मानवाधिकारों के उल्लंघनकर्ता ही उसके ध्वजवाहकः ईरान
ग़रीबाबादी ने कहा है कि वास्तव में मानवाधिकारों के मुख्य उल्लंघनकर्ता वे ही हैं जो इसके ध्वजवाहक हैं।
ईरान के मानवाधिकार आयोग के सचिव काज़िम ग़रीबाबादी ने कहा है कि पेंटागन की रिपोर्ट से पता चलता है कि मानवाधिकारों के प्रमुख हनन कर्ता वे ही हैं जो इसकी सुरक्षा का राग अलापते रहते हैं।
उन्होंने ट्वीट किया है कि विश्व में मानवाधिकारों की रक्षा का ध्वज उन्हीं लोगों ने उठा रखा है जो इसके सबसे बड़े हननकर्ता हैं। मानवाधिकारों के संदर्भ में अमरीका और पश्चिमी देशों की नीतियां पूरी तरह से विरोधाभासी हैं।
अपने देशों के आम जनमत तथा संचार माध्यमो के ध्यान को भटकाने के लिए वे हमेशा उन देशों के मानवाधिकारों की स्थति पर चर्चा करते हैं जो पश्चिम के वर्चस्व के ख़िलाफ़ हैं।
उल्लेखनीय है कि अमरीकी रक्षामंत्रालय पेंटागन की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अमरीकी सेना के भीतर यौन उत्पीड़न और बलात्कार की घटनाएं घटी हैं। पेंटागन की ताज़ा रिपोर्ट मेंं बताया गया है कि पिछले ग्यारह वर्षों के दौरान अमरीकी सेना में एक लाख पैंतिस हज़ार बलात्कार के केस और 509 यौन उत्पीड़न के केस दर्ज हुए हैं। इस रिपोर्ट के हिसाब से अमरीकी सेना में हज़ारों सैनिकों पर बलात्कार और यौन उत्पीड़न के आरोप दर्ज किये गए हैं।
विशेष बात यह है कि अमरीकी रक्षामंत्रालय पेन्टागन के अनुसार अमरीकी सेना में यौन उत्पीड़न के अधिकतर मामले, भय या प्रतिशोधात्मक कार्यवाही के कारण बयान नहीं किए जाते।
बताया गया है कि 68 प्रतिशत वे सैनिक जो यौन उत्पीड़न की सूचना देते हैं उनको अपने कमान्डर के बुरे व्यवहार का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि बहुत से सैनिक, मामले को आगे बढ़ाने या अपने वरिष्ठ अधिकारी की शिकायत करने से भयभीत रहते हैं। इस प्रकार से अमरीकी सेना में बलात्कार और यौन उत्पीड़न के बहुत से मामले सामने आ ही नहीं पाते।
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