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इस्लामी सरकार जनता की सेवक होती है मालिक नहीं, पवित्र नगर मशहद पहुंचे ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने दिए कई अहम संदेश
Jun २३, २०२१ ०९:३५ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने कहा है कि इस्लामी सरकार जनता की सेवा के लिए होती है। उन्होंने कहा कि इस्लामिक सरकार के सभी अधिकारियों को ख़ुद को जनता का सेवक समझना चाहिए।
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वीडियो रिपोर्टः इमाम रज़ा (अ) का एक ऐसा सेवक जो पेशे से है वरिष्ठ न्यूरोसर्जन, जिस महिला का इलाज किया उसके सपने में आए इमाम और ...
Jun २२, २०२१ १९:३८हमने उनके साथ राजधानी तेहरान से दिलों की राजधानी तक की यात्रा की, श्रद्धालुओं की सेवा के लिए मेरा दिल बेचैन है। इस सफ़ल में कुछ लोग उनके साथ हैं, मेरे लिए गर्व की बात है कि इस पवित्र सफ़र में मैं उनके साथ हूं,मंज़िल पवित्र नगर मशहद है, कुछ ही देर में इमाम रज़ा (अ) की सेवा के लिए हाज़िर हा जाते हैं, इमाम रज़ा का वजूद इस देश के लिए सेवाए बरक़त के और कुछ नहीं है, उनके वजूद की बरकत को समझने के लिए उनकी पहचान रखना ज़रूरी है। डॉक्टर जब्बारी ईरान के एक प्रसिद्ध वरिष्ठ न्यूरोसर्जन हैं उन्होंने अब तक ...
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वीडियो रिपोर्टः इमाम अली रज़ा (अ) के रौज़े पर आयोजित हुआ 1200 साल पुराना कार्यक्रम, बज उठे नक़्क़ारे
Jun २२, २०२१ १९:०४इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस के अवसर पर वभिन्न प्रकार के विशेष कार्यक्रम आस्ताने रिज़वी ट्रस्ट, हज़रत मासूमा (स) ट्रस्ट और इमाम रज़ा के रौज़े के सेवकों की ओर से आयोजित हुए ... ख़ुत्बे ख़्वानी की रस्म के बाद, 1200 साल से चले आ रहे पारंपारिक तरीक़े से पवित्र क़ुरआन की तेलावत की गई ... इस भव्य कार्यक्रम में फ़र्श बिछाने वाले सेवकों के अलावा हाफ़िज़े क़ुरआन, श्रद्धुओं के जूते-चप्पलों की देख-रेख करने वाले भारी संख्या में मौजूद रहे, यह कार्यक्रम वक़्फ़ करने वालों की ...
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पूरा ईरान ख़ुशी में डूबा...
Jun २२, २०२१ १०:४२पैग़म्बरे इस्लाम के आठवें उत्तराधिकारी व शियों के आठवें इमाम हज़रत इमाम अली रज़ा अलैहिस्साम का आज शुभ जन्म दिवस है।
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वीडियो रिपोर्टः ऐसी नौकरी जिसकी तमन्ना हर कोई करे, इमाम रज़ा के सेवकों के दिल की बातें उन्हीं की ज़बानी, मेहमान के स्वागत के लिए तैयार होता रौज़ा, ज़यारत के लिए बेताब श्रद्धालु
Jun १९, २०२१ २०:०५यहां लोग आते हैं ताकि इमाम रज़ा (अ) की शान का वास्ता देकर अपने दिलों पर जमी गर्दो ख़ाक को साफ़ कर सकें और अपनी इज़्ज़त में चार चांद लगा सकें ... सेवक का कहना है कि, केवल सफ़ाई तो नाम है नहीं तो हम अपने दिलों की सफ़ाई के लिए यहां आते हैं, ईश्वर हमे और जीवन दे ताकि हम और सेवा कर सकें, हमे ईश्वर से कुछ और नहीं चाहिए क्योंकि जा कुछ मांगा है उससे उसने दिया है ... ऐ अली इब्ने मूसा रज़ा, वर्षों से ऐसा है कि जब हमारा दिल बेचैन होता है तब आप जैसे महेरबान के शरण में आ जाते हैं ...
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वीडियो रिपोर्टः इंसानियत की सेवा कैसे होती है, अगर जानना है तो ज़रूर आएं अहलेबैत (अ) की चौखट पर, क़ुम से मशहद तक का बरकतों भरा 10 दिनों का सफ़र
Jun १३, २०२१ १९:४३ईरान में “बरकतों के दस दिन” में विशेष कार्यक्रमों का आरंभ हो चुका है, वह भी पवित्र नगर क़ुम की सबसे पाकीज़ा बेटी हज़रत मासूमा (स) रौज़े से ... श्रद्धालु का कहना है कि, आज हज़रत फ़ातेमा मासूमा (स) का शुभ जन्म दिन है हम अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करने आए हैं, रौज़े के सेवक का भी यही कहना है। बरकतों की बाहार जो पवित्र क़ुम से शुरू हुई है वह पवित्र नगर मशहद में इमाम रज़ा के रौज़े में परवान चढ़ेगी , हज़रत मासूमा के रौज़े के सेवक जो बहुत ही भाग्यशाली हैं, इस पवित्र अवसर पर वे अपनी दिल की गहराईयों से ...
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अर्जेंटीना का एक व्यापारी जो इमाम रज़ा (अ) के रौज़े पर पहुंचता है और कुछ ऐसा होता है कि ...
May १६, २०२१ १३:०९अर्जेंटीना के एक व्यापारी ने ईरान के पवित्र नगर मशहद में पैग़म्बरे इस्लाम (स) के पौत्र हज़रत इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम के रौज़े में इस्लाम धर्म को क़बूल किया है।
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भारत के कोरोना के मरीज़ों की शिफ़ा के लिए ईरान के मशहद में दुआ प्रोग्राम+ फ़ोटो
Apr २७, २०२१ १०:४४भारत में फैली कोविड-19 पैन्डेमिक से मुक्ति पाने और इसके मरीज़ों की शिफ़ा के लिए इस्लामी गणतंत्र ईरान के पवित्र नगर मशहद में दुआ प्रोग्राम आयोजित हुआ।
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वीडियो रिपोर्टः पवित्र नगर मशहद में आज़ादी के बजे नगाड़े, युवाओं ने बलिदान की खाई सौगंध
Feb ०१, २०२१ १८:१९रविवार पूरे ईरान में स्वतंत्रता प्रभात आरंभ होने का दिन था। इस अवसर पर भव्य पैमाने पर जश्न मनाये जाते हैं और ये इस्लामी क्रांति की सफलता की याद दिलाते हैं। 42 साल पहले इसी प्रकार के दिन में स्वर्गीय इमाम खुमैनी स्वदेश वापस आये थे और उन्होंने एसी इस्लामी व्यवस्था की आधारशिला रखी जिसका ईरानी आज तक अनुसरण कर रहे हैं और यह रास्ता जारी है। हमें स्वयं को दिखाना चाहिये कि हम ईरानी युवा अपने जीवन की अंतिम सांस तक इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता के साथ हैं।
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वीडियो रिपोर्टः पैग़म्बरे इस्लाम (स) की सुपुत्री हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स) की शहादत के मौक़े पवित्र नगर में मशहद में कैसी है तैयारी? श्रद्धालुओं के जज़्बे को सलाम
Jan १६, २०२१ १८:२५हज़रत अली पैग़म्बरे इस्लाम की बेटी को क़ब्र के हवाले करते हुए रो रहे हैं और उनका दिल, दुनिया की याद में खोए हुए लोगों की अज्ञानता की वजह से दर्द से भर हुआ है।इन शा अल्लाह हज़रत फ़ातेमा ज़हरा हमारी मदद करेंगी। हज़रत ज़हरा से हमें विशेष आस्था है। उनकी शहादत पर पूरी दुनिया के शियों से संवेदना व्यक्त करते हैं। ... एक महिला के शब्द हज़रत ज़हरा ने अपने दौर में समाज में बहुत बड़ा सांस्कृतिक योगदान दिया और बच्चों के पालन पोषण में बहुत अहम रोल निभाया। इसी तरह हज़रत अली की ख़िलाफ़त के अधिकार के लिए ...