ईरानी विदेशमंत्री सैयद अब्बास इराक़ची कौन हैं? + फ़ोटोज़
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ईरान के विदेशमंत्री और उनके नवासे की तस्वीर
पार्सटुडे – सैयद अब्बास इराक़ची एक ईरानी राजनयिक और राजनीतिज्ञ हैं जो 1403 हिजरी शम्सी से ईरान के विदेशमंत्री के रूप में कार्यरत हैं।
14वीं सरकार में ईरान के विदेशमंत्री सैयद अब्बास इराक़ची एक अनुभवी राजनयिक हैं तथा P5+1 ग्रुप के साथ ईरान की परमाणु वार्ता टीम के सदस्य हैं। उनका विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता और मंत्रालय के उप राजनीतिक प्रवक्ता के रूप में भी कार्य करने का इतिहास रहा है।
पार्सटुडे का यह लेख उनके जीवन पर एक नज़र डालता है।
जन्मदिन
अब्बास इराक़ची का जन्म 5 दिसम्बर 1962 को तेहरान के एक पारंपरिक परिवार में हुआ था। उनकी 3 बहनें और 3 भाई हैं, जिनमें से अधिकांश बिज़नेस और व्यापार के क्षेत्र में सक्रिय हैं और उनके दादा कालीन व्यापारी थे। 17 वर्ष की आयु में उनके पिता का देहान्त हो गया। उनके दो बड़े भाई हैं।
शिक्षा
सैयद अब्बास इराक़ची ने 1985 में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के क्षेत्र में और ईरानी विदेश मंत्रालय के अंतर्राष्ट्रीय संबंध संकाय में अपनी एकेडमिक पढ़ाई शुरू की। 1989 में इस संकाय से स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद, उन्होंने राजनीति विज्ञान और राजनीति शास्त्र संकाय में अपनी मास्टर डिग्री के लिए पढ़ाई शुरु की। इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड के केंट विश्वविद्यालय से राजनीतिक थिंक में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। वह अरबी और अंग्रेजी भाषा में निपुण हैं।

बच्चे
सैयद अब्बास इराक़ची विवाहित हैं और उनके तीन बच्चे (दो बेटे और एक बेटी) हैं।



मैदाने जंग में हाज़िरी
ईरान के वर्तमान विदेशमंत्री सैयद अब्बास इराक़ची का भी ईरान के विरुद्ध बासी शासन द्वारा थोपे गए युद्ध में भाग लेने का इतिहास रहा है। श्री इराक़ची ने इससे पहले अपने इंस्टाग्राम पेज पर पवित्र प्रतिरक्षा काल के दौरान जंग की फ़्रंट लाइन की अपनी एक तस्वीर पोस्ट की थी।

बुक राइटिंग
"द पॉवर ऑफ नेगोशिएशन" और "ईरानी ताइशी" ईरानी विदेश मंत्री सैयद अब्बास इराक़ची द्वारा लिखी गई दो पुस्तकें हैं।

एवार्ड्स
उनको दिए गये एवार्ड्स में जापानी सरकार से ऑर्डर ऑफ द शाइनिंग सन, गोल्डन स्टार और सिल्वर स्टार प्राप्त करना, ईरान के राष्ट्रपति से द्वितीय श्रेणी का राष्ट्रीय पदक प्राप्त करना, ईरान के राष्ट्रपति से प्रशंसा की गोल्ड शील्ड हासिल करना, ईरानी विदेश मंत्रालय द्वारा शोधकर्ता के रूप में चुना जाना, और राष्ट्रपतियों, विदेश मंत्रियों और अन्य अधिकारियों से प्रशंसा के कई पत्र प्राप्त करना वग़ैरा शामिल हैं।
ज़िम्मेदारियां
सैयद अब्बास इराक़ची ने 1999 में ईरानी विदेश मंत्रालय के अंतर्राष्ट्रीय विभाग में एक विशेषज्ञ के रूप में अपना पहला पद संभाला, और 1994 में उन्होंने इस्लामिक सहयोग संगठन में ईरान के मिशन के प्रमुख के रूप में अपना पहला आधिकारिक पदभार ग्रहण किया।
वरिष्ठ ईरानी राजनयिक ने 1999 से 2003 तक फिनलैंड में ईरान के राजदूत के रूप में कार्य किया और फिर 2003 में, वह एक वर्ष के लिए ईरानी विदेश मंत्रालय के पश्चिमी यूरोप विभाग के प्रथम प्रमुख बने।

इराक़ची ने 2005 से 2007 तक ईरानी विदेश मंत्रालय में कानूनी मामलों और अंतर्राष्ट्रीय मामलों के डिप्टी मिनिस्टर के रूप में कार्य किया। 2007 में, वह जापान में ईरान के राजदूत के रूप में टोक्यो गए और इस पद पर चार साल तक रहे।
2013 में, श्री इराक़ची ने विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के रूप में काम किया, उसके बाद उन्हें विदेश मंत्रालय में क़ानूनी और अंतर्राष्ट्रीय मामलों के डिप्टी मिनिस्टर के रूप में नियुक्त किया गया।

11वीं सरकार के सत्ता में आने और ईरान की परमाणु वार्ता को विदेश मंत्रालय को हस्तांतरित करने के साथ, इराक़ची अक्टूबर 2013 में ईरान की परमाणु वार्ता टीम के सदस्य बन गए और तत्कालीन विदेशमंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ़ के बाद, उन्हें P5+1 ग्रुप के साथ परमाणु वार्ता में ईरान का दूसरा सबसे बड़ा पद माना गया, जिसके नतीजे में जुलाई 2015 में ईरान और P5+1 समूह के बीच संयुक्त व्यापक कार्य योजना (JCPOA) के रूप में ज्ञात समझौते पर हस्ताक्षर हुए।

ओमान, ईरान और ट्रम्प की परमाणु कूटनीति के लिए परीक्षण स्थल
ईरानी विदेशमंत्री इराक़ची के नेतृत्व में ओमान में अमेरिकी और ईरानी अधिकारियों के बीच प्रारंभिक वार्ता को वर्तमान में ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम पर औपचारिक वार्ता की संभावना का आकलन करने के अवसर के रूप में देखा जा रहा है।
अमेरिका के खराब रिकॉर्ड और इज़राइली दबाव के बावजूद, ये वार्ताएं वार्ता की रूपरेखा और समय-सारिणी निर्धारित करने में सहायक हो सकती हैं, लेकिन इनका भाग्य अनिश्चित बना हुआ है।

लेकिन युद्ध और अविश्वास की छाया में वार्ता
अमेरिका के विशेष दूत स्टीव वैटकॉफ़ ने ओमान में इराक़ची के साथ अप्रत्यक्ष वार्ता शुरू की, क्योंकि तेहरान और वाशिंगटन के बीच परमाणु तनाव एक महत्वपूर्ण बिंदु पर पहुंच गया है।
ट्रम्प, ईरान के संवर्धन को पूरी तरह से समाप्त करना चाहते हैं, जबकि तेहरान शांतिपूर्ण गतिविधियों के अपने अधिकार को सुरक्षित रखने पर जोर देता है। वार्ता के लिए पूर्व शर्त के रूप में 6 अरब डॉलर के अवरुद्ध ईरानी संसाधनों को जारी करने का मुद्दा उठाया गया है तथा इस बीच, वार्ता पर सैन्य हमले का खतरा मंडरा रहा है। (AK)
कीवर्ड्ज़: परमाणु वार्ता, जेसीपीओए, अमरीका, ओमान
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