Pars Today
हमने इस्लामी क्रांति की सफलता और इस्लामी गणतंत्र ईरान की तस्वीर ख़राब करने में सऊदी अरब के प्रयासों की चर्चा की थी।
ईरान और इराक़ ने अपने संयुक्त बयान में कहा है कि विश्व और विशेषकर क्षेत्र से चरमपंथी तकफ़ीरी विचारधारा को जड़ से उखाड़ फेंकने की आवश्यकता है।
ईरान में इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद से सऊदी अरब, मध्यपूर्व में सदैव ही इस क्रांति और उसके मूल्यों का विरोधी रहा है।
हमने इस्लाम में सलफ़ीवाद की जड़ों और उसके प्रचारकों के बारे में विस्तार से बताया था।
हमने यह बताया था कि हिजाज़ के समूचे क्षेत्र पर वर्चस्व जमाने और सऊदी अरब देश की स्थापना के समय आले सऊद ने क्या- क्या अपराध किये थे।
हमने बताया कि आले सऊद और वहाबियों ने अपने शासन क्षेत्र में विस्तार के लिए क्या- क्या अपराध अंजाम दिये।
इराक़ ने संयुक्त राष्ट्र संघ से तकफ़ीरी विचारधारा को अपराध क़रार देने की मांग की है।
हमने पिछले कुछ कार्यक्रमों में वहाबी विचारधारा के संस्थापक मोहम्मद बिन अब्दुल वह्हाब तथा आले सऊद ख़ानदान से उनक तालमेल, वहाबी विचारधारा के प्रसार और इस पूरी प्रक्रिया में ब्रिटेन की भूमिका के बारे में बात की।
हमने यह बताया था कि अरब प्रायद्वीप पर अपने प्रभाव को मज़बूत और उसे विस्तृत करने के लिए आले सऊद, वहाबियत और ब्रिटेन ने किस तरह एक दूसरे से गठजोड़ किया।
दुनिया भर के सुन्नी धर्मगुरुओं ने तकफ़ीरी आतंकवाद की निंदा की है।