ईरान और भारत ने अफ़ग़ानिस्तान की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की
इस्लामी गणतंत्र ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव का कहना है कि क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उभरने वाली जटिल प्रगतियों के दृष्टिगत स्वतंत्र देशों के बीच विचारों का स्वतंत्र आदान प्रदान और सहयोग, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नये संबंधों में सक्रिय भूमिका अदा करने के लिए ज़रूरी है।
अली शमख़ानी ने गुरुवार को ताजेकिस्तान में चौथी क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता के अवसर पर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ होने वाली मुलाक़ात में कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में प्रगति, उन महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक है जिसे क्षेत्रीय सुरक्षा पर सीधे प्रभावित होने की वजह से हमेशा क्षेत्रीय वार्ता के एजेन्डे में रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में स्थाई सुरक्षा के लिए इस देश में एक समग्र सरकार के गठन की ज़रूरत है, ईरान की ओर से अफ़ग़ान नागरिकों के पलायन की बड़ी लहर इस बात का चिन्ह है कि इस देश में सामान्य जीवन के लिए आवश्यक मनोवैज्ञानिक सुरक्षा, विभिन्न सामाजिक गुटों को अभी तक हासिल नहीं हो सका है।
उन्होंने बहुत से क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मामलों में ईरान और भारत के संयुक्त दृष्टिकोणों को आर्थिक संबंधों के विस्तृत करने के लिए फ़ायदा उठाने का एक अहम अवसर क़रार दिया जिससे दोनों देशों के लिए 5 वर्षीय व्यापार के लिए संभावित 30 अरब डॉलर का लक्ष्य दिया गया है।
उन्होंने कहा कि यद्यपि चाबहार बंदरगाह को सक्रिय करने के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग स्वीकार्य है लेकिन वर्तमान गतिविधियों में तेज़ी लाने से दोनों देशों की मध्य एशियाई मंडियों तक पहुंच में वृद्धि हो सकती है।
इस अवसर पर अजीत डोभाल ने अफ़ग़ानिस्तान की वर्तमान स्थिति और आतंकी हमलों के क्रम पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में एक समग्र सरकार के गठन में विफलता एक चुनौती थी क्योंकि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा बनने वाले आतंकी गुट अब भी इस देश में सक्रिय हैं। (AK)
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