ईरान के विदेश मंत्री: क़ाहिरा समझौते की अब कोई वैधता नहीं रही
-
ईरान के विदेशमंत्री सय्यद अब्बास इराक़ची
पार्स टुडे – ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास आराक़ची ने यह कहते हुए ज़ोर दिया कि क़ाहिरा समझौता अब मान्य नहीं है, अमेरिका और तीन यूरोपीय देशों द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समाप्त हो चुके प्रतिबंधों को फिर से लागू करने की कार्रवाई को ग़ैरक़ानूनी करार दिया।
तेहरान में विदेशी राजदूतों, कार्यवाहक दूतों और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि संस्थाओं के प्रमुखों के साथ संयुक्त बैठक में सैयद अब्बास आराक़ची ने कहा:
इस्लामी गणराज्य ईरान, इन प्रतिबंधों को फिर से लागू किए जाने को अवैध मानता है।
ईरान की राष्ट्रीय समाचार एजेंसी के अनुसार इस बैठक में ईरान की विदेश नीति के प्रमुख और तेहरान में तैनात विदेशी राजनयिकों ने क्षेत्र के ताज़ा घटनाक्रमों पर बंद दरवाज़ों के पीछे चर्चा की।
इस बैठक का मुख्य एजेंडा था अमेरिका और तीन यूरोपीय देशों द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों को पुनः लागू करने की गैरक़ानूनी कार्रवाई के बाद ईरान की नई कूटनीतिक दिशा को स्पष्ट करना।
विदेश मंत्री आराक़ची ने बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा:
स्नैप-बैक की प्रक्रिया ने सभी पूर्ववर्ती शर्तों को बदल दिया है और काहिरा समझौते की अब कोई वैधता नहीं रही।
इस्लामी गणराज्य ईरान ने इस मुद्दे के समाधान के लिए हर सम्भव वार्ता का मार्ग अपनाया लेकिन अब पश्चिमी देशों के पास स्नैप-बैक का उपयोग करने के लिए कोई ठोस कारण नहीं बचा है।
उन्होंने आगे कहा:
अनुभव ने सिद्ध किया है कि ईरान के परमाणु मुद्दे का समाधान केवल कूटनीतिक तरीक़े से ही संभव है।
ईरान के विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया: जैसे सैन्य हमला ईरान के परमाणु मुद्दे का समाधान नहीं था, उसी तरह स्नैप-बैक प्रक्रिया भी इस संदर्भ में कोई परिणाम नहीं देगी।
अराक़ची ने कहा कि कूटनीति हमेशा मौजूद रहती है लेकिन अब यूरोप ने ईरान के साथ वार्ताओं में अपनी भूमिका खो दी है और उसका प्रभाव कम हो गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि अमेरिका और यूरोप सद्भावना के साथ आगे आएं, तो बातचीत से परिणाम निकल सकता है विशेष रूप से मौजूदा परिस्थिति में, जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों की वापसी से हालात और कठिन हो गए हैं।
ईरान के विदेश मंत्री ने यह भी कहा: अमेरिका और ज़ायोनी शासन द्वारा ईरान पर सैन्य आक्रमण के दौरान सभी देशों ने इस्लामी गणराज्य ईरान के साथ एकजुटता दिखाई थी, क्योंकि ईरान ने एक सुविवेकी और संयमित भूमिका निभाई थी। अब भी वही स्थिति है आज भी ईरान को दुनिया में एक तार्किक और ज़िम्मेदार खिलाड़ी के रूप में पहचाना जा रहा है। MM