Aug १७, २०२० १०:०१ Asia/Kolkata

पशिचमी संचार माध्यमों में जेंडर जस्टिस या लैगिक न्याय के बारे में बहुत कुछ कहा जाता है।

इसके द्वारा यह दर्शने का प्रयास किया जाता है मानो पश्चिम में पहिलाओं को लैंगिक न्याय सहित हर प्रकार की आज़ादी हासिल है। पश्चिमी संचार माध्यम यह दिखाने की कोशिश करते हैं कि वहां पर पहिलाओं को पुरूषों की भांति समान अधिकार प्राप्त हैं और वे पुरूषों के साथ कांधे से कांधा मिलाकर विकास के मार्ग पर अग्रसर हैं।

 

वर्षों से पश्चिमी देश, महिलाओं ओर पुरूषों के समान अधिकारों की बातें करते आ रहे हैं। अपनी विभिन्न रिपोर्टों में पश्चिमी देश संसार के अन्य देशों पर महिलाओं के अधिकारों के हनन और लैंगिक भेदभाव का आरोप मढ़ते रहे हैं।

कुछ समय पहले “ Eurostat” की ओर से एक शोध रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी। इस रिपोर्ट में यूरोपीय संघ के सदस्य देशों में महिलाओं और पुरूषों के वेतन में अंतर की समीक्षा की गई थी। यूरोस्टेट की रिपोर्ट में कहा गया है कि यूरोपीय संघ के सदस्य देशों में पुरूषों और महिलाओं के वेतन में १६ प्रतिशत से अधिक का अंतर पाया जाता है।

अमरीका में भी महिलाओं  को पुरूषों की तुलना में कम वेतन की समस्या का सामना है। रिपोर्टों से पता चलता है कि अपने कैरियर के अंत तक महिलाओं को अमरीका में पुरूषों की तुलना में लगभग ५ लाख डालर कम वेतन मिलता है। दूसरे शब्दों में अमरीका में हर महिला को पुरूषों की तुलना में एक डालर के मुक़ाबले में ७७सेंट मिलते हैं।

विकसित देशों में बहुत से स्थानों पर महिलाएं, पुरूषों की तुलना में अधिक निर्धनता का शिकार हैं। यह एसा विषय है जिसको समाजशास्त्री, निर्धनता के सत्रीकरण के रूप में बताते हैं। यूरोपीय संघ से संबन्धित टीवी चैनेल योरो न्यूज़ के अनुसार निर्धनता, यूरोपीय संघ की एक चौथाई आबादी के लिए ख़तरा बनी हुई है और इसका सबसे बड़ा शिकार महिलाएं है। इस रिपोर्ट के अनुसार पुरूषों की तुलना में १२ मिलयन महिलाओं को अधिक ख़तरे का सामना है। यहां तक कि संसार के सबसे धनी देश अमरीका में भी सबसे अधिक निर्धन वे महिलाएं हैं जो बच्चेदार हैं।

 

विशेष बात यह है कि हालिवुड जैसी जगह पर भी यौन उत्पीडन की घटनाएं बहुत अधिक होती हैं। एक रिपोर्ट से पता चलता है कि हालिवुड में काम करने वाली महिलाओं में से ९४ प्रतिशत महिलाओं को यौन उत्पीड़न का दंड झेलना पड़ता है।

यह बात स्वीकार की है कि अमरीकी प्रतिनिधि सभा की कुछ महिला प्रतिनिधि भी अपने ही साथियों से यौन उत्पीड़न का शिकार हुई हैं। बाद में यह स्कैंडल, वाइट हाउस तक जा पहुंचा। डेली मेल लिखता है कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सलाहकार ने १०० अमरीकी महिलाओं को ज़बान बंद करने के लिए मोटी रक़म दी थी। उनसे यह कहा गया था कि वे ट्रम्प के साथ अपने संबन्धों को सार्वजनिक न करें।

संडे अइम्स की रिपोर्ट के अनुसार यूरोपीय संसद में अबतक ८७ महिलाएं और ६ पुरूष, इस संसद के अपने साथी सदस्यों के माध्यम से यौन उत्पीड़न का शिकार हुए हैं।

महिलाओं के विरुद्ध अत्याचार और यौन उत्पीड़न के बारे में यह रिपोर्टें एसी स्थिति में सामने आई हैं कि जब पश्चिम का यह दावा है कि समाज में यौन स्वतंत्रता के कारण महिलाओं  के साथ बलात्कार की घटनाओं में कमी आई है। उनका यह भी दावा है कि लैंगिक न्याय को प्रचलित करके उन्होंने समाज में महिलाओं की उपस्थिति को सुविधाजनतक बनाया है।

 

टैग्स