ईंट का जवाब पत्थर से देना जानता है ईरान, तेहरान की कार्यवाही से बौखलाया अमेरिका
(last modified Tue, 01 Nov 2022 09:41:15 GMT )
Nov ०१, २०२२ १५:११ Asia/Kolkata
  • ईंट का जवाब पत्थर से देना जानता है ईरान, तेहरान की कार्यवाही से बौखलाया अमेरिका

ईरान ने मानवाधिकारों का उल्लंघन करने, ईरान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने और ईरान में हिंसा तथा दंगे भड़काने के आरोप में कुख्यात ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए समेत 10 अमेरिकी नागरिकों और चार संस्थानों को प्रतिबंधित कर दिया है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, इस्लामी गणराज्य ईरान के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को अपनी वेबसाइट पर एक बयान प्रकाशित करके यह सूचना दी है कि हालिया दिनों में ईरान में होने वाले दंगे के मुख्य साज़िशकर्ता अमेरिका के लगातार देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप और मानवाधिकारों के खुले उल्लंघन को देखते हुए तेहरान ने कुख्यात ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए समेत 4 अमेरिकी संस्थानों और 10 नागरिकों पर प्रतिबंध लगा दिया है। विदेश मंत्रालय के बयान में आया है कि अमेरिका द्वारा लगातार किए जाने वाले मानवाधिकारों के उल्लंघन, क्षेत्र में की जाने वाली आतंकवादी कार्यवाहियां और आतंकवाद का समर्थन, साथ ही ईरानी राष्ट्र पर अधिक दबाव बनाने के लिए उसके द्वारा अपनाई गई आर्थिक आतंकवाद की नीति के ख़िलाफ़ ईरान ने अपने संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए अमेरिका पर प्रतिबंध लगाया है।

बता दें कि ईरान ने जिन अमेरिकी नागरिकों पर पाबंदी लगाई है, उनमें अमेरिकी सेंट्रल कमांड के कमांडर माइकल कुरिल्ला, सेंट्रल कमांड के डिप्टी कमांडर ग्रेगरी गिलोट,  स्कॉट डेसॉर्मिक्स, एरबिल, इराक़ में यूएस एयर बेस के कमांडर, जुआन ज़ाराटे, आतंकवाद के वित्त पोषण के लिए कोषाध्यक्ष के सहायक सचिव, मार्क वालेस, एलायंस अगेंस्ट न्यूक्लियर ईरान (योनी) के कार्यकारी निदेशक, , वैली एडिमो, यूएस ट्रेज़री के उप और कार्यकारी उप सचिव, एलेक्सी ग्रिंकविक, 9वीं वायु सेना के कमांडर, ऐनी न्यूबर्गर, साइबर और उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में अमेरिकी राष्ट्रपति के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, आइजैक जॉनसन, अमेरिकी सेना के नागरिक मामले और मनोवैज्ञानिक संचालन कमान और ब्रायन ई. नेल्सन अमेरिका के आतंकवाद और वित्तीय ख़ुफ़िया के लिए ट्रेज़री के अवर सचिव शामिल हैं। वहीं ईरान ने जिन अमेरिकी संस्थानों को प्रतिबंधित किया है, उनमें यूनाइटेड अगेंस्ट न्यूक्लियर ईरान, सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए), नौवीं वायु सेना और नेशनल गार्ड ऑफ यूनाइटेड स्टेट्स शामिल हैं। इस पाबंदी के बाद प्रतिबंधित व्यक्ति को वीज़ा प्राप्त करने और ईरान में प्रवेश नहीं कर सकेगा साथ ही ईरान के अंदर उनकी संपत्ति और बैंक खातों को फ्रीज़ कर दिया जाएगा।

इस बीच ईरान द्वारा अमेरिका के ख़िलाफ़ उठाए गए क़दमों की हर ओर चर्चा है। राजनीतिक टीकाकारों का मानना है कि ईरान के शत्रु, षडयंत्रों और दुष्प्रचारों की मशीन को बंद नहीं होने दे रहे हैं। वे इसपर चौबीसों घंटे काम करते हैं। किसी छोटे से मुद्दे को, तिल का ताड़ बना देते हैं। राजनीतिक टीकाकारों का कहना है कि ईरान दुश्मन ताक़तों ने इस देश में दंगा भड़का कर और उसके सहारे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक बहुत ही गहरी योजना बनाई थी किंतु हमेशा की तरह एक बार फिर उन्हें मायूसी हाथ लगी है। वहीं ईरान द्वारा लगाया गया प्रतिबंध बौखलाए अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के लिए एक सबक़ है। क्योंकि जब वे कथित शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध हिंसक कार्यवाही के निराधार दावे के आधार पर ईरान के अधिकारियों और यहां की संस्थाओं के ख़िलाफ़ प्रतिबंध लगाते हैं तो उन्हें अपनी ऐसी अहंकारी नीतियों के विरुद्ध मिलने वाली जवाबी कार्यवाहियों के लिए भी तैयार रहना चाहिए। ईरान का हमेशा से एक सिद्धांत रहा है और वह यह है कि यह राष्ट्र न कभी ज़ुल्म करता है और न ही ज़ुल्म करने वालों को बिना जवाब दिए छोड़ता है। (RZ)

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