Aug २९, २०२३ १७:१० Asia/Kolkata
  • ईरान को तबाह करने का सपना देखने वालों का हश्र दुनिया देख रही है, पश्चिमी देशों ने दंगों को चुना वार्ता को छोड़ाः राष्ट्रपति रईसी

इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति ने कहा है कि पश्चिमी देशों ने वार्ता की मेज़ छोड़ी है। उन्होंने कहा कि खेद की बात यह है कि वह दंगों के सहारे ईरान पर दबाव बनाकर अपने लक्ष्यों हासिल करने का प्रयास कर रहे थे।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, सरकार सप्ताह के मौक़े पर इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ने तेहरान के ख़िलाफ़ दुश्मनों द्वारा की जाने वाली साज़िशों से पर्दा उठाते हुए कहा कि ईरान के ख़िलाफ़ दुश्मनों ने दो तरह की रणनीति अपनाई है। पहली रणनीति दुनिया में ईरान को कमज़ोर करने की है जबकि दूसरी रणनीति ईरानी जनता के अंदर निराशा का भाव पैदा करना है। उन्होंने कहा कि दुश्मनों की दोनों तरह के षड्यंत्र नाकाम हो चुके हैं और ईरान को तबाह करने उनकी सारी कोशिशें बुरी तरह विफल हो चुकी हैं। राष्ट्रपति रईसी ने कहा कि आज पड़ोसी देशों के साथ ईरान के आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों में 14 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि मित्र देशों के साथ ईरान के राजनीतिक, आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध अब बेहतर स्तर पर हैं। राष्ट्रपति रईसी ने यह भी कहा कि 13वीं सरकार ने वाणिज्यिक संबंधों के मामले में एक रिकॉर्ड स्थापित किया है। साथ ही हमारे लैटिन अमेरिकी, अफ़्रीक़ी और एशिया के कई देशों के साथ संबंध बढ़े हैं। ईरान अब यूरेशियन संघ और शंघाई सहयोग संगठन का सदस्य है और हाल ही में ब्रिक्स का सदस्य बना है। इससे साबित होता है कि ईरान की दुनिया में मज़बूत स्थिति है और दुश्मनों की उन सारी साज़िशें पानी फिर गया जिसके ज़रिए वह ईरान को दुनिया से अलग-थलग करने का सपना देखा करते थे।

राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ने कहा कि मैंने देश के सभी अधिकारियों को फील्ड में जाकर लोगों की समस्याओं का समाधान करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा हम अपनी अर्थव्यवस्था या सार्वजनिक जीवन की तुलना अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों की मांगों से नहीं कर सकते। राष्ट्रपति रईसी ने कहा कि ईरान की 13वीं सरकार वार्ता में विफल नहीं हुई और इस बात पर ज़ोर देती है कि प्रतिबंधों को हटा दिया जाना चाहिए ताकि ईरानी राष्ट्र इसके लाभों का आनंद ले सके, लेकिन पश्चिमी देश प्रतिबंध लगाकर इस्लामी गणराज्य ईरान के विकास और प्रगति को रोकना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका और यूरोप ने जेसीपीओए में अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं किया। केवल ईरान ने अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा किया। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने 15 बार पुष्टि की है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम में किसी भी तरह की अनियमितता नहीं पाई गई है। राष्ट्रपति रईसी स्पष्ट रूस से कहा कि जेसीपीओए पूरी तरह से राजनीतिक मुद्दा है। (RZ)

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