वरिष्ठ भाजपा नेता का दावा, सरकार से सवाल पूछने नहीं दिया गया
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि राज्यसभा सचिवालय ने उनके एक प्रश्न को राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए अनुमति नहीं दी।
उनका कहना था कि इस प्रश्न में यह पूछा गया था कि क्या चीनी सैनिकों ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा "एलएसी" को पार किया था?
राज्यसभा सचिवालय ने कहा कि जब संवेदनशील मामला शामिल रहता है तो वह संबंधित मंत्रालय की सिफ़ारिश के अनुरूप क़दम उठाता है।
स्वामी ने एक ट्वीट में कहा कि यह त्रासदीपूर्ण नहीं हास्यास्पद है कि राज्यसभा ने मेरे इस सवाल पर आज मुझे सूचित किया कि इस प्रश्न को राष्ट्रीय हित में अनुमति नहीं दी जा सकती है कि क्या चीन ने एलएसी को पार किया है?’
राज्यसभा सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में कहा कि यदि संवेदनशील मामला शामिल हो तो सचिवालय संबंधित मंत्रालय की सिफारिशों के अनुरूप चलता है। उन्होंने कहा कि यह लंबे समय से परंपरा रही है।
ज्ञात रहे कि पिछले साल जून में दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प के बाद से विपक्ष भी इस मुद्दे को उठाता रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल सर्वदलीय बैठक में कहा था कि किसी ने भी भारत में प्रवेश नहीं किया या उसकी सीमा पर क़ब्ज़ा नहीं किया।
यह पहला मौक़ा नहीं है जब राज्यसभा सचिवालय या सरकार ने संसद में सवालों को स्वीकार करने से इनकार किया है।
इससे पहले मानसून सत्र के दौरान अगस्त महीने में केंद्र सरकार ने राज्यसभा सचिवालय को पत्र लिखकर कहा था कि भाकपा सांसद बिनॉय विश्वम द्वारा पेगासस मामले पर पूछे गए प्रश्न का जवाब नहीं दिया जाना चाहिए। मोदी सरकार ने दलील दी थी कि चूंकि यह मामले अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं, इसलिए इस पर जवाब नहीं दिया जा सकता है।
इसके अलावा केंद्रीय कानून मंत्रालय ने इसी साल 15 जुलाई को राज्यसभा सचिवालय को एक पत्र लिखकर कहा था कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद शांता छेत्री द्वारा ‘लोकतंत्र सूचकांक में भारत की स्थिति’ पर पूछे गए एक प्रश्न को अस्वीकार कर दिया जाए, जिसका उत्तर 22 जुलाई को दिया जाना था। (AK)
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