Feb २६, २०२३ ०९:२७ Asia/Kolkata
  • मोदी ने कोरोना महामारी से की यूक्रेन संकट की तुलना, क्या भारत अमेरिका और पश्चिमी देशों के दबाव में छोड़ेगा दोस्त देश का साथ?

जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने अपने भारत दौरे के पहले दिन भारत और जर्मनी के संबंधों के और मज़बूत होने की उम्मीद जताई है। नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कई विषयों पर बातचीत की।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, ओलाफ शॉल्त्स की बतौर चांसलर यह पहली भारत यात्रा है। वह शनिवार 25 फरवरी की सुबह भारत पहुंचे जिसके बाद उन्हें राष्ट्रपति भवन ले जाया गया। वहां भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया और फिर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। वहीं पर मीडिया को एक संक्षेप बयान देते हुए जर्मन चांसलर ने कहा, "भारत और जर्मनी के बीच पहले से बहुत अच्छे रिश्ते हैं, हम उम्मीद करते हैं कि हम इस रिश्ते को और मज़बूत करेंगे और हम उन सभी विषयों पर चर्चा करेंगे जो हमारे देशों के विकास के लिए प्रासंगिक तो हैं ही और दुनिया में शांति के लिए भी ज़रूरी हैं." उसके बाद भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने हैदराबाद हाउस में चांसलर शॉल्त्स का स्वागत किया और उनके साथ बातचीत की। बातचीत के बाद दोनों नेताओं ने मीडिया को संबोधित किया। मोदी ने कहा कि दोनों देशों के "मज़बूत संबंध, साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, और एक दूसरे के हितों की गहरी समझ पर आधारित हैं और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक एवं आर्थिक आदान-प्रदान का भी लंबा इतिहास रहा है।"

नई दिल्ली में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्त्स का स्वागत करते हुए।  

इस मौक़े पर भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, "विश्व की दो बड़ी लोकतान्त्रिक अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ता सहयोग, दोनों देशों की जनता के लिए तो लाभकारी है ही, आज के तनाव-ग्रस्त विश्व में इससे एक सकारात्मक संदेश भी जाता है।" भारत में जर्मन निवेश की संभावनाओं को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि "आज 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान की वजह से भारत में सभी क्षेत्रों में नए अवसर खुल रहे हैं। इन अवसरों के प्रति जर्मनी की रुचि से हम उत्साहित हैं।" मोदी ने पिछले वर्ष उनकी जर्मनी यात्रा का हवाला देते हुए कहा कि उस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने "ग्रीन और सस्टेनेबल विकास साझेदारी की घोषणा की थी। इसके माध्यम से, हम जलवायु एक्शन और सतत विकास लक्ष्यों के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा रहे हैं।" मोदी ने यूक्रेन युद्ध का ज़िक्र करते हुए कहा कि यूक्रेन संकट ने कमोडिटीज़ के दामों पर असर डाला है। युद्ध को ख़त्म करने के लिए बातचीत और कूटनीति के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि भारत किसी भी शांति योजना का समर्थन करेगा। मोदी ने कहा कि यह "रूस द्वारा यूक्रेन के ख़िलाफ़ शुरू किया गया एक भयावह आक्रमण" है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की ही तरह यूक्रेन संकट के भी कारण विश्व भर को भारी आर्थिक नुक़सान हुआ है, यह एक "बड़ी तबाही" है। उन्होंने यह भी कहा कि रूसी युद्ध के परिणामों की वजह से दुनिया कष्ट भोग रही है। (RZ)

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