Pars Today
बाइडेन के आलोचकों के दबाव के कारण ख़लीलज़ाद को जाना पड़ा
अमेरिका ने पश्चिम एशिया में सैनिक हस्तक्षेप के लिए सात हज़ार अरब डॉलर यानी सात ट्रिलियन डालर खर्च किया परंतु उसका यह हस्तक्षेप क्षेत्र में अधिक अशांति व अस्थिरता का कारण बना।
अफ़ग़ानिस्तान में युद्ध जारी रहने और इस देश में अपनी सैन्य उपस्थिति जारी रखने में अमरीका व नैटो की रुचि का एक मुख्य कारण, उनके लिए अफ़ग़ानिस्तान का एक व्यापार केंद्र में परिवर्तित हो जाना है।
पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के संबंधों में अमरीका की स्थिति
अफ़ग़ानिस्तान में हिंसा की ताज़ा लहर।
इस बात में शक नहीं कि क्षेत्र में ब्रिटेन की ओर से बोए गये बड़े फ़ितनों में कल्पित ड्यूरैन्ड लाइन भी है जो 100 साल बीतने के बावजूद आज भी अफ़ग़ानिस्तान-पाकिस्तान के बीच तनाव व विवाद का बिन्दु बनी हुयी है।
सांप्रदायिता का विषय, ब्रिटेन और उसके बाद अमरीका की ओर से इस्लामी देशों में घुसाया गया है और इस बारे में होने वाले शोध से पता चलता है कि इसमें साम्राज्यवाद की भूमिका देखी जा सकती है।
अमरीका और नैटो की ओर से अफ़ग़ानिस्तान के अतिग्रहण के बाद इस देश के परिवर्तनों पर चार कार्यक्रम लेकर आपकी सेवा में उपस्थित हैं।
अफ़ग़ानिस्तान में अमरीका द्वारा किया गया महा बम हमला।
अफ़ग़ानिस्तान, ईरान के पूरब में स्थित है और काबुल इस देश की राजधानी है।