Jul ०१, २०२४ १८:५८ Asia/Kolkata
  • तुर्किए का मज़दूर वर्ग ख़ुद ही इस्राईल के खिलाफ़ मैदान में आ गया
    तुर्किए का मज़दूर वर्ग ख़ुद ही इस्राईल के खिलाफ़ मैदान में आ गया

पार्सटुडे - ग़ज़ा में इस्राईल के अपराधों की वजह से तुर्किए के मज़ूदरों ने इस्राईल के विमानों को ईंधन देने से ही इनकार कर दिया।

इस्राईल की "एल अल" (EL AL) एयरलाइन कंपनी ने एक रिपोर्ट में एलान किया है कि उसके एक विमान को जो पोलैंड की राजधानी वारसॉ से तेल अवीव के लिए रवाना हुआ था तकनीकी ख़राबी की वजह से तुर्किए में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी और उसे ईंधन भरने की इजाज़त नहीं दी गई।

पार्सटुडे के अनुसार, उक्त विमान ने तुर्किए के अंताल्या हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग की लेकिन ईंधन भरने के लिए कहने के बाद, हवाई अड्डे के कर्मचारियों ने मक़ूज़ा क्षेत्रों के लिए रवाना होने से पहले विमान में ईंधन भरने से इनकार कर दिया।

"एल अल" एयरलाइन कंपनी ने एलान किया कि कंपनी के विमान को ईंधन की आपूर्ति न करने के तुर्किए के श्रमिकों की कार्रवाई की वजह से  इस विमान को ग्रीस जाने पर मजबूर होना पड़ा और तेल अवीव के लिए रवाना होने से पहले, इसे ग्रीस के हवाई अड्डे पर ईंधन हासिल हुआ।

ग़ज़ा में फ़िलिस्तीनियों के नरसंहार की वजह से मुस्लिम देशों में ज़ायोनी शासन के ख़िलाफ़ नफ़रत की लहर बढ़ गयी है। यह विषय इतना ज़्यादा गहरा गया है कि मुसलमान, इस्राईल के ख़िलाफ प्रतिबंध लागू करने की मांग भी कर रहे हैं। 

7 अक्टूबर 2023 से पश्चिमी देशों के पूर्ण समर्थन से इस्राईल ने फ़िलिस्तीन के असहाय और उत्पीड़ित लोगों के ख़िलाफ़ ग़ज़ा पट्टी और जॉर्डन नदी के पश्चिमी तट में एक व्यापक नरसंहार शुरू कर रखा है।

 ताज़ा रिपोर्टों के अनुसार ग़ज़ा पट्टी पर ज़ायोनी सरकार के पाश्विक हमलों में अब तक 37718 हज़ार फ़िलिस्तीनी शहीद जबकि 86377 हज़ार से अधिक फ़िलिस्तीनी घायल भी हुए हैं।

ज्ञात रहे कि ब्रिटेन की साम्राज्यवादी योजना के तहत ज़ायोनी सरकार का बुनियादी ढांचा वर्ष 1917 में तैयार हो गया था और विश्व के विभिन्न देशों से यहूदियों व ज़ायोनियों को फ़िलिस्तीनियों की मातृभूमि में लाकर बसा दिया गया और वर्ष 1948 में ज़ायोनी सरकार के अवैध व ग़ैर क़ानूनी अस्तित्व की घोषणा कर दी गयी और तब से लेकर आज तक फ़िलिस्तीनियों की हत्या, नरसंहार और उनकी ज़मीनों पर क़ब्ज़ा जारी है।

इस्लामी गणतंत्र ईरान, इस्राईल के साम्राज्यवादी शासन के पतन और यहूदियों की उनके मूल देशों में वापसी के गंभीर समर्थकों में है।

कीवर्ड्ज़: इस्राईल और तुर्किए, इस्राईली अपराध, ग़ज़ा युद्ध, "एल अल" एयरलाइन कंपनी (AK)

 

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