दोस्तो जैसाकि आप जानते हैं कि इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के बेटे हैं और सन 38 हिजरी कमरी में पवित्र नगर मदीना में आपका जन्म हुआ था।
रजब का महीना था। ईमान से ओत- प्रोत हज़रत फातेमा बिन्ते असद भी दूसरे लोगों की भांति काबे की परिक्रमा कर रही थीं कि अचानक उन्होंने प्रसव पीड़ा का आभास किया।
दोस्तो ईरान के महान योद्धा जनरल क़ासिम सुलेमानी की शहादत की बरसी को मौक़े के पर विशेष कार्यक्रम की पहली कड़ी के साथ आपकी सेवा में हाज़िर हैं।
आमतौर पर लोग पुरानी और एतिहासिक चीज़ों को ज़मीन से बाहर निकालने को पसंद करते हैं।
इस्लाम धर्म से पहले अरब समाज विदितरूप में ज़िन्दा था, सरकारें थीं, सामाजिक गतिविधियां थीं परंतु जो चीज़ मर चुकी थी वह इंसानियत व मानवता थी।
इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम का जन्म 17 रबीउल अव्वल सन 83 हिजरी कमरी को पवित्र नगर मदीना में हुआ था। इमाम मोहम्मद बाक़िर अलैहिस्सलाम आपके पिता और उम्मे फरवा आपकी माता थीं। उम्मे फरवा क़ासिम बिन मोहम्मद बिन अबि बक्र की बेटी थीं।
दोस्तो इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम मुसलमानों के 11वें इमाम हैं। आठ रबीउस्सानी 232 हिजरी कमरी में पवित्र नगर मदीना में आपका जन्म हुआ था।
दोस्तो आज फिक़्हे जाफरिया की आधारशिला रखने वाले इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम की शहादत का दुःखद अवसर है।
अमरीका का कहना है कि दक्षिणी कोरिया में ईरान की जो संपत्ति मौजूद है उसके प्रयोग का ईरान को अधिकार है।
12 फरवरदीन को ईरान में इस्लामी गणतंत्र दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है?