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शेर की दुनिया- 9
Jul २९, २०२० १२:०८कुछ लोगों का मानना है कि शाहनामा, सामानी व ग़ज़नवी काल के सांस्कृतिक हालात और फ़िरदौसी के दोस्तों के सहयोग व समर्थन का परिणाम है ।
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शेर की दुनियाः मीर तक़ी मीर इश्क़ में इंसाफ़ की दुहाई देते हैं, फ़िरदौसी बाहरी हमले से क्षुब्ध हैं
Feb १९, २०२० १८:५७फ़िरदौसी ने अपनी शायरी में जनभावनाओं को बड़ी ख़ुबसूरती से बयान किया है। मीर तक़ी मीर और सिराव लखनवी ने बड़े सुंदर अंदाज़ में अपनी बात कही है।
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शेर की दुनियाः देश प्रेम की भावना शायरों ने बड़े दिलचस्प अंदाज़ में पेश की है और क्रान्तिकारी शायरों ने तो इसे अलग ऊंचाई पर पहुंचाया है
Feb १३, २०२० १६:४७बिस्मिल, चकबस्त, इक़बाल, फ़िरदौसी के शरों में इस भावना को बड़ी नज़ाकत के साथ पेश किया गया है।
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शेर की दुनिया- 6
Dec ०३, २०१९ १५:४४फ़िरदौसी ने शाहनामे में इस बात का उल्लेख किया है कि इस किताब की रचना में उन्हें तीस साल का समय लगा और इसके लिए उन्हें बहुत कठिनाइयां सहन करनी पड़ीं। वे कहते हैं।
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शेर की दुनिया- 5
Dec ०३, २०१९ १३:१५फ़िरदौसी ने शाहनामे में ख़ुद इस बात का उल्लेख किया है कि इस किताब की रचना में उन्हें तीस साल का समय लगा और इसके लिए उन्हें बहुत कठिनाइयां सहन करनी पड़ीं। वे कहते हैं।
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शेर की दुनियाः मीर अनीस ने अपनी कला से उर्दू साहित्य को नई ऊंचाई दी और फिरदौसी ने अपनी शायरी से फ़ारसी भाषा की इतनी बड़ी सेवा की कि उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता
Nov २१, २०१९ १९:१०मीर अनीस को अपनी शायरी पर बहुत नाज़ था और उन्हें गर्व करने का पूरा अधिकार भी था।
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शेर की दुनियाः अल्लामा इक़बाल का कहना है कि ईश्वर से मुहब्बत एक अलग ही चीज़ है शायद बहुत से सूफ़ी और मौलवी उसको समझ न पाएं, इस मुहब्बत के लिए दीवानगी ज़रूरी है!
Nov ११, २०१९ १७:०७फ़िरदौसी का भी अपना अलग दर्शन है वह अध्यात्मिक विषयों को अपने विशेष दृष्टिकोण से देखते हैं।
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शेर की दुनियाः ग़ालिब ने मांग रखी कि उनकी तनख्वाह माहवार की जाए। क्योंकि उनकी तनख़्वाह में तिहाई का हो गया था शरीक साहूकार
Nov ०२, २०१९ १४:५७फ़ार्सी के महान शायर फ़िरदौसी ने अपना मंतव्य शेरों के रूप में बयान किया और मिर्ज़ा ग़ालिब ने भी अपने अलग अलग अनुभवों और विचारों को पेश करने के लिए शायरी का सहारा लिया।
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शेर की दुनियाः फ़िरदौसी ने ज़माने के हालात अपने शेरों में बयान किए हैं, आयतुल्लाह ख़ामेनई कहते हैं शायरी एक नेमत है और इसका शुक्र इस तरह अदा हो सकता है कि महत्वपूर्ण मुद्दाों में सही दिशा दिखाई जाए!
Oct ३१, २०१९ १६:४९इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता का कहना है कि शायरों की ज़िम्मेदारी यह है कि महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस शुरू करें और लोगों का ध्यान सही दिशा में मोड़ें।
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शेर की दुनियाः ग़ालिब कहते हैं कि वह आने वाले उस ज़माने के बारे में सोच कर सम्मोहित हो जाते हैं जब उनकी शायरी को समझने वाले पैदा होंगे! फ़िरदौसी को भी आने वाले ज़माने से बड़ी उम्मीदें थीं।
Oct २८, २०१९ १८:२९ग़ालिब और फ़िरदौसी के ज़माने के हालात की तुलनात्मक समीक्षा हसन अब्बास और ज़हरा ज़ैदी के शब्दों में