दोस्तो कार्यक्रम स्वतंत्रता प्रभात की एक अन्य कड़ी के साथ आपकी सेवा में हाज़िर हैं, ...और... का सलाम स्वीकार कीजिए।
जवानी को यौवन भी कहा जाता है।
इस्लामी क्रांति के वरिष्ट नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई के पश्चिम की युवा नस्ल के नाम पत्र में, दुनिया की वर्तमान संवेदनशील स्थिति के संबंध में एक समीक्षात्मक दृष्टि प्रस्तुत की है और इस संवेदनशील स्थिति का वर्णन भी है।
हमने बताया था कि ख़लीफ़ा हारून रशीद अपने मंत्री जाफ़र बरमकी के साथ बदले हुए भेष में बग़दाद शहर में टहल रहा था कि उसे बूढ़ा मछुआरा नज़र आया जिसे उस दिन कोई मछली नहीं मिल पायी थी।
जवानी ज़िंदगी का बहुत महत्वपूर्ण कालखंड है अतः ज़रूरी है कि इंसान इस दौर की क़द्र करे।
जैसा कि आपने सुना कि वरिष्ठ नेता जवानी के दौर और जवानों के व्यक्तित्व को बहुत महत्व देते हैं।
युवा ऊर्जा, प्रफुल्लता, क्षमता, उत्साह और जोश का स्रोत होते हैं और पवित्रता, निष्ठा और सच्चाई उसकी मुक्य विशेषता है।
युवा की परिभाषा में कुछ समाजशास्त्री युवा की जिज्ञासु भावना पर ध्यान देते और कहते हैं” युवा उसे कहते हैं जो नैतिक विशेषता, सामाजिक भावना और भिन्नताप्रेमी होता है।
जिस प्रकार समाजों की प्रगति और विकास युवा, प्रतिबद्ध और विशेषज्ञ मानव श्रम बल पर निर्भर है, उसी प्रकार देशों के सक्रिय व युवा श्रम बल के पतन व तबाही में निरंकुशता की बड़ी भूमिका है।
हमने यह कहा था कि हर इंसान की जवानी जीवन का सबसे महत्वपूर्ण दौर है और दूसरों के प्रभाव को स्वीकार करने का बेहतरीन समय है।