Jul २५, २०२० १२:४० Asia/Kolkata

कार्यक्रमस का आरंभ हम अपने एक मित्र की कनाडा यात्रा और वहां पर घटने वाली एक घटना से कर रहे हैं।

मेरे मित्र का कहना है कि मैं अपने एक रिश्तेदार से मिलने के लिए टोरंटो गया था। टोरंटो में जस घर में मैं ठहरा हु था उसके निकट एक बड़ा सस पार्क था जिसमें से एक नदी गुज़रती थी। नदी के ऊपर मुल बना हुआ थर। पुल के ऊपर खड़े होकर उस क्षेत्र की सुन्दरता को देखा जा सकता था। वास्तव में वह स्न बहुत सुन्दर था। उसकी सुन्दरता से प्रभावित होकर मैं अक्सर वहां पर जाया करता था। कई बार मैं पुल पर जाकर खड़ा हुआ और वहां से पार्क की सुन्दरता को निहारता रहा। इस पार्क के बारे में जिस बात ने मुझको हैरत में डाल दिया वह यह थी कि इतने सुन्दर स्न पर आकर कैनेडियन जवान न जाने क्यों आत्महत्या करने का प्रयास किया करते थ?

इस घटना को सुनकर मुझको एक अमरीकी लेखक माइकल स्रायर की वह बात याद आई जो उन्होंने आत्महत्या के बारे में अपने एक लेख में लिखी थी। वे लिखते हैं कि लोगों को वास्तव में जिसकी ज़रूरत है उसी में वे जीवन के अर्थ और उद्देश्य ढूंढते हैं। विकासशील देशों में मौत का एक प्रमुख कारण आत्महत्या है।

आत्महत्या को इस प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है कि अपने जीवन को स्वंय अपने ही हाथों से समापत कर देना। यह मनुष्य के व्यवहार से संबन्धित एक विकार है।

२७ मार्च २०१८ को जब लंदन के केन्द्रीय क्षेत्र से राहगीर गुज़र रहे थे तो उन्होंने एक विचित्र घटना देखी। लोगों ने देखा कि एक इमारत के ऊपर कुछ लोग एक साथ लाइन में खड़े हुए हैं जिनके नीचे गिरने की संभावना बहुत अधिक है।

 

एक रोपोर्ट के हिसाब से ब्रिटेन में हर साल लगभग ४५०० लोग आत्महत्या का प्रयास करते हैं। ब्रिटेन में ४५ वर्ष से आत्महत्या है। विशेष बात यह है कि ब्रिटेन, संसार का एसा पहला देश है जहां पर आत्महत्याओं को रुकवाने के लिए मंत्रालय गठित किया गया था।

अध्ययन से यह बात पता चली है कि जिन देशों में विभिन्न कारणों से सामाजिक स्वास्थ्य ख़तरे में हो वहां पर आत्महत्या की संख्या बढ़ जाती है। आत्म हत्या करने के बुछ निजी और सामाजिक कारण होते हैं जैसे परिवार में भरोसे का कम होना, भावनात्तक रिश्तों में गिरावट आना, आर्थिक समस्याएं, मादक पदार्थों का सेवन, शराब का सेवन, सामाजिक मूल्यों में ह्रास, तलाक़ में वृद्धि, बच्चों के विरुद्ध हिंसा और इसी प्रकार की बहुत सी समस्याएं।

पश्चिमी समाजों में मुख्य संकट, शांति और आध्यात्मिकता का संकट है। जीवन शैली वास्तव में सृष्टि के बारे में हमारे दृष्टिकोण की परिचायक है। पश्चिमी विचारधार के अनुसार मनुष्य सृष्टि के केन्द्र में मौजूद है और व्यक्तिवाद, आनंद प्राप्त करना और धर्म से दूरी उसके वन को दिशा देती है।

ईश्वर की ओर ध्यान और उसपर भरोसा जीवन को अर्थ देता है । ईश्वर पर आस्था , मनुष्य के जीवन के आध्यात्मिक शून्य को भर देती है।

 

 

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