Apr २६, २०१६ ११:०० Asia/Kolkata
  • राजकुमारी के प्रेम में व्यापारी का बेटा-2

…….एक इब्राहीम नामक लड़का था जो राजा की लड़की पर फ़िदा हो गया था।

उसके घर वाले जितना भी उसे इस काम से रोकते थे और डराते थे उस पर इसका कोई असर नहीं हो रहा था, बल्कि उसकी दीवानगी और बढ़ती जाती थी। इधर से उसका ज़हन हटाने के लिए उसके मांमूओं ने उसे 100 रूपय दिए ताकि वह जाकर कुछ कारोबार शुरू करे। जब वह कोई काम तलाश करने के लिए घर से निकला तो उसने एक मदारी को देखा जो एक थैले में एक ड्रैगन को बंद किए तमाशा दिखा रहा था। ड्रैगन ने इब्राहीम से कहा कि वह उसे ख़रीद ले, इब्राहीम ने उसे ख़रीद लिया।

 

 

उसके मांमूओं ने उसे समझाया और फिर से 100 रूपये दिए। ड्रैगन ने उससे कहा कि वह फ़लां मोहल्ले से जाकर पिल्ला ख़रीद लाए। मां ने जब देखा कि इस बार भी उसका बेटा फ़ालतू जानवर ख़रीद लाया है तो वह रोने पीटने लगी। जब वह ख़ूब रो धो ली तो फिर अपने भाईयों के पास गई, वे आए इब्राहीम को काफ़ी खरी खोटी सुनाई और अंततः उसे 100 रूपये और दिए और चले गए। ड्रैगन ने कहा कि आज वह फ़लां मैदान जाए और वहां एक व्यक्ति के पास काली बिल्ली है उसे ख़रीद लाए। इब्राहीम उसी पते पर गया और उसने देखा कि कुछ लोग बिल्ली के चारो ओर घेरा बनाकर बैठे हुए हैं। उसने 100 रूपये दिए और बिल्ली को ख़रीद लिया। मां ने जब देखा कि इस बार लड़का गोद में बिल्ली लिए चला आ रहा है तो उसने माथे पर हाथ मारा और कहा कि इस लड़के को क्या हो गया है क्यों इसकी समझ में कुछ नहीं आ रहा है। वह एक कोने में बैठकर अपने भाग्य को कोसने लगी।

दूसरी ओर ड्रैगन ने फिर से कबूतर का रूप धारण कर लिया और इब्राहीम से कहा, अब इस घर में रहने का कोई फ़ायदा नहीं है। हमें यहां से चलना चाहिए। जैसे ही सूर्य उदय हुआ और हर ओर उजाला फैला, इब्राहीम ने कबूतर को बग़ल में दबाया और कुत्ते का बच्चा और बिल्ली उसके पीछे पीछे चलने लगे। वे चलते रहे चलते रहे यहां तक कि एक रास्ते पर पहुंचे। कबूतर ने इब्राहीम से कहा, आज रास्ते में तुझे तीन जोगी मिलेंगे। मैं छड़ी बन जाता हूं और तू उसे हाथ मे उठा लेना। जब जोगी यहां पहुंचेंगे तो छड़ी पर उनकी नज़र ठहर जाएगी और वह इसे ख़रीदना चाहेंगे। तू उसे उन्हें बेच देना, लेकिन सात क़दम आगे जाते ही कहना छू मंतर काट डाल इस जोगी का सिर। कहीं भूल मत जाना या देर से मत कहना। इब्राहीम ने स्वीकार किया और कबूतर ने तेज़ी से चक्कर लगाया और वह एक सुन्दर छड़ी में परिवर्तित हो गया। इब्राहीम अभी कुछ क़दम ही आगे बढ़ा था कि उसे एक जोगी मिला उसने इब्राहीम का हाल चाल पूछा और जैसे ही उसने छड़ी को देखा, वह उसे इतना अधिक पंसद आई कि अपनी अंगूठी उतारकर कहा, छड़ी के बजाए यह अंगूठी ले लो। इब्राहीम ने कहा, यह अंगूठी उसके किस काम आएगी। उसकी न पत्नी है और न लड़की जिसे यह अंगूठी पहनाए। जोगी ने कहा, यह हज़रत सुलेमान की अंगूठी है। इसकी विशेषता यह है कि जब इसे पहनोगे और घुमाकर कहोगे कि ईश्वरीय दूत सुलेमान के अधिकार की सौगंद, तो हेशाम देव चार देवों के साथ उपस्थित हो जाएगा और जो भी इच्छा करोगे वह उसे पूरा करेगा। इब्राहीम ने अंगूठी को लिया और चला गया। अभी सात क़दम भी नहीं चला था कि उसने कहा, छू मंतर काट डाल इस जोगी का सिर। अचानक छड़ी, तलवार में बदल गई और जोगी का सिर अलग हो गया और वह फिर से छड़ी बन गई और इब्राहीम के हाथों में लौट आई।

 

 

उसके बाद इब्राहीम और उसके साथी फिर चल पड़े। रास्ते में दूसरा जोगी मिला। उन्होंने एक दूसरे का हाल चाल पूछा। इस जोगी की निगाहें भी छड़ी से नहीं हट रही थीं। अंततः उसने इब्राहीम से कहा कि वह उसे यह छड़ी बेच दे। यह कहकर उसने अपनी झोली में हाथ डाला और एक थैली निकालकर कहा यह रही छड़ी की क़ीमत। इब्राहीम ने उससे पूछा कि इस थैली की क्या विशेषता है। जोगी ने कहा, यह हज़रत सुलेमान के भोजन की थैली है। जब भी किसी भोजन की इच्छा हो, इसमें हाथ डालना और वह खाना इससे बाहर निकाल लेना। इब्राहीम इसे लेकर चल दिया। वह अभी सात क़दम भी आगे नहीं बढ़ा था कि उसने कहा, छू मंतर काट डाल इस जोगी का सिर। छड़ी तलवार में बदल गई और जोगी का सिर अलग कर दिया और पुनः इब्राहीम के हाथ में आकर छड़ी बन गई।

 

 

इब्राहीम बहुत ख़ुश था कि उसे अब सब कुछ मिल गया है। वह फिर चल पड़ा और रास्ते में तीसरा जोगी मिला। इसने भी छड़ी को देखा तो उसे ख़रीदने की इच्छा ज़ाहिर की और उसके बदले में अस्तबल का खूंटा दिया। इब्राहीम ने कहा, तुम देख रहे हो मैं पैदल चल रहा हूं, मेरे पास घोड़ा नहीं है कि जो इससे बांधू। जोगी ने कहा, बेटा यह खूंटा घोड़े के लिए नहीं है। यह हज़रत सुलेमान का है। जहां भी इसे ज़मीन में गाड़ोगे और कहोगे कि हज़रत सुलेमान के अधिकार की क़सम, तो उस स्थान पर एक ऐसा महल बन जाएगा कि विश्व भर में इतना सुन्दर और बड़ा महल नहीं होगा। इब्राहीम ने स्वीकार कर लिया और चल पड़ा। अभी सात क़दम भी नहीं चला था, उसने कहा, छू मंतर काट डाल इस जोगी का सिर। इस बार भी छड़ी तलवार बन गई और बेचारे जोगी का सिर काट डाला।

 

 

उसके बाद इब्राहीम अपने साथियों के साथ चल दिया और चलता रहा यहां तक कि सूर्यास्त के समय वह एक जंगल में पहुंचे कि जहां न पानी था और न कोई इंसान। छड़ी ने चक्कर लगाया और ड्रैगन बनकर इब्राहीम से कहा, अच्छा होगा कि रात को यहीं ठहर जाएं। इब्राहीम ने स्वीकार कर लिया और थैली में हाथ डालकर भोजन निकाल लिया। उन्होंने खाना खाया और जैसे ही सोने की तैयारी में थे ड्रैगन ने कहा, क्या तूझे पता है, यह पिल्ला और बिल्ली परि वंश से हैं और उन्होंने कुत्ते और बिल्ली का रूप धारण कर लिया है। यह कहकर उसने कुत्ते और बिल्ली को आदेश दिया कि वह अपने असली रूप में आ जाएं। तुरंत दो दास हाथ में ख़ंजर लिए हुए सामने खड़े थे। ड्रैगन फिर तेज़ी से घूमा और अनुदाहरणीय सुन्दर लड़की बन गया। लड़की ने कहा, मैं अपने चचेरे भाई के लड़के की बीवी हूं। सात वर्षों से हेशाम देव ने मेरे ऊपर जादू किया हुआ है। जब तूने अंगूठी ली तो वह जादू नष्ट हो गया और अब मैं आज़ाद हूं और अपना जीवन बिताने जा रही हूं। उस लड़की ने अपने कुछ बाल इब्राहीम को दिए और कहा जब भी कोई कठिनाई हो तो उसमें से एक बाल को जला दे मैं उपस्थित हो जाऊंगी। यह कहकर उसने तेज़ी से एक चक्कर लगाया और कबूतरी बनकर उड़ गई। फेसबुक पर हमें लाइक करें, क्लिक करें