्राचीन नगर के खंडहर मौजूद हैं। इन खंडहरों को देखने से पता चलता है कि कभी यहां एक बड़ा शहर आबाद था जिसकी आबादी भी काफी रही होगी। इन खंडहरों में एक सभ्यता के अनगिनत राज़ छुपे हैं जिन्हें खोजने और जिन्हें जानने के सैलानी कीश का रुख करते हैं। आज इस नगर का बहुत कुछ तो नहीं बचा है किंतु जो कुछ बचा है उससे भी बहुत का अंदाज़ा होता है। शहर में पत्थर से बनी हुई कई चीज़ें अब भी सुरक्षित हैं। हरीर नगर का खंडहरों में बहुत सी इमारतों और कार्यालयों के अवशेष मिलते हैं। यह नगर कई भागों से मिल कर बना है। इस में सार्वाजनिक हम्माम, कारखाने, धनवानों के मोहल्ले, मस्जिद और भूमिगत नालियां शामिल हैं। इन सब के चिन्ह आज भी इस नगर के खंडहर में मौजूद है।
वैसे एक बात और बता दें शायद ही कोई एेसा सैलानी हो जो कीश जाए लेकिन इस द्वीप के " कारीज़" नगर की सैर न करे। "कारीज़" कीश द्वीप का यह एक एतिहासिक पर्यटन स्थल है। इसके बारे में कहा जाता है कि यह क्षेत्र लगभग 2500 साल पुराना है। क़नात या भूमिगत नहर की मदद से कीश द्वीप के लोगों को पीने का पानी मिलता था यह भूमिगत नहर अब एक अनोखे शहर कर रूप धारण कर चुकी है कि जिस का क्षेत्रफल 10 हज़ार वर्गमीटर है। कारीज़ नगर का अनोखापन ही है कि जिसकी वजह से हर साल, देश विदेश से हज़ारों सैलानी, कीश का रुख करते हैं।
ज़मीन में 16 मीटर नीचे बने इस नगर को 2500 साल पहले बनाया गया था। यह ईरानियों की कला और कीश की प्रकृति का बेजोड़ नमूना है। यह नहर का अधिकांश भाग छोटे पत्थरों, मोतियों और मूंगों से भरा हुआ है और विशेषज्ञों के अनुसार वह 270 से 570 बरस पुराने हैं और हरेक का अपना पहचान पत्र है। दो चीज़ों ने कारीज़ के बेहद आकर्षक बना दिया है एक तो यह कि यह कारीज़ भूमिगत नहर दुनिया का एकमात्र मूंगे से बने द्वीप में सीने में बहती है। दूसरे यह कि दुनिया की एक मात्र इमारत है जिसकी छत, कुदरती मूंगे और सीपियों से भरी है। इन सीपियों और मूंगों को देखने के लिए लोग संग्रहालयों में जाते हैं या फिर गहरे पानी में गोताखोरी करते हैं लेकिन कारीज़ नगर में यह सब कुछ आप को बड़ी आसानी से नज़र आता है। कीश के इस भूमिगत नगर की सब से बड़ी विशेषता, वहां का ठंडा मौसम है और गर्मियों में जब कीश द्वीप में सूरज आग बरसाता है तो सोलह मीटर ज़मीन के नीचे बने इस प्राचीन नगर में ठंडक रहती है।
कीश का कारीज़ नगर वास्तव में एक प्राचीन भूमिगत जलस्रोत है। इसे अश्कानियान शासन काल में बनाया गया था। कारीज़ नहर 15 किलोमीटर लंबी है और स्थानीय लोगों के पीने के पानी का यही मुख्य साधन है। इस नगर का पानी शीतल और बेहद स्वच्छ होता है। जिसकी एक वजह यह है कि इस नगर का पानी अस्ल में बारिश का पानी होता है जो धरती की कई परतों से छन कर नहर तक पहुंचता है। कारीज़ का पानी लगभग 274 भूमिगत कुओं से निकलता है । इसकी गहराई लगभग 12 मीटर है जो कहीं-कहीं 16 मीटर तक भी हो जाती है। वैसे हम आप को यह भी बता दें कि ढाई हज़ार साल पुराने नहर के इस नगर की मरम्मत की गयी है । मरम्मत के दौरान उसके अस्ल ढांचे को सुरक्षित रखा गया है। इसके साथ ही नहर वाले इस नगर में बाज़ार, दुकानें, पारांपरागत रेस्टोरेंट, संग्रहालय, आर्ट गैलरी आदि जैसे स्थल भी बनाए गये हैं। वैसे हम आप को यह भी बता दें कि कारीज़ भूमिगत नहर के तल में जो मिट्टी है उसका भी अपना महत्व है और इसे औपचारिक मिट्टी कहा जाता है जो बहुत सी बीमारियों का इलाज है।
यह तो कीश के प्राचीन और अनोखे नगर की बात है वैसे हम तो हम आप को बता ही चुके हैं कि कीश को अपने बेहद खूबसूरत तटों की वजह से भी काफी ख्याति प्राप्त है। आप को पता है कि कीश द्वीप मूंगे से बना है जिसका चांदी जैसा रंग धूप पड़ने पर इस तरह चमकने लगता है कि आंखें नहीं चुंधिया जाती हैं।। यह इस द्वीप के तट का एक एेसा सौन्दर्य हैं जो दुनिया के दूसरे अधिकतर तटवर्ती क्षेत्रों में नज़र नहीं आती क्योंकि अधिकांश तटों की रेत मटमैले रंग की होती है और इसी वजह से तट का पानी गदला होता है लेकिन कीश द्वीप के तट पर समुद्र का पानी बिल्कुल साफ़ है और समुद्र में गहरायी में तैरती मछलियां साफ साफ नज़र आती हैं जिससे तट पर बैठे लोग मानो कुदरती एक्ववारियम में मछलियों को इधर उधर इठलाते और आते जाते देख रहे हों।
तट की खूबसूरती को तटों पर बने होटल और इमारतें और भी बढ़ा देती हैं। मछली का शिकार भी लोगों को अपनी ओर बुलाता है। पूरे द्वीप में कहीं भी मछली का शिकार किया जा सकता है अलबत्ता जहां घूमने फिरने के लिए जेट्टी बनी है वहां पर मछली पकड़ने पर प्रतिबंध है । यहां किसी भी दुकान से मछली के शिकार के लिए ज़रूरी सामान खरीदा जा सकता है लेकिन कीश में साइकिल चलाने का विशेष आनंद है और साइकिल सवारी के लिए कीश द्वीप पर खास इंतेज़ाम भी किया गया है। पूरे द्वीप 75 किलोमीटर की एक पट्टी बनायी गयी है जो साइकिल के लिए विशेष है और उस पर किसी भी तरह का कोई दूसरा वाहन नहीं चलाया जा सकता। इस पट्टी के एक तरह, समुद्र का नीला पानी नज़र आता और लहरों का शोर होता है जबकि दूसरी तरह दुकानें, रेस्टोरेंट और कहीं कहीं सन्नाटा होता है। साइकिल पर 75 किलोमीटर का चक्कर लगा कर कोई भी सैलानी, कीश द्वीप के कई पहलुओं को बेहद क़रीब से देख और महसूस कर सकता है।
कीश के लोगों की तफरीह के लिए कई जगहें बनायी गयी हैं जहां सैलानियों के लिए बहुत कुछ होता है। यहां स्पीड बोट्स, तरह तरह की नौकाएं, कई प्रकार के पानी के खेल की सुविधा मौजूद है इसके अलावा आप गोताखोरी के लिए भी समुद्र के भीतर गहराई में जाकर पानी का आंनद ले सकता है । तट पर ही कई प्रकार के काम्पलेक्स बनें हैं जहां महिला और पुरुष अलग अलग पानी का आंनद ले सकते हैं इसी प्रकार एसे स्थल भी हैं जहां लोग अपने परिवार के साथ मिल कर पानी के कई प्रकार के खेलों का आंनद ले सकते हैं।