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रेगिस्तानी क्षेत्रों में पानी भंडारण का अनोखा तरीका
Jun २३, २०२१ १७:५४पीने के पानी का संरक्षण, हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है और इंसान इस मुद्दे को लेकर चिंतित रहा है। ईरान में पानी के जलाशयों का निर्माण करके काफ़ी हद तक इस चिंता का समाधान निकाला गया था।
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प्राचीन काल में ईरानी जल संकट से किस तरह निपटा करते थे? रोचक जानकारी
Jun १६, २०२१ १५:०७ईरान में आजसे 17 सदी पहले पनचक्कियां, पुल और बांध बनाए जा चुके थे और इन चीज़ों के माध्यम से वे सूखे इलाक़ों में पानी के संकट से निपटा करते थे।
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जल संकट-पानी के प्रबंधन की रचनात्मक शैली की ज़रूरत, प्राचीन काल में ईरान में पानी का संरक्षण करने का अनोखा तरीक़ा
Jun १५, २०२१ १४:०५दुनिया में फैले जल संकट के एक अन्य आयाम की समीक्षा
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जल संकट आशा और निराशाः थोड़ी सी बात ग्रे वाॅटर के बारे में, जल संकट से निपटने में क्या है इसकी भूमिका
Jun ०९, २०२१ १६:५९हम सब जानते हैं कि आजकल मानव समाज की सबसे अहम चिंताओं में से एक पानी की कमी है और इसके समाधान के लिए अनेक तरीक़े पेश किए गए हैं। इस कार्यक्रम में भी हम आपको पानी की कमी के संकट से मुक़ाबले की एक शैली से परिचित कराएंगे। यह शैली ग्रे वाॅटर या धूसर जल के इस्तेमाल की है। मीठे पानी की सुरक्षा और ज़मीन के ऊपर और नीचे जलस्रोतों की रक्षा ग्रे वाॅटर के इस्तेमाल के कुछ फ़ायदे हैं।
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जल संकटः दुनिया में पानी की होती कमी, इस महा संकट से निपटने के लिए हमे क्या करना चाहिए?
Jan २०, २०२१ १३:२६दोस्तो आज पूरी दुनिया में किसी पर भी पानी की अहमियत की बात छिपी नहीं है। यहां पर इस बात का उल्लेख आवश्यक है कि पानी की बचत के साथ साथ इसके समाधान पर भी ध्यान देना आवश्यक है। अतीत में यह कल्पना की जाती थी कि दुनिया में पानी के स्रोत असीमित हैं लेकिन आज दुनिया के ज़्यादातर देशों ने पानी के स्रोतों के सीमित होने के विषय को समझ लिया है और उन्होंने पानी बचाव की शैली पर काम करना भी शुरु कर दिया है।
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दुनिया के सामने मुंह खोले खड़ा है जलसंकट, मनुष्यों के लिए 2030 होगा बहुत ख़तरनाक, अगर होशियारी नहीं दिखाई तो...
Jan ०९, २०२१ १९:५३दुनिया के सामने मुंह खोले खड़ा है जलसंकट, मनुष्यों के लिए 2030 होगा बहुत ख़तरनाक, अगर होशियारी नहीं दिखाई तो...
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क्या पानी के लिए जंग अब कल्पना के बजाए ज़मीनी सच्चाई बनती जा रही है? जल संकट पर एक और विशेष पेशकश
Jan ०३, २०२१ १९:५४अमरीकी लेखक माइकल टी क्लार ने सन 2001 में एक लेख लिखा था जिसका शीर्षक था " तनाव का नया भुगोल "। इस लेख में उन्होंने विश्व वासियों को इस प्रकार से चेतावनी दी थीः निकट भविष्य में झड़पों के इलाक़े वह इलाक़े होंगे जहां प्राकृतिक संसाधन अधिक होंगे।
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पृथ्वी पर गहराता जल संकट, समस्या का न हुआ समाधान तो होगा न ख़त्म होने वाला युद्ध+ वीडियो
Dec ३०, २०२० १६:४१यदि आप धरती को ऊपर से, बहुत ऊपर से देखें तो आप को नीले रंग का एक गोला नज़र आएगा, हम सब को मालूम है कि धरती को नीला रंग, धरती पर मौजूद पानी ने दिया है। धरती का अधिकांश भाग नदियों और समुद्रों से ढंका हुआ है। धरती का कुल क्षेत्रफल 510 मिलयन वर्गकिलोमीटर है और उसमें से 361 मिलयन वर्ग किलोमीटर, पर पानी की चादर बिछी है।
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जंग का एक बड़ा कारण पानी बन सकता है, दाइश ने ख़ास तौर पर जल संसाधनों पर क़ब्ज़ा किया था...सीरिया संकट की शुरुआत की वजह बना था पानी
Dec १४, २०२० १५:२८युद्ध वास्तव में एक भयानक न्रास्दी है जो वास्तव में जीवन के मूल भूत ढांचे को ही निशाना बनाती है और उसे पूरी तरह से तबाह कर देती है। अब तक हम ने विभिन्न प्रकार के युद्ध देखे हैं।
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हमें यह अधिकार नहीं है कि सूखे के लिए हम आसमान की ओर उंगली उठाएं
Dec १२, २०२० १५:४४पानी की कमी बहुत सी समस्याओं को जनम देती है लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कभी कभी हम समस्या में केवल इस लिए फंस जाते हैं क्योंकि हम पानी को पानी ही समझते हैं जबकि पानी, केवल पानी नहीं है।