इस्राईल, नियंत्रण से निकल चुका हैः जान मेरशाइमर
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जान मेरशाइमर का इंटरव्यू
एक प्रसिद्ध अमरीकी विचारक कहते हैं कि इस्राईल, कंट्रोल से बाहर हो चुका है।
पार्सटुडे- अमरीका के एक मश्हूर विचारक प्रोफेसर जान मेरशाइमर ने एक साक्षात्कार में कहा है कि मूलरूप से इस्राईल अब नियंत्रण से बाहर हो गया है।
जान मेरशाइमर ने पहली अप्रैल को दमिश्क़ में ईरान के काउंसलेट पर इस्राईल के हमले को अन्तर्राष्ट्रीय क़ानूनों के लिए गहरी चोट बताया।
उन्होंने द इंटरसेप्ट वेसाइट पर दिये अपने साक्षात्कार में कहा कि इस्राईल कंट्रोल से निकल चुका है। मेरशाइमर कहते हैं कि जब ग़ज़्ज़ा में सहायता पहुंचाने वाले कारवां पर हमले का साथ दिया जाएगा तो आप पाएंगे कि इस्राईल के लिए किसी भी काम के करने के लिए कोई लिमिट नहीं रह गई है। वह सोचता है कि स्वतंत्र है और वे जो चाहें करें।
उन्होंने आगे कहा कि हम, दमिश्क़ में ईरानी काउन्सलेट पर हमले के बारे में बात कर रहे हैं। यह काम, उस अन्तर्राष्ट्रीय व्यवस्था पर करारी चोट है जिसकी सराहना अमरीका करता रहता है। इस्राईली अब विद्रोहियों की तरह व्यवहार कर रहे हैं। उनके हर काम का समर्थन अमरीका करता है।
इस्राईल के व्यवहार की आलोचना करते हुए जान मेरशाइमर कहते हैं कि यह, संयुक्त राज्य अमरका के लिए अच्छा नहीं है। यह काम, निश्चित रूप में पूरी अन्तर्राष्ट्रीय कूटनीति के लिए उचित नहीं है।
इस अमरीकी विचारक ने ईरान के काउन्सेलट पर इस्राईल के हमले की मंशा को ग़ज़्ज़ा में इस शासन की पराजय से संबन्धित बताया। उन्होंने कहा कि ता नहीं उसका मक़सद क्या है? इसको पहचाना कठिन है।
यह भी कहा जा सकता है कि वह हताश हो चुका है और हाथपैर मार रहा है। ग़ज़्ज़ा की हालत अच्छी नहीं है। इस्राईलियों के बारे में बुरी ख़बरे आ रही हैं।
उन्होंने आगे कहा कि यह भी कहा जा सकता है कि वे तनाव को बढ़ा रहे हैं। यह काम इसलिए किया जा रहा है ताकि स्वयं को दलदल से निकाल सकें।
प्रोफेसर जान मेरशाइमर के अनुसार यह भी हो सकता है कि अमरीका को ईरान से लड़वाना चाहते हों। वैसे यह, इस्राईल के दीर्धकालीन लक्ष्यों में से एक है। यह विषय निश्चित रूप में संयुक्त राज्य अमरीका के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं है।
तसनीम समाचार एजेन्सी के अनुसार अवैध ज़ायोनी शासन के युद्धक विमानों ने पहलीं अप्रैल 2024 को शाम के समय सीरिया की राजधानी दमिश्क़ में ईरान के काउन्सलेट को हवाई हमले का लक्ष्य बनाया था।
बहुत से देशों ने इस हमले की निंदा की थी किंतु इस हमले के कुछ दिनों के बाद संयुक्त राज्य अमरीका ने अपने पश्चिमी घटकों के साथ इस हमले की निंदा के लिए सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को पारित करवाने से रुकवा दिया था।
इस्राईल ने अक्तूबर 2023 से अबतक 33000 से अधिक फ़िलिस्तीनियों को शहीद करा है। उसने ग़ज़्ज़ा में फ़िलिस्तीनियों के घरों को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है।
ब्रिटिश उपनिवेशवादा के षडयंत्र के अन्तर्गत सन 1917 में इस्राईल के गठन की योजना तैयार हो चुकी थी किंतु विश्व के अन्य देशों से फ़िलिस्तीन की भूमि की ओर यहूदियों के पलायन के बाद 1948 में अवैध ज़ायोनी शासन के गठन की घोषणा की गई। उस समय से लेकर अबतक ज़ायोनियों के हाथों फ़िलिस्तीनियों की भूमि पर क़ब्ज़ा करने और उनके जातीय सफाए की कार्यवाहियां विभिन्न शैलियों में जारी हैं।
इस्रलामी गणतंत्र ईरान, अवैध ज़ायोनी शासन के विघटन और यहूदियों के अपनी अस्ल मातृभूमि में वापसी के समर्थकों में से है।
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