संपादक की पसंद
इस दिन ईरान के तेल उद्योग से विदेशी लुटेरों को बेदख़ल कर दिया गया

इस दिन ईरान के तेल उद्योग से विदेशी लुटेरों को बेदख़ल कर दिया गया

ईरानी कैलेंडर के आख़िरी महीने इसफ़ंद के आख़िरी दिन को ईरान मे तेल के राष्ट्रीयकरण के दिन के रूप में मनाया जाता है।

क्या अब समय नहीं आ गया है कि पश्चिमी मीडिया बेवक़ूफ़ बनाना बंद करे?

क्या अब समय नहीं आ गया है कि पश्चिमी मीडिया बेवक़ूफ़ बनाना बंद करे?

पार्स टुडे- यूरो न्यूज़ ने हालिया दिनों में कई बार इस तरह की ख़बरें प्रसारित कीं कि यूरोप के संस्थानों के कर्मचारियों ने ग़ज़ा में मारे गए लोगों के समर्थन में प्रदर्शन किए और इस ख़बर को पश्चिम के सरकारी संस्थानो की नज़र में मानवाधिकार के ख़ास महत्व की दलील के तौर पर पेश करने की कोशिश की।

अधिक देखी गई ख़बरें

भारत

कौन है जो भारत का नाम मुस्लिम दुश्मनी से जोड़ना चाहता है?

कौन है जो भारत का नाम मुस्लिम दुश्मनी से जोड़ना चाहता है?

पार्सटुडे- भारत के हालिया लोकसभा चुनावों में भारत की सत्तारूढ़ पार्टी भारतीय जनता पार्टी के बहुमत से पीछे रहने की वजह से अब एक महीने से भी कम समय में विपक्षी दलों, विशेषकर मुस्लिम सांसदों की सत्ता में बढ़त हो गई है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में भारत में अल्पसंख्यकों के विरोध के स्वर पहले से अधिक सुनाई दे रहे हैं।

इस्राईल, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के ज़रिए भारतीय चुनाव में कर रहा है गड़बड़ी

इस्राईल, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के ज़रिए भारतीय चुनाव में कर रहा है गड़बड़ी

पार्सटुडे – Open AI के अनुसार, इस्राईल स्थित एक कंपनी ने आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस या एआई का इस्तेमाल करके भारतीय चुनावों में मतदाताओं की राय में हस्तक्षेप किया है।

बॉलीवुड सितारों पर ट्रोल आर्मी का भीषण हमला, इस्राईली ब्रेन वाशिंग की निशानी

बॉलीवुड सितारों पर ट्रोल आर्मी का भीषण हमला, इस्राईली ब्रेन वाशिंग की निशानी

पार्सटुडे- भारत-इस्राईल ट्रेंड ट्रोल आर्मी, भारत में फ़िलिस्तीन के समर्थकों को देश से निकालने या Cancel culture बनाने की कोशिश कर रही है।

रवीन्द्रनाथ टैगोर और ईरान: ईरानी और हिन्दुस्तानी ख़ूबसूरत तसव्वुर की झलक

रवीन्द्रनाथ टैगोर और ईरान: ईरानी और हिन्दुस्तानी ख़ूबसूरत तसव्वुर की झलक

पार्सटुडेः रवीन्द्रनाथ टैगोर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के समर्थक थे और प्रेरणा के लिए अन्य एशियाई देशों की ओर देखते थे। उन्होंने ईरानियों के उपनिवेशवाद-विरोधी दृष्टिकोण को देखा था और यह, उनकी पारिवारिक रुचि के साथ, ईरान और भारत के बीच संबंधों में सुंदर घटनाओं का आधार बन गया।