ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमरीकी हमला, एक ग़लती थी, रॉबर्ट मैली
ईरान के मामलों में अमेरिका के पूर्व प्रतिनिधि का कहना है कि ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी सैन्य हमला, एक ग़लती थी।
पार्स टुडे के अनुसार, रॉबर्ट मैली ने बुधवार को अमेरिकी नेटवर्क एमएसएनबीसी के साथ एक साक्षात्कार में स्वीकार किया कि इस्लामी गणतंत्र ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी सैन्य हमला, एक ग़लती थी और तेहरान दबाव में आकर रणनीतिक रियायतें देने वाला नहीं है।
परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन के प्रयासों की विफलता का उल्लेख करते हुए, मैली ने ज़ोर देकर कहा कि केवल प्रतिबंध लगाना देशों को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर करने के लिए पर्याप्त नहीं है, और सैन्य विकल्प ईरानी परमाणु मुद्दे का समाधान नहीं है।
ओबामा प्रशासन में परमाणु वार्ता का नेतृत्व करने वाले मैली ने लीबिया, इराक़, उत्तर कोरिया और यूक्रेन जैसे विभिन्न देशों के अनुभवों की ओर इशारा किया और कहाः अगर मैं ईरानी अधिकारियों की जगह होता, तो शायद मैं यह निष्कर्ष निकालता कि मुझे परमाणु हथियारों की आवश्यकता है, क्योंकि ग़द्दाफ़ी को उसके परमाणु कार्यक्रम को आत्मसमर्पण करने के बाद, उखाड़ फेंका गया था, और सद्दाम हुसैन, जिसके पास बम नहीं था, वह भी गिर गया, लेकिन उत्तर कोरिया, जिसके पास बम है, बच गया। msm