ज़ायोनी नेताओं की अंतरराष्ट्रीय अदालत में सुनवाई मुस्लिम राष्ट्रों की साझा मांग
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पार्सटुडे-  ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बकाई ने ग़ज़ा में ज़ायोनी शासन के अत्याचारों और लेबनान पर उसके हमलों की निंदा करते हुए क्षेत्रीय देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस शासन द्वारा क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति व स्थिरता के लिए पैदा किए गए स्थायी खतरे का मुकाबला करने हेतु गंभीर कदम उठाने की मांग की है।
(last modified 2025-12-16T14:03:37+00:00 )
Dec १६, २०२५ १४:५९ Asia/Kolkata
  • ज़ायोनी नेताओं की अंतरराष्ट्रीय अदालत में सुनवाई मुस्लिम राष्ट्रों की साझा मांग
    ज़ायोनी नेताओं की अंतरराष्ट्रीय अदालत में सुनवाई मुस्लिम राष्ट्रों की साझा मांग

पार्सटुडे-  ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बकाई ने ग़ज़ा में ज़ायोनी शासन के अत्याचारों और लेबनान पर उसके हमलों की निंदा करते हुए क्षेत्रीय देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस शासन द्वारा क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति व स्थिरता के लिए पैदा किए गए स्थायी खतरे का मुकाबला करने हेतु गंभीर कदम उठाने की मांग की है।

प्रवक्ता के बयान की मुख्य बातें:

 

ग़ज़ा में अत्याचार: विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बकाई ने लगातार बमबारी और मानवीय सहायता के प्रवेश में अड़चन डालकर ग़ज़ा में फिलिस्तीनियों के नरसंहार व बर्बादी को जारी रखने की निंदा की। उन्होंने इन अत्याचारों को रोकने और युद्ध अपराधियों एवं जनसंहार के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए संयुक्त राष्ट्र तथा वैश्विक समुदाय की तत्काल प्रभावी कार्रवाई की जिम्मेदारी को रेखांकित किया।

 

युद्ध अपराधों की निंदा: प्रवक्ता ने 1949 के जिनेवा कन्वेंशन के अनुच्छेद-1 के तहत अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के नियमों को सुनिश्चित करने के सभी देशों के दायित्व को दोहराते हुए, ज़ायोनी शासन द्वारा मानवीय कानून के बार-बार और जघन्य उल्लंघन तथा युद्ध अपराध, मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार को करने की कड़ी निंदा की। उन्होंने ज़ायोनी शासन की दण्डमुक्ति को समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

 

अमेरिकी समर्थन पर आरोप: बकाई ने आरोप लगाया कि ज़ायोनी शासन अमेरिकी सरपरस्ती तथा लेबनान और ग़ज़ा में युद्धविराम के जिम्मेदारों की उदासीनता का फायदा उठाकर, अधिकृत फिलिस्तीन और लेबनान में बर्बर अत्याचार जारी रखे हुए है।

 

व्यावहारिक रोकथाम का उपाय: अंतरराष्ट्रीय अदालत में सुनवाई

 

प्रवक्ता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (International Criminal Court - ICC) या किसी विशेष ट्रिब्यूनल में ज़ायोनी शासन के नेताओं की सुनवाई इन अत्याचारों की पुनरावृत्ति को रोकने तथा दुनिया भर में मानवाधिकार उल्लंघनकर्ताओं को स्पष्ट संदेश देने का काम कर सकती है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के जनआंदोलन और मानवाधिकार संगठन इस शासन की जवाबदेही की मांग कर रहे हैं, जो अंतरराष्ट्रीय कानूनी कार्रवाई का आधार तैयार कर सकता है।

 

सुनवाई के रास्ते में बड़ी चुनौतियाँ

 

हालाँकि, प्रवक्ता ने स्वीकार किया कि ज़ायोनी शासन के नेताओं की अंतरराष्ट्रीय अदालतों में सुनवाई कई गंभीर अवरोधों का सामना करती है:

 

राजनीतिक संरक्षण: अमेरिका और कुछ पश्चिमी देशों का राजनीतिक व कूटनीतिक समर्थन तथा अमेरिका द्वारा सुरक्षा परिषद में वीटो अधिकार का इस्तेमाल, बाध्यकारी प्रस्ताव पारित होने से रोकता है।

 

ICC की संरचनात्मक कमजोरियाँ: ICC के पास स्वतंत्र कार्यान्वयन तंत्र नहीं है और अपने आदेशों को लागू करने के लिए यह सदस्य देशों के सहयोग पर निर्भर है। अमेरिका सहित कई देश संदिग्धों के प्रत्यर्पण या आदेशों के कार्यान्वयन में आवश्यक सहयोग नहीं करते।

 

सदस्यता का अभाव: चूंकि ज़ायोनी शासन ICC का सदस्य नहीं है और इसकी अधिकारिता को मान्यता नहीं देता, इससे कानूनी प्रक्रिया जटिल होती है।

 

सांकेतिक महत्व और भविष्य की रणनीति

 

इन चुनौतियों के बावजूद, प्रवक्ता ने कहा कि शिकायतें दर्ज कराना और आदेश जारी करना, भले ही वे तुरंत लागू न हों, का प्रतीकात्मक व राजनीतिक महत्व है और इससे वैश्विक स्तर पर ज़ायोनी शासन की वैधता कमजोर हो सकती है।

 

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका और पश्चिम द्वारा संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय अदालतों में ज़ायोनी शासन का समर्थन जारी रखने के बावजूद, इस्लामी दुनिया अंतरराष्ट्रीय कानूनी संभावनाओं, राजनीतिक व कूटनीतिक एकता, संयुक्त समितियों के गठन और जनमत के दबाव का उपयोग करके, अंतरराष्ट्रीय अदालतों में ज़ायोनी शासन के नेताओं की सुनवाई का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।

 

अंत में, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ज़ायोनी शासन की कानूनी कार्रवाई के रास्ते मौजूद हैं, लेकिन उन्हें लागू करने के लिए इस्लामी देशों की एकता, जनमत का दबाव, अत्याचारों का सटीक दस्तावेजीकरण और मौजूदा कानूनी संभावनाओं के उपयोग की आवश्यकता है। (AK)

 

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