Jul ०२, २०२४ १५:१६ Asia/Kolkata
  • प्रतिरोधकर्ता महिलाएं, बेहतरीन स्टोरीज़ बयान करने वाली/पश्चिमी मीडिया में प्रतिरोधकर्ता महिलाओं की सेंसरशिप
    प्रतिरोधकर्ता महिलाएं, बेहतरीन स्टोरीज़ बयान करने वाली/पश्चिमी मीडिया में प्रतिरोधकर्ता महिलाओं की सेंसरशिप

पार्सटुडे- "महिलाओं के जिहाद की कहानी" नामक पहला सम्मेलन, तेहरान में आयोजित किया गया था।

प्रतिरोधकर्ताओं को या तो कहानी बयान करने वाला होना चाहिए या ख़ुद कहानी बनना चाहिए और इस दरिमयान प्रतिरोधकर्ता महिलाएं इन स्टोरीज़ को साक्षात बनान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

पार्सटुडे के अनुसार, "महिलाओं के जिहाद की कहानी" नामक पहले सम्मेलन में मीडिया, धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक मैदान में सक्रिय लगभग 900 महिलाओं और 25 विदेशी महिला मेहमानों ने भाग लिया। इस सम्मेलन का शीर्षक था "स्टोरीज़, मज़बूत मीडिया और कर्बला से क़ुद्स तक प्रतिरोधकर्ता महिलाएं"। यह सम्मेलन आईआरआईबी के कांफ़्रेंस हाल में आयोजित हुआ।

इस बैठक में, धार्मिक शिक्षा केन्द्र और विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर हु ज्जतुल इस्लाम मोहसिन क़ंबरियान ने कहा: हर स्टोरी एक नज़रिए पर आधारित होती है और अगर हम सही ढंग से उसे नहीं देखते तो हम सही ढंग से उसका वर्णन नहीं कर सकते।

श्री क़ंबरियान ने आशूरा की घटना और प्रतिरोधकर्ता महिलाओं के प्रतीक के रूप में हज़रत ज़ैनब (सलामुल्लाह अलैहा) की अनूठी भूमिका की ओर भी इशारा किया और कहा: उनका ज़िक्र एक ऐसा ज़िक्र है जिसने एक राष्ट्र की सोई हुई अंतरात्मा को जगाया और उन्हें उनका हक़ दिलाया और मूल तक लौटाया, यह कहानी की एक सही मिसाल है।

उन्होंने इलाक़े में प्रतिरोधकर्ताओं विशेष रूप से फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास की उच्च क्षमताओं पर जोर देते हुए कहा: आज, ग़ज़ा में सभी लोग अपमान स्वीकार न करने के लिए उठ खड़े हुए हैं और प्रतिरोध कर रहे हैं।

धार्मिक शिक्षा केन्द्र और विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ने आर्थिक और सांस्कृतिक सहित अन्य क्षेत्रों में प्रतिरोध को भी महत्वपूर्ण क़रार दिया और कहा, शहीद राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी के प्रयासों ने ईरान को प्रतिरोधक अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में शंघाई संगठन और ब्रिक्स ग्रुप का एक स्थायी सदस्य बना दिया है और हम देख रहे हैं कि आर्थिक शक्ति का झुकाव, पश्चिम से पूरब की ओर हो रहा है।

इस सम्मेलन में ईरान के धार्मिक संगठनों और बोर्डों के संगठन के प्रमुख हुज्जतुल इस्लाम माजिद बाबाख़ानी ने कहा कि ईरान के सांस्कृतिक वातावरण पर एक नया नज़रिया, संस्कृति के प्रचार-प्रसार में महिलाओं की प्रमुख भूमिका को और अधिक स्पष्ट कर देगा।

ईरान के धार्मिक संगठनों और बोर्डों के संगठन के प्रमुख ने महिलाओं का एक बड़ा सांस्कृतिक आंदोलन बनाने के लिए ऐसे सम्मेलन आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

इस सम्मेलन में शामिल एक और सीनियर अधिकारी और आईआरआईबी केन्द्र के स्वयं सेवी बल बसीज के प्रमुख जावद रमज़ान नेजाद ने भी कहा कि पश्चिमी मीडिया पूरब की  उन महिलाओं को प्रतिरोधी दिखाता जो पश्चिमी संस्कृति को जारी रखे हुए हैं।

श्री रमज़ान नेजाद ने कहा, पश्चिम मीडिया में सच्चाई के बारे में अपनी धारणा को वास्तविकता के रूप में दर्शकों के सामने लाने की कोशिश कर रहा है और इस संदर्भ में वह ग़ज़ा में महिलाओं के प्रतिरोध पर पूरी तरह से चुप है और उन्हें केवल एक भयभीत और मज़लूम चेहरे के रूप में दिखाता है।

इसी संबंध में, सांस्कृतिक क्रांति की सर्वोच्च परिषद के सदस्य हसन रहीमपुर अज़ग़दी ने हज़रत ज़ैनब (सलामुल्लाह अलैहा) को महिला जिहाद की गुरु और सबसे कठिनर हालात को सर्वोत्तम सफलता में बदलने वाली नायिका क़रार दिया और उनका अनुसरण करके धर्म का सही ढंग से प्रचार व प्रसार किया जा सकता है।

आईआरआईबी के प्रमुख  श्री पैमान जिब्बिली ने भी इस सम्मेलन में प्रतिरोध द्वारा कहानियां बयान करने को ऐतिहासिक लेहाज़ से प्रतिरोध के भौगोलिक क्षेत्र में हर इंसान के लिए बहुत ही मूल्यवान क़रार दिया।

ग़ज़ा में इस्राईल के अपराधों का ज़िक्र करते हुए श्री पैमान जिब्बिली ने कहा, आज का फ़िलिस्तीनी, हज़रत इमाम हुसैन और उनके निष्ठावान साथियों के प्रतिरोध की कहानियों का परिणाम है।

आईआरआईबी के प्रमुख ने कहा कि इन्हीं कहानियों और रिवायतों ने ही फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ इस्राईल के अपराध की कहानियों को जीवित रखा हुआ है।

इस सम्मेलन के एक अन्य वक्ता हुज्जतुल इस्लाम अली रज़ा पनाहियान ने इस्लाम के विभिन्न युगों में प्रतिरोधकर्ता महिलाओं का ज़िक्र किया जिनमें हज़रत ख़दीजा (स), हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स), हज़रत ज़ैनब (सलामुल्लाह अलैहा) और हज़रत फ़ातेमा मासूमा (सलामुल्लाह अलैहा) शामिल हैं। उन्होंने प्रतिरोध के मैदान में महिलाओं की भूमिका और उसके वर्णन को बेहद महत्वपूर्ण क़रार दिया।

पहले "महिलाओं के जिहाद की कहानी" नामक सम्मेलन के अन्य कार्यक्रमों में शेर पढ़ने, धार्मिक शेर पढ़ने और प्रतिरोध के क्षेत्र में प्रसिद्ध व सक्रिय महिलाओं को पुरस्कार प्रदान करना शामिल था।

कीवर्ड्ज़: "महिलाओं के जिहाद की कहानी" नामक पहला सम्मेलन, प्रतिरोधकर्ता महिलाएं, "स्टोरीज़, मज़बूत मीडिया और कर्बला से क़ुद्स तक प्रतिरोधकर्ता महिलाएं", ग़ज़ा में इस्राईली अपराध (AK)

 

हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए क्लिक कीजिए

हमारा टेलीग्राम चैनल ज्वाइन कीजिए

हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब कीजिए!

ट्वीटर पर हमें फ़ालो कीजिए 

फेसबुक पर हमारे पेज को लाइक करें। 

टैग्स