Apr २९, २०२४ १८:४४ Asia/Kolkata
  • विश्व अहलेबैत परिषद के महासचिव हुज्जतुल इस्लाम वल मुसलेमीन श्री रज़ा रमज़ानी की वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो से मुलाक़ात
    विश्व अहलेबैत परिषद के महासचिव हुज्जतुल इस्लाम वल मुसलेमीन श्री रज़ा रमज़ानी की वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो से मुलाक़ात

पार्सटुडेः विश्व अहलेबैत परिषद के महासचिव हुज्जतुल इस्लाम वल मुसलेमीन श्री रज़ा रमज़ानी ने वेनेज़ुएला की अपनी यात्रा के दौरान इस देश के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो से मुलाक़ात की और कई अहम मुद्दों पर चर्चा की।

समाचार एजेंसी मेहर की रिपोर्ट के मुताबिक़, अहलेबैत वर्ल्ड असेंबली के महासचिव हुज्जतुल इस्लाम वल मुसलेमीन श्री रज़ा रमज़ानी ने वेनेज़ुएला की अपनी यात्रा के दौरान इस देश के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो से मुलाक़ात करके कई महत्वपूर्ण मामलों पर बातचीत की है। बैठक की शुरुआत में वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने हुज्जतुल इस्लाम वल मुसलेमीन रमज़ानी की वेनेज़ुएला यात्रा पर ख़ुशी व्यक्त करते हुए ईरान और वेनेज़ुएला के संबंधों को भाईचारापूर्ण, गहरा और पुराना माना और कहा:

यह रिश्ते मूल्यों और सिद्धांतों के अनुरूप होने चाहिए। हम एक दुनिया में रहते हैं जहां बदमाश भरे हुए हैं। चावेज़ 21वीं सदी को राष्ट्रों की सदी मानते थे और हम 21वीं सदी का हिस्सा हैं, 21वीं सदी हमारी सदी है। कोई भी हमसे आज़ादी और स्वतंत्रता का अधिकार और शांति से रहने का अधिकार और आध्यात्मिकता, संस्कृति और धर्म को एकजुट करने का अधिकार नहीं छीन सकता।

वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति ने बताया कि ईरान और वेनेज़ुएला के बीच दोस्ती राजनीतिक और अस्थायी नहीं है, बल्कि वास्तविक और रणनीतिक है। उन्होंने ईरान और वेनेज़ुएला के बीच संबंधों को और अधिक मज़बूत बनाने पर ज़ोर दिया। ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता के साथ अपनी मुलाक़ोतों का ज़िक्र करते हुए निकोलस मादुरो ने उन्हें एक बुद्धिमान व्यक्ति माना, जिनके पास दुनिया और इसके विकास का विस्तृत और गहरा विश्लेषण है। उन्होंने ज़ोर दिया कि हम हमेशा ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता के दिशानिर्देशों का उपयोग करते हैं और मैं अहलेबैत वर्ल्ड असेंबली के महासचिव से अनुरोध करता हूं कि वह अयातुल्लाह ख़ामेनेई को मेरा विशेष पहुंचाएं।

विश्व अहलेबैत परिषद के महासचिव हुज्जतुल इस्लाम वल मुसलेमीन श्री रज़ा रमज़ानी की वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो से मुलाक़ात 

आज अमेरिका पर ज़ायोनियों का शासन है

वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति ने विश्व की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण करते हुए कहा:

विश्व परिवर्तन के एक नए दौर में प्रवेश कर चुका है। नाज़ीवाद और फासीवाद को लगभग 100 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन आज हम अमेरिका और पश्चिमी देशों में नाज़ी और फासीवादी विचारधारा को फलता-फूलता हुआ देख रहे हैं। आज की दुनिया की सभी समस्याएं इसी फासीवादी और नाज़ी दृष्टिकोण के कारण हैं जिसका प्रभाव पश्चिमी देशों के सभी स्तंभों पर है।

विश्व अहलेबैत परिषद के महासचिव हुज्जतुल इस्लाम वल मुसलेमीन श्री रज़ा रमज़ानी की वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो से मुलाक़ात 

वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने आगे कहाः

आज, ज़ायोनियों का अमेरिका पर शासन है और सैन्य, राजनीतिक और आर्थिक शक्ति उनके हाथों में है। अमेरिका में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों पार्टियों पर ज़ायोनियों का नियंत्रण है। दो मुख्य शक्तियाँ, सैन्य शक्ति और सामाजिक नेटवर्क, उनके नियंत्रण में है। ज़ायोनियों ने अपनी सैन्य शक्ति से शांति को ख़तरे में डाल दिया और फेसबुक, एक्स और अन्य सामाजिक नेटवर्क की शक्ति से जनता की राय में हेराफेरी कर रहे हैं।

वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति ने अपनी बात रखते हुए आगे कहाः

बेशक, आज हम एक बहुध्रुवीय दुनिया में प्रवेश कर चुके हैं जिसमें चीन, रूस और ईरान जैसे शक्ति के विभिन्न ध्रुव बन गए हैं। ईरान ने सैन्य क्षेत्र में अच्छी प्रगति की है और इस देश को सोशल नेटवर्क के क्षेत्र में भी पूरी ताक़त के साथ उतरना चाहिए। वेनेज़ुएला में, हमने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास को अपना पहला क़दम बनाया है, और हमने वेनेज़ुएला और ईरान के बीच वैज्ञानिक आदान-प्रदान शुरू किया है, जिससे मुझे आशा है कि वैज्ञानिक आदान-प्रदान का विस्तार होगा।

ईरान और वेनेज़ुएला के बीच गहरे और रणनीतिक संबंध

अहलेबैत वर्ल्ड असेंबली के महासचिव हुज्जतुल इस्लाम वल मुसलेमीन श्री रज़ा रमज़ानी ने इस बैठक की निरंतरता में ईरान और वेनेज़ुएला के बीच संबंधों को गहरा और रणनीतिक माना और कहा:

हमारे धर्म के सिद्धांतों के आधार पर ज़ुल्म करने और ज़ुल्म सहने की निंदा की जाती है, वहीं दूसरी ओर सम्मान और न्याय पर ज़ोर दिया जाता है।

रज़ा रमज़ानी ने आगे कहाः

स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी (र.ह) ने ईरानी राष्ट्र और दुनिया के राष्ट्रों को एक महान सबक सिखाया, वह सबक यह था कि हम ज़ुल्म के ख़िलाफ़ खड़े हो सकते हैं और सभ्यता की राह पर चल सकते हैं। इमाम ख़ुमैनी (र.ह) चार सिद्धांतों में विश्वास करते थे, जिनमें ईश्वर में विश्वास, उद्देश्य में विश्वास, रास्ते में विश्वास और लोगों में विश्वास शामिल हैं। इमाम ख़ुमैनी (र.ह) ने इन चार मान्यताओं और विश्वास के स्तंभों के आधार पर एक क्रांति की और ईरान और दुनिया में बदलाव लाए और मौजूदा वैश्विक समीकरणों को बदल दिया।

अहलेबैत वर्ल्ड असेंबली के महासचिव ने आगे कहाः

दुनिया में परिवर्तन होना चाहिए ताकि दुनिया का धन दुनिया के सभी लोगों को न्यायसंगत रूप से मिले न कि ऐसा हो कि दुनिया के 90  प्रतिशत लोग केवल दुनिया के 10  फ़ीसद क्षमताओं का उपयोग करें और दुनिया के 90 प्रतिशत प्रतिभाओं का उपयोग करने में केवल दुनिया के 10 फ़ीसद लोगों का हिस्सा हो।

रज़ा रमज़ानी ने आगे कहाः

दुनिया में कुछ सरकारों द्वारा अन्याय हो रहा है जिसे आप मोडर्न ग़ुलामी कह सकते हैं और इसे ख़त्म करना चाहिए। पहले 100 या 1000 लोगों को ग़ुलाम बनाया जाता था, लेकिन आज वे राष्ट्रों को ग़ुलाम बना रहे हैं, इसलिए मानवाधिकारों का सही अर्थों में सम्मान किया जाना चाहिए।

अहलेबैत वर्ल्ड असेंबली के महासचिव ने आगे कहाः

शिया सोच में न्याय को केंद्रीय स्थान प्राप्त है और इस सोच में न्याय के प्रतीक इमाम अली अलैहिस्सलाम हैं, जॉर्ज जुरदाक़ जैसे विचारकों ने इस मुद्दे पर विशेष ध्यान दिया है। तर्कसंगतता, आध्यात्मिकता और न्याय शिया सोच के तीन ऐसे मुख्य बिन्दू हैं जो अहले बैत अलैहेमुस्सलाम की शिक्षाओं से उत्पन्न हुए हैं।

हुज्जतुल इस्लाम वल मुसलेमीन श्री रज़ा रमज़ानी ने आगे कहाः

हज़रत मसीह अलैहिस्सलाम राष्ट्रों को उनका अधिकार दिलाने के लिए वापस आयेंगे। हम शिया मुसलमानों का यह भी मानना ​​है कि हज़रत मेहदी (अ) राष्ट्रों को उनका अधिकार दिलाने के लिए आएंगे और सरकार धर्मियों के हाथों में आ जाएगी और जिन पर अत्याचार किया गया था वे दुनिया पर शासन करेंगे और अत्याचारियों और अहंकारियों का सफाया कर दिया जाएगा।

अहलेबैत वर्ल्ड असेंबली के महासचिव ने आगे कहाः

ईरान एक क्षेत्रीय शक्ति से वैश्विक शक्ति बन गया है। विभिन्न क्षेत्रों में ईरान की क्षमताएँ उसकी वृद्धि और वैज्ञानिक शक्ति के कारण हैं। ईरान वैज्ञानिक क्षेत्रों में दुनिया के शीर्ष 10 देशों में से एक है और विश्व वैज्ञानिक रैंकिंग में 16वें स्थान पर है। इसलिए, ईरान अपने अनुभवों और वैज्ञानिक उपलब्धियों को अन्य देशों के साथ साझा करने के लिए तैयार है। हम प्रतिबंधों के साए में इन वर्षों के दौरान प्राप्त अनुभवों को वेनेज़ुएला को प्रदान करने के लिए तैयार हैं।

वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति का अहलेबैत सलामुल्लाह अलैहा की शिक्षाओं पर अमल करने वालों पर ध्यान देने पर ज़ोर दिया।

इस बैठक के अंत में, हुज्जतुल इस्लाम वल मुसलेमीन श्री रज़ा रमज़ानी ने वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति से वेनेज़ुएला में अहले बैत (स) के अनुयायियों और उनके चाहने वालों पर विशेष ध्यान देने और उनके प्रतिनिधियों को प्रासंगिक कार्यक्रमों में आमंत्रित करने का अनुरोध किया। इस अनुरोध को वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति ने गंभीरता से लिया और उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि अहले बैत (स) के अनुयायियों के प्रतिनिधियों को हमारे द्वारा हमेशा आमंत्रित किया जाता है।

इस बैठक में इस्लामी गणतंत्र ईरान के विज्ञान, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के संस्कृति और सामाजिक मामलों के उप मंत्री डॉक्टर अब्दुल हुसैन केलांतरी, वेनेज़ुएला में इस्लामी गणतंत्र ईरान के राजदूत "हुजतुल्लाह सुलतानी" ने भी भाग लिया। साथ ही ईरान के साथ सहयोग के लिए वेनेज़ुएला आयोग के प्रमुख एवं वेनेजुएला के परिवहन मंत्री रामून ब्लास्केज़", वेनेज़ुएला के विदेश मामलों के मंत्री "इवान खील पेंटों" और वेनेज़ुएला के सांस्कृतिक और पर्यटन मामलों में राष्ट्रपति के सहायक और वेनेजुएला के संचार मंत्री "फ्रेडी अल्फ्रेड नाज़रेस" उपस्थित थे। (RZ)

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