Pars Today
विश्व के वर्चस्ववादी ईरान की इस्लामी क्रांति को अपने वर्चस्ववादी मार्गों की सबसे बड़ी बाधा समझ रहे हैं क्योंकि यह क्रांति हर प्रकार के वर्चस्व और अत्याचार को नकारती है और मज़लूमों का समर्थक है।
दुनिया की क्रांतियों के बारे में जो विचारधारायें पाइ जाती हैं उन पर ईरान की इस्लामी क्रांति ने दो रूपों में प्रभाव डाला है।
सन 1979 में ईरान में आने वाली इस्लामी क्रांति को बीसवीं शताब्दी की अन्तिम सामाजिक क्रांति भी कहा जा सकता है।
इस्लामी क्रान्ति के घटने के बारे में एक दृष्टिकोण मार्क्सवादी है।
डाक्टर यान रिचर्ड फ्रांस के प्रसिद्ध इस्लाम वेत्ता, विशेषज्ञ और सोरबन विश्व विद्यालय में ईरानी मामलों की संस्था के प्रोफ़ेसर और प्रबंधक हैं।
ईरान की इस्लामी क्रांति के बारे में हम एक ईरानी विद्वान दिवंगत "हमीद इनायत" के विचारों पर चर्चा करेंगे।
मंसूर मोअद्दिल एक ईरानी विशलेषक हैं जो राजनीति, धर्म तथा सत्ता के बारे में अपने दृष्टिकोण पेश करते हैं।
"सईद अमीर अर्जमंद" ईरानी विचारक व बुद्धिजीवी हैं जिन्होंने ईरान की इस्लामी क्रांति के घटित होने के कारणों का अध्ययन किया है।
प्रोफ़ेसर Marvin Zonis मार्विन ज़ोनिस अमरीका के शिकागो विश्वविद्यालय में राजनीतिक अर्थव्यवस्था के प्रोफेसर हैं।
लैला इशक़ी ईरानी मूल की एक फ़्रांसीसी शोधकर्ता हैं।