Oct १२, २०२० १९:२१ Asia/Kolkata

कार्यक्रम में हम आपको यह बताने का प्रयास करेंगे कि अमेरिका में हिंसा और गोलीबारी का एक महत्वपूर्ण कारण गन संस्कृति है।

१९ अगस्त २०१९ को टाइम पत्रिका ने एक ख़बर छापी जिसे लोगों ने काफ़ी ध्यान से पढ़ा। वह ख़बर यह थी कि पिछखले एक वर्ष में अमेरिका के किन किन क्षेत्रों में फ़ायरिंग की घटनाएं हुई हैं और पत्रिका में जहां हिंसक घटनाओं का उल्लेख था उसके उपर सुर्ख़ी लगी थी “ काफ़ी है”।

 

हिंसा एक एसी चीज़ है जिसका पश्चिमी देशों विशेषकर अमेरिका को सामना है और हिंसा ने वहां के लोगों के जीवन को असुरक्षित बना रखा है और हर कुछ समय पर हमें सुनने व पढ़ने को मिलता रहता है कि अमेरिका के अमुक नगर में फ़ायरिंग में इतने लोग या स्कूले बच्चे मारे गये और यह चीज़ अमेरिका में इतनी अधिक है कि अब वह इस देश के नगरिकों और विश्व वासियों के लिए एक आम बात हो गयी है किन्तु जब मरने वाले व्यक्तियों की संख्या अधिक होती है तब लोग उस पर ध्यान देते है। दर्शनशास्त्र के एक प्रोफ़ेसर जान कोज़ी का मानना है कि अमेरिका में ज़िन्दगी करने से आसान अफ़ग़ानिस्तान में युद्ध के लिए जाना है। अमेरिकियों को न केवल हिंसा का सामना है बल्कि बहुत से अमेरीकी हथियारों और हिंसा से मनोरंजन करते हैं और वे हिंसा से आनंदित होते हैं।

हिंसा आज अमेरिकी समाज की एक की पहचान बन गयी है। आज अमेरिकी जो अपनी पहचान दे रहे हैं वह कभी हथियारों से अलग नहीं है।

हालिया दशकों में अमेरिकी स्कूलों में हत्या वह चीज़ हुई है जो हतप्रभकरने वाली और बहुत चिंताजनक है। इस प्रकार से कि इस चीज़ में दिन प्रतिदिन वृद्धि होती जा रही है और लगभग २० वर्ष पहले २० अप्रैल १९९९ को अमेरिका के कोलोराडो प्रांत के कोलम्बाइन स्कूल के १७- १८ साल के दो छात्रों ने स्कूल में कहर ढ़ा दिया।

 

अभी कुछ समय पहले समाचार पत्र न्यूयार्क टाइम्स ने कोलंबाइन घटना की २० वीं बरसी पर एक लेख प्रकाशित किया था । इस समाचार पत्र ने लिखा कि अब तक स्कूलों कत सुरक्षित बनाने के लिए दसियों लाख डालर ख़र्च हो चुके हैं ताकि कोलंबाइन जैसी घटना दोबारा न हो परंतु स्कूलों को  सुरक्षित बनाने के लिए जितने भी क़दम उठाये गये उनसे किसी प्रकार चिंता कम नहीं हुई है।

समाचार पत्र गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार स्कूलों में फ़ायरिंग अमेरिकियों की प्रवृत्ति का एक भाग है। कुछ अमेरिकी अध्ययनकर्ताओं का मानना है कि स्कूलों में जो हिंसा होती है उसका आदर्श अमेरिकी समाज है। जो कुछ स्कूलों में होता है वह अमेरिकी समाज से अलग नहीं है ।

सवाल यह उठता है कि अमेरिका में फ़ायरिंग की घटनाओं में इतने अधिक लोग मारे जाते हैं उसके बावजूद इस देश में हथियरों का क्रय विक्रय क्यों आज़ाद है? उसका जवाब यह है कि अमेरिका में हथियारों की जो लाबी है वह बहुत मज़बूत है और राजनीतिक स्तर वह बहुत प्रभावी है।

 

एक रोचक बिन्दु यह है कि जब भी अमेरिका मं हिंसा की कोई बड़ी घटना होती है और उसमें ध्यान योग्य संख्या में लोग मारे जाते हैं तो अमेरिका में हथियार बनाने वाली कंपनियों के शेयर के मूल्य बढ़ जाते हैं।

वर्ष २०१७ में फ़ोरच्यून पत्रिका ने लिखा कि लास वेगास की घटना के बाद जिसमें ५९ व्यक्ति मारे गये थे पूंजीपतियों ने हथियार बनाने वाली कंपनियों के शेयरों को ख़रीद लिया क्योंकि अपेक्षा यह की जा रही थी कि हमेशा की तरह इस घटना के बाद हथियारों की बिक्री अधिक होगी।

वास्तव में हथियारों का क्रय विक्रय और उनके साथ में रखने की आज़ादी और इसी प्रकार उनका निर्यात आमदनी का महत्पूर्ण स्रोत है और यही वजह है कि अमेरिकी राजनेता लोगों की जानों एवं हितों की कुर्बानी पूंजी पतियों के हितों पर कर देते हैं।

यही नहीं ट्रंप ने अभी कुछ समय पहले फ़्लोरीडा राज्य में होने वाली फ़ायरिंग की घटना में बच जाने वालों के साथ बैठक में हथियार बेचने वाले संगठन के सदस्यों को वास्तविक देश प्रेमी बताया और हथियार बेचने वाली लाबी के प्रति अपने समर्थन की घोषणा की और उनके सदस्यों को अपना सच्चा मित्र बताया।

 

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