Nov १२, २०२३ १०:५३ Asia/Kolkata
  • मिस्र के साथ संबंधों में विकास और विस्तार के लिए हमारे सामने कोई रुकावट नहीं हैः राष्ट्रपति रईसी

इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति ने रियाज़ में इस्लामी सहयोग संगठन और अरब लीग की संयुक्त बैठक के मौक़े पर मिस्र गणराज्य के राष्ट्रपति के साथ मुलाक़ात में इस बात पर ज़ोर दिया कि हमारे सामने मित्र देश मिस्र के साथ संबंधों के विस्तार में कोई बाधा नहीं है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ने शनिवार को सऊदी अरब के रियाज़ में इस्लामिक सहयोग संगठन और अरब लीग की संयुक्त बैठक के मौक़े पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फत्ताह अलसीसी के साथ भेंटवार्ता में इस्लामिक देशों की एकता की ज़रूरत पर ज़ोर दिया और कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान अपने मित्र देश मिस्र के साथ संबंधों को बढ़ाने में किसी भी चीज़ को रुकावट के तौर पर नहीं देखता है। राष्ट्रपति ने कहा कि जनमत को इस बात की उम्मीद यह है कि रफ़ह पास खोल दिया जाएगा ताकि ग़ज़्ज़ा को अंतर्राष्ट्रीय सहायता मिल सके। राष्ट्रपति रईसी ने कहा कि यह सभी के लिए स्पष्ट है कि अमेरिका और ज़ायोनी शासन ग़ज़्ज़ा के उत्पीड़ित और असहाय लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए रफ़ह पास के खोले जाने में रुकावटें पैदा कर रहे हैं, लेकिन इस समय ज़रूरत इस बात की है कि इन बाधाओं को दूर किया जाना चाहिए। मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फ़त्ताह अलसीसी ने भी राष्ट्रपति रईसी के साथ मुलाक़ात में कहा कि क़ाहिरा भी तेहरान के साथ वास्तविक संबंध स्थापित करने के लिए एक निश्चित राजनीतिक इच्छाशक्ति रखता है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि हमने संबंधित मंत्रियों को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को विस्तृत करने का काम सौंपा है।

रियाज़ में इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति का स्वागत करते सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान।

उल्लेखनीय है कि ईरान की विदेश नीति की एक सैद्धांतिक नीति दुनिया के देशों विशेषकर इस्लामी व पड़ोसी देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को विस्तृत करना है और ईरान और सऊदी अरब के संबंध जो विस्तृत हुए हैं उसे इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है। अमेरिका और जायोनी शासन के साथ मिस्र के संबंध हैं और ये संबंध ईरान और मिस्र के संबंधों के सामान्य होने की प्रक्रिया में एक बड़ी रुकावट समझे जाते हैं क्योंकि अमेरिका और जायोनी शासन ईरान और मिस्र के संबंधों के सामान्य होने को बिल्कुल पसंद नहीं करेंगे और अमेरिका और इस्राईल की प्रसन्नता के खिलाफ कदम उठाना मिस्री अधिकारियों के लिए कोई आसान कार्य नहीं है। हालिया महीनों में अमेरिकी अधिकारियों ने मिस्र की कई बार यात्रा की है और ईरान से संबंधों के सामान्य न बनाये जाने के लिए क़ाहेरा पर दबाव भी डाला है। (RZ)

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