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शेर की दुनिया- 9
Jul २९, २०२० १२:०८कुछ लोगों का मानना है कि शाहनामा, सामानी व ग़ज़नवी काल के सांस्कृतिक हालात और फ़िरदौसी के दोस्तों के सहयोग व समर्थन का परिणाम है ।
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शेर की दुनिया- 6
Dec ०३, २०१९ १५:४४फ़िरदौसी ने शाहनामे में इस बात का उल्लेख किया है कि इस किताब की रचना में उन्हें तीस साल का समय लगा और इसके लिए उन्हें बहुत कठिनाइयां सहन करनी पड़ीं। वे कहते हैं।
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शेर की दुनिया- 5
Dec ०३, २०१९ १३:१५फ़िरदौसी ने शाहनामे में ख़ुद इस बात का उल्लेख किया है कि इस किताब की रचना में उन्हें तीस साल का समय लगा और इसके लिए उन्हें बहुत कठिनाइयां सहन करनी पड़ीं। वे कहते हैं।