Pars Today
2020 के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार ने कहा है कि अमरीका में नस्लवाद न केवल क़ानून लागू करने के भाग में बल्कि व्यवस्थित ढंग से देश में हर जगह मौजूद है।
अमरीकी जनता को कोरोना के फैलाव, नस्लवाद के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों की लहर और अयोग्य सरकार जैसे तीन संकटों का सामना है।
मिनियापोलिस में पुलिस के हाथों बड़ी निर्ममता से मारे जाने वाले जॉर्ज फ़्लॉयड का अंतिम संस्कार मंगलवार को किया जाएगा।
अमरीका में नस्लभेद के विरुद्ध होने वाले प्रदर्शन सीमाओं को पार कर गये हैं और यह प्रदर्शन आस्ट्रेलिया सहित यूरोप के कई शहरों में होने लगे हैं।
अमेरिकी पुलिस के हाथों अश्वेत नागरिक जॉर्ड फ़्लायड की हत्या के बाद पूरे अमेरिका में हो रहे व्यापक स्तर पर विरोध-प्रदर्शनों के लिए इस देश के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने चीन को ज़िम्मेदार ठहराया है।
अमरीकी सीनेटर बर्नी सेन्डर्ज़ ने कहा है कि अमरीका में जातीवाद और नस्ली भेदभाव केवल अश्वेत लोगों के साथ पुलिस के हिंसक बर्ताव तक ही सीमित नहीं रहता बल्कि इसका दायरा इससे भी ज़्यादा बड़ा है।
अमरीका के रक्षा मंत्री ने कहा है कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सैनिकों का प्रयोग अंतिम विकल्प के रूप में होना चाहिए।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के ट्वीट का जवाब देते हुए वॉशिंग्टन की मेयर ने कहा है कि, ऐसा राष्ट्रपति जो खुद अयोग्य है वह अपनी कमी छिपाने के लिए दूसरों पर आरोप लगा रहा है।
अश्वेत अमेरिकी नागिरक जॉर्ज फ़्लोइड की पुलिस बर्बरता से हुई मौत के 10 दिन बाद भी अमेरिका में प्रदर्शनों और शांतिमार्चों का सिलसिला लगातार जारी है। इस बीच कई अमेरिकी संगठनों ने अपने देश के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज कराया है।
अमरीका में अश्वेत नागरिक की गर्दन दबाकर हत्या का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ था कि उसकी तरह की एक अन्य घटना भारत में घटी जिस पर सोशल मीडिया में काफ़ी बहस हो रही है।