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हज केवल एक इबादत नहीं बल्कि एकता और एकजुटता का प्रतीक है
Jul ०७, २०२२ १४:२८पवित्र हज के संस्कारों को आज हज़रत इब्राहीम के हज के तौर पर जाना जाता है, यह केवल एक इबादत नहीं है, बल्कि यह पूरी दुनिया के मुसलमानों के बीच एकता और एकजुटता के लिए किए जाने वाले प्रयासों का अभ्यास है।
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क़ुरआनी क़िस्सेः हज़रत इब्राहीम अपनी पत्नी और बेटे को काबे के पास निर्जन स्थान पर छोड़कर चले गए!
Feb १२, २०२० २०:१०सूरे बक़रा की आयत संख्या 158 के नाज़िल होने की दास्तान बहुत दिलचस्प और पाठदायक है। इस आयत में सफा और मरवा का उल्लेख है।