ज़ायोनी संकट में अमरीका भी बेबस दिखाई दियाः काज़िम सिदीक़ी
तेहरान के इमामे जुमा ने कहा है कि अवैध ज़ायोनी शासन के आंतरिक संकट के समय अमरीका की बेबसी साफ दिखाई दी।
हुज्जतुल इस्लाम वल मुसलेमीन काज़िम सिद्दीक़ी का कहना था कि अमरीका की विदेश नीति में ज़ायोनी शासन को विशेष स्थान हासिल था।
उन्होंने कहा कि ज़ायोनी शासन के आंतरिक संकट और वह पर होने वाले हज़ारों लोगों के विरोध प्रदर्शन के समय अमरीका बहुत मजबूर दिखाई दिया। उनका कहना था कि प्रतिरोध के मोर्चे की विशेषता यह है कि जार्डन नदी का पश्चिमी तट वाला क्षेत्र सशस्त्र हो चुका है। अब ज़ायोनी शासन के भीतर से यह आवाज़ें आने लगी हैं कि इस शासन की आयु 80 वर्षों से अधिक नहीं हो पाएगी।
काज़िम सिद्दक़ी कहते हैं कि अमरीकी सीमाओं के बाहर इस देश का वर्चस्व कमज़ोर होता जा रहा है। एक समय में अमरीका, लैटिन अमरीका को अपना बैकयार्ड समझता था लेकिन अब वह ज़माना आ गया है कि लैटिन अमरीकी देशों में सत्ता तक पहुंचने वाले राष्ट्रपति खुल विश्व वर्चस्ववाद का विरोध करते दिखाई दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एसा दौर भी था कि जब अमरीका, स्वयं को पूरी दुनिया का चौधरी समझता था। उस समय तीसरी दुनिया के देश उसके नियंत्रण में थे लेकिन आज अमरीकी सरकारें ही कमज़ोर हो रही हैं।
तेहरान के इमामे जुमा के हिसाब से ईरान के विरुद्ध अमरीका के अत्याचारपूर्ण प्रतिबंध, अपने निर्धारित लक्ष्यों को हासिल नहीं कर सके। इस समय ईरान क्षेत्र और विश्व स्तर पर निर्णाय भूमिका निभा रहा है।
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