Jan २५, २०२४ ११:०५ Asia/Kolkata
  • ईरान सहित पूरी दुनिया में हज़रत अली के शुभ जन्म दिवस के मौक़े पर जश्न का माहौल, ज़मीन से आसमान तक अली-अली के नारों की गूंज

आज गुरुवार इस्लामी कैलेंडर के रजब महीने की 13 तारीख़ है, आजका दिन बहुत ही शुभ है और इसका कारण है आज के दिन पैग़म्बरे इस्लाम (स) के दामाद, आम मुसलमानों के चौथे ख़लीफ़ा और शिया मुसलमानों के पहले इमाम हज़रत अली अलैहिस्सलाम का शुभ जन्म दिवस।

हज़रत अली इब्ने अबी तालिब (अ) का शुभ जन्म अभूतपूर्व एवं चमत्कार के रूप में पवित्र काबे में हुआ था। उनकी मां फ़ातेमा बिन्ते असद पवित्र काबे के पास जाती हैं तो काबे की दीवार में अपने आप दर बन जाता है और वह उसके अंदर चली जाती हैं और तभी एक नूर उनकी गोद में हज़रत अली (अ) के रूप में दुनिया में आता है। हज़रत अली (अ) के पिता का नाम अबू तालिब और दादा का नाम अब्दुल मुत्तलिब था। आज ईरान सहित दुनिया के हर कोने में हज़रत अली अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस का जश्न मनाया जा रहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक़, ईरान के सभी छोटे बड़े शहरों में हज़रत अली अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस की पूर्व संध्या से ही जश्न शुरु हो गया जो शुक्रवार देर रात तक जारी रहेगा। ईरान के पवित्र नगर मशहद और क़ुम में हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। पवित्र नगर मशहद में हज़रत इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम के रौज़े में जश्न का माहौल है। जहां पैग़म्बरे इस्लाम के पवित्र परिजनों से श्रद्धा रखने वाले क़सीदे पढ़ रहे हैं। ईरान की सभी निजी व सरकारी इमारतों और राजमार्गों को इस शुभ अवसर पर सजाया गया है। ग़ौरतलब है कि ईरान में हज़रत अली अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस के अवसर को पिता दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, इसलिए हर कोई इस शुभ दिन अपने पिता को विशेषकर बधाईयां एवं उपहार दे रहा है।

वहीं इराक़ के पवित्र नगर नजफ़ का दृश्य देखने योग्य है। पवित्र नगर नजफ़ में हर ओर जश्न का माहौल है। याद रहे कि पवित्र नगर नजफ़ में ही हज़रत अली अलैहिस्सलाम का रौज़ा है। दूसरे शहरों से श्रद्धालु हज़रत अली अलैहिस्सलाम के रौज़े पर पहुंच रहे हैं। भारत और पाकिस्तान में अनेक जगहों पर आज हज़रत अली अलैहिस्सलाम का जन्म दिवस मनाया जा रहा है। इस मौक़े पर भारत और पाकिस्तान में बड़े-बड़े कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है। लोग एक दूसरे को मिठाईयां खिला रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि, आज 13 रजब, हज़रत अली अलैहिस्सलाम का जन्म दिवस है। आप का शुभ जन्म हिजरत से 30 साल पहले सऊदी अरब के मक्का में स्थित पवित्र काबे के भीतर हुआ था। पैग़म्बरे इस्लाम (स) पर ईमान लाने वालों में हज़रत अली (अ) सबसे पहले व्यक्ति हैं और इस्लाम के प्रचार प्रसार के सभी चरणों में हज़रत अली (अ) पैग़म्बरे इस्लाम (स) के मुख्य मददगारों में थे। पैग़म्बरे इस्लाम (स) ने अपने जीवन के अंतिम हज से लौटते वक़्त ईश्वर के आदेश से हज़रत अली (अ) को मक्का से कुछ दूर पर स्थित ग़दीरे ख़ुम नामक स्थान पर लगभग 1 लाख 25 हज़ार हाजियों के बीच अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था।

पार्स टुडे हिन्दी की पूरी टीम इस शुभ अवसर पर आपको बधाई प्रस्तुत करती है। (RZ)

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