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एक और युद्ध के लिए तैयार हो जाए दुनिया, रूस ने अमेरिका को दी कड़ी चेतावनी, अमेरिका के पैरों के नीचे से खिसकती ज़मीनें!
Aug ०७, २०२३ १५:४८सैन्य तख़्तापलट के बाद से नाइजर वैश्विक शक्तियों के बीच जंग का मैदान बना हुआ है। इस देश पर क़ब्ज़े के लिए रूस और अमेरिका ने एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा दिया है। मामला इतना गंभीर है कि नाइजर पर अमेरिका समर्थक पड़ोसी देशों का गठबंधन कभी भी हमला कर सकता है। हालांकि, रूस ने नाइजर के ख़िलाफ़ किसी भी सैन्य कार्यवाही के ख़िलाफ़ गंभीर अंजाम भुगतने की चेतावनी भी दे दी है।
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जनरल क़ासिम सुलेमानी की ट्रम्प ने क्यों कराई थी हत्या? एक ऐसी वजह जो अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री मोदी को एक जैसा बनाती है!
Aug ०६, २०२३ १९:२०हाल में ही एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प कोई चमत्कारी नेता नहीं थे जैसा अक्सर कहा जाता है, बल्कि वे एक ऐसे नेता हैं कि जिन्होंने नस्ली-भेदभाव, रंगभेद और नफ़रती राजनीति को बढ़ावा दिया है।
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भारत की पहचान बनता बिल्डोज़र, ऑन द स्पाट फ़ैसला करती सरकारें, नई प्रथा ने संविधान की उठाई अर्थी! जल्द लगेंगे अदालतों पर ताले!
Aug ०६, २०२३ १७:२४भारत में वह दिन दूर नहीं है कि जब इस देश की अदालतों और न्यायपालिकाओं पर ताले लगे होंगे। क्योंकि जिस तेज़ी से अदालतों और जजों की जगह बिल्डोज़र ले रहा है उससे तो ऐसा ही महसूस होने लगा है। सत्ता में बैठे लोग ऑन द स्पाट फ़ैसले कर रहे हैं। ऐसा दिखने लगा है कि इस देश का संविधान और क़ानून सत्ताधारियों की उंगलियों के इशारों पर नाच रहा है। अब तो ऐसा लगने लगा है कि बिल्डोज़र, ही भारत में किसी भी जुर्म की सज़ा के तौर पर परिवर्तित हो गया है, बस शर्त यह है कि आरोपी मुसलमान या फिर सत्ताधारी पार्टी का विरोधी ह
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इंडिया को हराने के लिए दंगे कराने ज़रूरी, क्या इस सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं भगवा आतंकी?
Aug ०१, २०२३ १५:२१भारत एक महादेश है। यह अपने अंदर पूर्वोत्तर से लेकर सुदूर दक्षिण तक भौगोलिक, भाषाई, सांस्कृतिक और राजनीतिक स्तर पर स्थानीय अस्मिता की भावनाएं समेटे है। पिछले कुछ वर्षों से भारत के संघीय ढांचे पर लगातार हमला हो रहा है। धर्म, भाषा और संस्कृति के आधार पर राज्य प्रायोजित विभाजन और हमले किए जा रहे हैं। मणिपुर, भारत के संघीय ढांचे पर हो रहे हमले का पहला पीड़ित है। वहीं यह आग अब हरियाणा तक पहुंच चुकी है और 2024 के चुनाव आते-आते पूरे देश को अपनी लपटों में समेट लेगी।
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क्या सऊदी अरब और इस्राईल के बीच दोस्ती का समझौता नज़दीक है? अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बिन सलमान को रिझाने में कैसे कामयाब हुए? अब्दुल बारी अतवान का जायज़ा
Jul ३०, २०२३ १६:५८कोई महीना ऐसा नहीं गुज़रता कि अमरीका का कोई बड़ा अधिकारी सऊदी अरब का दौरा न करे और सऊदी क्राउन प्रिंस के सामने कोई बड़ा प्रस्ताव न पेश करे ताकि दोनों देशों के संबंध पिछली डगर पर लौट जाएं और रूस और चीन के बढ़ते प्रभाव पर अंकुश लगे, दूसरी तरफ़ इस्राईल और सऊदी अरब के बीच दोस्ती का समझौता हो जाए।
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क्या भारत में अगर आप हिन्दू और बीजेपी नेता हैं तो रेप कर सकते हैं? मध्य प्रदेश में हर दिन एक नई निर्भया का जन्म!
Jul ३०, २०२३ १४:४८मध्य प्रदेश में अब शायद ही कोई दिन ऐसा बीतता हो कि जब वहां से बलात्कार की कोई ख़बर सामने न आती हो। इधर दो दिनों में दो रेप की घटना ऐसी हुई हैं कि जिसने आम लोगों को झकझोर कर रख दिया है। पहली घटना मंदिर में हुई है तो दूसरी सरकारी स्कूल में। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आख़िर बच्चियां अब कहां सुरक्षित हैं?
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फ़िलिस्तीनी जियालों की साहसिक कार्यवाही से फ़िलिस्तीनियों में भर गया जोश, इस्राईल की दरिंदगी का 24 घंटे के भीतर दे दिया जवाब, अब आगे क्या होने वाला है?
Jun २१, २०२३ १८:३७फ़िलिस्तीन में वेस्ट बैंक के जेनिन शहर पर इस्राईल के वहशियाना हमले का इंतेक़ाम 24 घंटे से भी कम समय में लेते हुए तीन फ़िलिस्तीनी जियालों की टीम ने नाबलुस शहर के क़रीब ईली नाम की ज़ोयनी बस्ती के बाहर हमला कर दिया और 4 ज़ायोनियों को मौत के घाट उतार दिया और सात को घायल कर दिया। घायलों में कई की हालत नाज़ुक है।
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फ़ार्स की खाड़ी में पनपती तीगड़ी से अमेरिका के छूटने लगे पसीने, आख़िर व्हाइट हाउस के अधिकारियों की किस लिए बढ़ रहीं हैं धड़कनें?
Jun १४, २०२३ २०:३५चीन और सऊदी अरब के संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। इस कारण फ़ार्स की खाड़ी के देशों में अमेरिकी हितों को तगड़ा झटका लगा है। वहीं इस घटनाक्रम में सऊदी अरब और ईरान के हर दिन बेहतर होते रिश्तों ने व्हाइट हाउस में बैठे अमेरिकी अधिकारियों की चिंता और बढ़ा दी है।
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हिज़्बुल्लाह और सैयद हसन नसरुल्लाह के बारे में क्या सोचते हैं अरब टीकाकार अब्दुल बारी अतवान, हालिया घटनाओं का क्या है संदेश
Jun १४, २०२३ १९:१६अरब जगत के जाने माने टीकाकार अब्दुल बारी अतवान ने अपने अख़बार रायुल यौम में एक लेख प्रकाशित किया है जिसमें उन्होंने हिज़्बुल्लाह की हालिया गतिविधियों और सैयद हसन नसरुल्लाह के बयानों का जायज़ा लिया। लेख का सारांश हम यहां पेश कर रहे हैं:
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अमरीकी विदेश मंत्री को सऊदी अरब की यात्रा में क्या अपमान झेलना पड़ा? गर्मजोशी का कहीं दूर दूर पता नहीं! रायुल अख़बार का जायज़ा
Jun ०९, २०२३ १८:१०कहते हैं कि अगर किसी अरब या अंतर्राष्ट्रीय स्ट्रैटेजिक मसले में सऊदी अरब की सियासत को समझना हो तो इस देश के सरकारी मीडिया का लहजा और अंदाज़ देख लीहिए।