May २०, २०२४ २१:३३ Asia/Kolkata
  • ईरान के लोग राष्ट्रपति रईसी से इतना प्यार क्यों करते थे?

एक विश्लेषक के मुताबिक़, राष्ट्रपति इब्राहीम रईसी एक शरीफ़ इंसान थे, जो न कभी किसी से उलझते थे और न ही किसी का बिना बात के विरोध करते थे और न ही अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर रौब झाड़ते थे।

कुछ ही समय में ईरानी राष्ट्रपति रईसी ने देश के कोने-कोने का सफ़र किया, ताकि लोगों की समस्याएं सुन सकें और उन्हें दूर कर सकें। उनकी लगातार यात्राओं की वजह से अलग-अलग प्रांतों के लोगों को कहते हुए सुना जा सकता था कि ऐसा लगता है कि कल ही तो आए थे। उनसे नज़दीकी ने लोगों के दुख को बढ़ा दिया है। कोरोना के दौर में वह अस्पतालों और क्लिनिकों में जाते थे, तो लोग उन्हें ख़ुद से काफ़ी नज़दीक समझते थे। अपने ऐसे लीडर के लिए मातम करना और ग़म मनाना कोई अजीब बात नहीं है।

जब ईरान के स्वर्गीय राष्ट्रपति रईसी ने इमाम रज़ा (अ) के रौज़े का प्रबंधन संभाला था, तो उन्होंने लोगों में आध्यात्म की ज्वाला जगा दी थी। जब वह 2017 के राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बने और हार गए, तब भी उन्होंने लोगों को धर्म और नैतिकता के लिए प्रेरित किया। जब वह ईरान के चीफ़ जस्टिस बने, तब भी उन्होंने धार्मिक मूल्यों को मज़बूत बनाया। 2021 में जब उन्होंने राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत लिया, तब भी लोगों में धार्मिक भावनाओं को मज़बूत बनाया। प्रबंधन, न्यायपालिका और राजनीति के तीन अलग-अलग मैदानों में सफलता हासिल करने वाला व्यक्ति कई सामान्य व्यक्ति नहीं हो सकता।

अब जबकि राष्ट्रपति रईसी ज़ाहिरी तौर पर हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन उनकी सबसे बड़ी विरासत इस्लामी व्यवस्था और लोगों की सेवा आज भी महारे बीच है और उनकी शहादत की बरकत से यह विरासत अधिक मज़बूत होगी। शहीद का ख़ून हमेशा, दुशमन के ख़िलाफ़ रंग लाता है और वह ईरान के लोगों में विरोध की भावनाएं जगाने और समीकरणों को बदलने के दुशमन के करोड़ों डॉलर की पूंजी पर पानी फेर सकता है। जनरल सुलेमानी की शहादत, इस्लामी गणतंत्र ईरान की ताक़त में वृद्धि का कारण बनी, तो राष्ट्रपति रईसी की शहादत दूसरे क़दम के तौर पर राष्ट्र के आत्मविश्वास को मज़बूत बनाएगी और ईरान की सामाजिक पूंजी में वृद्धि करेगी। msm

टैग्स