पश्चिमी जीवन की सच्चाई- 14
कार्यक्रम में पश्चिमी व यूरोपीय समाजों में अल्कोहल के सेवन के बारे में बात करेंगे।
पश्चिमी व यूरोपीय समाजों में एक पेय पदार्थ के रूप में अल्कोहल का सेवन सामान्य बात हो गयी है।
अल्कोहल एक एक्सटेसी पदार्थ है जो इंसान के विवेक को प्रभावित करता है और उसके विचार और व्यवहार को परिवर्तित कर देता है।
यूरोपीय और पश्चिमी समाजों में अल्कोहल उद्योग से जो मोटी कमाई होती और जो टर्नओवर होता है वह बहुत ही आश्चर्यजनक है। एक अनुमान के अनुसार वर्ष २०२० तक पेय पदार्थ के रूप में अल्कोहल के क्रिय विक्रय से होने वाली आय डेढ़ ट्रेलियन तक पहुंच जायेगी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों का मानना है कि अल्कोहल पेय पदार्थों का सेवन २०० से अधिक बीमारियों का कारण बनता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार अल्कोहल पेय पदार्थों का सेवन पूरी दुनिया में सबसे अधिक यूरोप में होता है और इसी कारण इस पदार्थ का सेवन करने के कारण सबसे अधिक मौत यूरोपि में होती है। योरोप में भी सबसे अधिक बाल्टिक क्षेत्र के लोग अल्कोहल पेय पदार्थों का सेवन करते हैं।
ब्रितानी डाक्टरों के अनुसार अल्कोहल पेय पदार्थों के सेवन का नुकसान मादक पदार्थों के सेवन से भी अधिक है। लंदन विश्व विद्यालय में यकृत की बीमारी के प्रोफ़ेसर राजीव जालान का मानना है कि यूरोप में १० प्तिशत लोगों की मौत काकारण अल्कोहल पेय पदार्थों का सेवन है और उनका कहना है कि मूल समस्या यूरोप में इससे मुकाबले के लिए गंभीर नीति का न होना है।
२०वीं शताब्दी के १० के दशक में चिकित्सा के क्षेत्र में अल्कोहल पेय पदार्थों के सेवन के फ़ायदों को बयान किया जाने लगा जिसके कारण इसके व्यापार में वृद्धि हो गयी है।
केवल यूरोपीय देश नहीं हैं जिन्हें अल्कोहल पेय पदार्थों के सेवन से उत्पन्न होने वली समस्याओं का सामना है। अमेरिका में बीमारियों की रोकथाम करने वाले केन्द्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष २०१७ में अल्कोहल पेय पदार्थों का सेवन करने के कारण ८८ हज़ार अमेरिकियों की मृत्यु हो गयी और इस पदार्थ के सेवन के कारण अमेरिकी सरकार को २४९ अरब डालर का नुकसान हुआ है।
युवाओं द्वारा अल्कोहल के सेवन से उनके शारीरिक नुकसान के अलावा हिंसा र सड़क दुर्घटना में भी वृद्धि होती है। इस प्रकार से हर चार सड़क दुर्घटना में से एक अल्कोहल सेवन का परिणाम होती है।
अल्कोहल का कारोबार फल फूल रहा है और दिन प्रतिदिन इसमें वृद्धि हो रही है और जब इसका सेवन बढ़ेगा तो निश्चित रूप से समाज को इसकी विनाशकारी चुनौतियों का अधिक सामना होगा।