May १४, २०२४ १८:०९ Asia/Kolkata
  • क्लॉस एम श्वाब ने 1971 में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की स्थापना की (Arnd Wiegmann/Reuters)
    क्लॉस एम श्वाब ने 1971 में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की स्थापना की (Arnd Wiegmann/Reuters)

पार्सटुडेः वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की वार्षिक बैठक उस समय आयोजित की गई जब इसकी स्थिति दुनिया के आम लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो गई है।

2020 और 2021 में "कोविड-19" और "महामारी" की कहानी ने एक ऐसे नाम को जन्म दिया कि जिसके बारे में इससे पहले आम जनमत को किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं थी। जिसने मीडिया की हेडलाइन, समाचार पत्रों के पहले पन्ने पर और सबसे ऊपर अपनी जगह बनाई। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम, या (WEF), एक ग़ैर-सरकारी, नॉन-इलेक्टेड, ग़ैर-जवाबदेह संगठन है, जो कोविड-19 संकट से पहले, स्विट्ज़रलैंड के दावोस में अपने वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए जाना जाता था। लेकिन आज, कोविड के बाद के युग में, यह स्पष्ट हो गया है कि महामारी, क्वारन्टीन, वैक्सीन और इस तरह की चर्चा के अलावा, कई वैश्विक मामलों के पर्दे के पीछे, सतत विकास लक्ष्य दस्तावेज़ (2030 दस्तावेज़ के रूप में जाना जाता है) से वैश्विक महामारी कन्वेन्शन (जो देशों की राष्ट्रीय संप्रभुता के लिए चिंता का विषय है) इस संगठन की भूमिका देखी जा सकती है।

स्विट्ज़रलैंड के दावोस विलेज में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की वार्षिक बैठक दुनिया के अमीर और शक्तिशाली ऐलीट वर्ग के लिए एक भव्य और आरामदेह सभा और सुख भोग का प्रदर्शन मात्र नहीं है। दावोस की वार्षिक बैठकों में हमेशा ऐसे लोगों को बुलाया जाता है जो वास्तव में अपने मद्दे नज़र लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।

"एक्स" डिज़ीज़ और महामारी कन्वेन्शन

दावोस 2024 में, WEF सदस्यों ने एक्स डिज़ीज़ पर एक पैनल चर्चा की मेज़बानी की, जो एक फिक्शनल बीमारी है, जो एक और वैश्विक महामारी का कारण बन सकती है। इस पैनल में भाग लेने वालों में विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस, फिलिप्स हेल्थकेयर के सीईओ  रॉय जैकब्स और एस्ट्राज़ेनेका बोर्ड के अध्यक्ष मिशेल डेमरे शामिल थे। दूसरे शब्दों में कहें तो मेहमान वे लोग थे जिनके लिए कोरोना ने ख़ूब मुनाफ़ा कमाया था।

पैनलिस्टों ने स्वयं स्वीकार किया है कि यह एक "आकर्षक" विषय था और आशा व्यक्त की कि यह सोशल मीडिया पर ध्यान आकर्षित करेगा।

"इस पैनल का उद्देश्य बहुत सरल है: चिकित्सा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कंपनियों और संस्थानों की भूमिका को सरकारों की भूमिका से अधिक कलरफुल बनाना।"

कोविड के समय में, मिडिसिनल उत्पाद का इंजेक्शन लगाने से इनकार करने के कारण लाखों लोग अचानक दूसरे दर्जे के नागरिक बन गए, यात्रा और सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिबंध लगा दिया गया। "हेल्थकेयर को डिजिटल बनाना" विषय पर दावोस बैठक में बोलते हुए, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा के लिए यूरोपीय आयुक्त स्टेला क्यारीकिड्स ने भविष्य में क्या करने की आवश्यकता है इसका एक उदाहरण के रूप में वैक्सीन पासपोर्ट की सराहना की।

आलोचकों की सेंसरशिप

विडंबना यह है कि डब्ल्यूईएफ (WEF) चर्चाओं का एक रीकरिंग टॉपिक आलोचना को सीमित करना है। दावोस 2024 में, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला गर्ट्रूड वॉन डेर लेयेन ने कहा कि "ग़लत सूचना" का मुक़ाबला करना WEF की सर्वोच्च चिंता थी। यह कहा जाना चाहिए कि यह एक अच्छा निर्णय है, लेकिन वह अथॉरिटी कौन है जो ग़लत जानकारी का डिटर्मनैशन करता है? दुर्भाग्य से, जो कुछ भी उनके एजेंडे के विरुद्ध है उसे "झूठी सूचना" माना जाता है और उसे ख़त्म किया जाना चाहिए।

स्थानीय उत्पादन की शक्ति को कम करना

यदि आप पिछले कुछ वर्षों से समाचारों पर नज़र रख रहे हैं, तो आपने शायद देखा होगा कि वे किसानों के ख़िलाफ़ चौतरफ़ा युद्ध छेड़े हुए हैं, ख़ासकर यूरोप में। दुर्भाग्य से, WEF किस तरह मछली पकड़ने, कृषि और स्थानीय लोगों के पशुपालन को सीमित करने के लिए "पर्यावरण" नारे का उपयोग करता है। इसके बाद बिल गेट्स जैसे अमीर लोगों की बड़ी कंपनियों द्वारा बड़े पैमाने पर भूमि हड़प ली गई।

एक विश्लेषण के अनुसार, इस दृष्टिकोण का लक्ष्य मानव पोषण को कीड़ों और अत्यधिक प्रासेस्ट "खाद्य उत्पादों" और "पूरी तरह से प्रयोगशाला में विकसित मांस" या "3 डी- प्रिन्टड मांस" और इसी तरह की सामग्रियों पर निर्भर बनाना है।

कुछ समय पहले किसी ने मज़ाक़िया ढंग से लिखा था: माना जाता है कि असली स्टेक और हैम्बर्गर "इलीट वर्ग" के लिए आरक्षित हैं और बड़ी संख्या में लोगों को नक़ली और ख़राब खाद्य पदार्थों और कीड़ों वाले खानों पर राज़ी रहना चाहिए।

अंततः, इस वर्ष WEF ने अपने लॉन्ग-टर्म लक्ष्य प्रस्तुत किये। जबकि ज़बानी तौर पर वे "स्वतंत्रता," "लोकतंत्र", "समृद्धि" और "पर्यावरण" संरक्षित करना जैसे शब्दों के इस्तेमाल को पसंद करते हैं, लेकिन उनकी नीतियां इसके ठीक विपरीत होती हैं। (RZ)

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