Oct १०, २०२० १९:३६ Asia/Kolkata

आस्ट्रेलिया के वैज्ञानिको ने एक ईरानी वैज्ञानिक के सहयोग से एसा डिवाइस बनाया है जिससे रात में साफ़ दिखाई देता है।

इसे बनाने में सेमिकन्डक्टर नैनो क्रिस्टल की पतली परत का इस्तेमाल हुआ है।

यह सेमिकन्डक्टर नैनो क्रिस्टल अधिक तीव्रता वाला प्रकाश ट्रांस्फ़र करके प्रकाश की जटिल किरणें पैदा करता है। इस प्रौद्योगिकी को लेज़र में भी इस्तेमाल करेआधुनिक स्क्रीन पर होलोग्राफ़िक तस्वीर बनायी जा सकती है।

 

ईरानी दवा कंपनी सेद्रीन अलबुर्ज़ ने अलसी के दाने से एसी दवा बनायी है जो दिल की बीमारियों की पूर्व रोकथाम के लिए फ़ायदेमंद है।

असली का पाउडर भी इस अध्ययन के नतीजे में बनने वाली एक और दवा है। यह पाउडर हारमोन के कारण होने वाले कैंसर की पूर्व रोकथाम में प्रभावी है। इस पाउडर में बड़ी मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है जिसे हारमोन के कारण होने वाले कैंसर की पूर्व रोकथाम और इलाज दोनों में इस्तेमाल किया जा सकता है।

 

ईरान में इस लैब की स्थापना के अन्य उद्देश्य, साइन्टिफ़िक माडलिंग के बीच उद्योग और सरकी व ग़ैर सरकारी संगठनों के बीच ज़्यादा से ज़्यादा संपर्क क़ायम करना, शहरी योजनाओं, मौजूदा और निर्माणाधीन वास्तुला के पोजेक्ट के साइमुलेशन माडल बनाना, वास्तविक वातावरण में बनायी गयी डिज़ाइन में कमियों व जोखिम को कम करना, वैरिएबल्ज़ को नियंत्रित करने के लिए सेमी एक्सपेरीमेंट करना और क्वान्टिटेटिव रिसर्च को सुचारू बनाना है।

अब आपको वैज्ञानिक प्रगति में ईरान की तरक़्क़ी के बारे में बताएंगे। सिटेशन डेटाबेस इंस्टीट्यूट आफ़ साइन्टिफ़िक इन्फ़ार्मेशन आईएसआई के डेटा के मुताबिक़, २०१५ में ईरान का वैज्ञानिक प्रगति में तीसरा स्थान था।

 

जब २०१४ और २०१५ में ईरान के दस्तावेज़ों की तादाद की सिटेशन डेटाबेस आईएसआई में दुनिया के अन्य देशों की तादाद से तुलना करते हैं तो पता चलता है कि ईरान में क्वान्टिटेटिव रिसर्च में ८ फ़ीसद विकास हुआ है।

सिटेशन डेटाबेस स्कोपस के मुताबिक़, २०१६ में इस्लमी गणंत्र ईरान का दुनिया में वैज्ञानिक प्रगति में योगदान १ दश्मलव ९ फ़ीसद, २०१० में यह मात्रा १ दश्मलव २ फ़ीसद थी और २०११ से २०१५ के बीच यह आंकड़ा लगभग १ दश्मलव ५ फ़ीसद थी।

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