ग़ज़्ज़ा में साफ दिखाई दे रहा है पश्चिम का नैतिक पतनः रईसी
राष्ट्रपति रईसी ने ग़ज़्ज़ा को पश्चिम के नैतिक पतन का प्रतीक बताया है।
सैयद इब्राहीम रईसी ने ब्रिक्स के वेब सेमीनार में कहा कि ग़ज़्ज़ा, पश्चिम की नैतिकता के पतन का प्रतीक बन गया है।
दक्षिणी अफ्रीका की मेज़बानी में ग़ज़्ज़ा के विषय पर आयोजित होने वाली इस विशेष बैठक में मंगलवार को ईरान के राष्ट्रपति ने कहा कि अमरीका ने सारे ही अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों को निष्क्रिय कर दिया है।
उन्होंने कहा कि इस्लामी गणतंत्र ईरान ब्रिक्स के सदस्य देशों की सरकारों से मांग करता है कि विश्व में जातीय भेदभाव से संघर्ष करने के लिए वह क़दम उठाए। इसी के साथ वह अवैध ज़ायोनी शासन और उसके पश्चिमी समर्थकों पर दबाव बनाने के लिए कूटनीतिक एवं आर्थिक मार्गों का प्रयोग करे। उन्होंने इस्राईल के हाथों में ग़ज़्ज़ा में किये जाने वाले जीतय सफाए की ओर संकेत किया।
राष्ट्रपति रईसी के अनुसार अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी जैसे देश अवैध ज़ायोनी शासन के लिए हथियारों की पूर्ति कर रहे हैं और ग़ज़्ज़ा में संघर्ष विराम का विरोध भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग़ज़्ज़ा के लिए जाने वाली मानवीय सहायता के मार्ग में अमरीका ने बाधाएं पैदा कर दी हैं और उसी ने सुरक्षा परिषद को निष्क्रिय बना दिया है।
ईरान के राष्ट्रपति कहते हैं कि ग़ज़्ज़ा में अस्पतालों, स्वास्थ्य केन्द्रों, स्कूलों और धार्मिक स्थलों पर बमबारी और वहां पर जारी नरसंहार, खुला आतंकवाद है। एसे में इस अवैध शासन को आतंकी शासन और वहां की सेना को आतंकी संगठन के रूप में पहचाना जाए।
हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए क्लिक कीजिए
हमारा टेलीग्राम चैनल ज्वाइन कीजिए